वर्तमान समय में दुनिया कई जटिल सुरक्षा संकटों का सामना कर रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध, जो लगभग दो साल पहले शुरू हुआ था, ने वैश्विक सुरक्षा तंत्र को हिला दिया है। इस युद्ध के प्रभाव केवल दो देशों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक संतुलन पर गहरा असर पड़ा है।
इजरायल और हमास के बीच संघर्ष
हाल में, इजरायल ने गाज़ा में हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की है। यह संघर्ष इजरायल के लेबनान और सीरिया पर भी हमले कर रहा है। इन सभी घटनाओं के चलते पश्चिम एशिया में स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।
एशियाई संघर्ष
चीन और ताइवान के बीच तनाव भी बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, ताइवान ने अपने रक्षा बजट को बढ़ाने की योजना बनाई है, जिससे स्पष्ट होता है कि वहां भी युद्ध की संभावनाएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच भी लगातार तनाव बना हुआ है, जो स्थिति को और गंभीर बना रहा है।
भारत की तैयारी
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें प्रमुख भूमिका निभाई है स्वदेशी मिसाइल विकास कार्यक्रमों की। भारत ने विभिन्न श्रेणियों की मिसाइलों का विकास किया है
1. बमवर्षक विमान
भारत ने रूस से Tu-22M3 और Tu-160 ‘वॉइट स्वान’ बमवर्षक विमानों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये विमान उच्च गति वाले हैं और एक बार में 12 लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल या छोटी दूरी की न्यूक्लियर मिसाइल ले जाने में सक्षम हैं। इन विमानों की उड़ान की क्षमता 12,000 किलोमीटर है, जिससे भारतीय वायुसेना को दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी करने में अत्यधिक मदद मिलेगी।
2. मिसाइल विकास
भारत ने अपने मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण प्रगति की है। स्वदेशी रूप से विकसित की गई विभिन्न मिसाइल प्रणालियाँ भारत की सुरक्षा को और मजबूत करती हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- अग्नि मिसाइल: अग्नि-1, अग्नि-2, और अग्नि-5 जैसे विभिन्न संस्करण हैं, जो क्रमशः 700-8000 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के ठिकानों को लक्षित कर सकते हैं।
- पृथ्वी मिसाइल: यह छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो विभिन्न प्रकार की वारहेड ले जाने में सक्षम है।
- ब्रह्मोस: यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो 290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है और इसे विभिन्न प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है।
3. एंटी-मिसाइल सुरक्षा
भारत ने अपनी एंटी-मिसाइल सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। एस-400 वायु रक्षा प्रणाली और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम जैसे उन्नत विकल्पों से भारत ने अपने वायु रक्षा तंत्र को सुदृढ़ किया है। ये प्रणालियाँ दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को प्रभावी ढंग से नष्ट कर सकती हैं।
4. आंतरिक सुरक्षा
भारत ने आंतरिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इसके अंतर्गत, एक सशक्त नेटवर्किंग सिस्टम की स्थापना की गई है, जिससे भारतीय सशस्त्र बलों को बेहतर समन्वय और तेजी से प्रतिक्रिया समय मिल रहा है।
इन तैयारियों के माध्यम से, भारत ने अपनी रक्षा स्थिति को मजबूत किया है। विश्व में बढ़ते तनाव और संभावित युद्ध के खतरे के बीच, भारत अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए ठोस कदम उठा रहा है। यह तैयारियाँ भारत की स्थिरता और शक्ति का संकेत हैं, जिससे यह साफ है कि देश वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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