Monday, July 7, 2025

सांप का कहर: एक ही गांव में तीन लोगों की मौत, वन विभाग ने लगाया कैंप

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Image Source - Amar Ujala

हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर तहसील के सदरपुर गांव में करवाचौथ की रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे गांव को खौफ में डाल दिया। मजदूर रिंकू के दो मासूम बच्चे, कनिष्य और साक्षी, रात को सोते समय सांप के डसने का शिकार हो गए। बच्चों की तबीयत बिगड़ते ही उनकी मां पूनम घबराकर उनकी मदद के लिए आईं, लेकिन दुर्भाग्यवश सांप ने उन्हें भी अपना शिकार बना लिया। इस हादसे में तीनों की मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में मातम और खौफ का माहौल बन गया है। लोगों का कहना है कि इस तरह का हादसा पहले कभी नहीं हुआ, और इस घटना ने उन्हें सांपों के खतरों के प्रति सतर्क कर दिया है।

सांप के काटने से गांव में दहशत, अब तक छह लोग बने शिकार

इस त्रासदी के बाद गांव में सांपों के काटने की घटनाएं बढ़ गई हैं। अभी तक इस सांप के कहर से छह लोग प्रभावित हो चुके हैं, जिससे गांव के लोगों का डर और गहरा हो गया है। लोग अब रात में सोने से भी डरने लगे हैं और हर छोटी सी आवाज़ या हरकत पर चौंक जाते हैं। वन विभाग की टीम ने सुरक्षा के लिए गांव में कैंप किया है और सांपों को पकड़ने का काम लगातार जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें वन विभाग की मदद पर भरोसा तो है, लेकिन सांप के डर से उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है। हर ओर इसी हादसे की चर्चा हो रही है, और लोग अपने घरों में बंद होकर सतर्कता बरत रहे हैं।

सांप पकड़ने के लिए वन विभाग का अभियान और सपेरों की मदद

ग्रामीणों की सुरक्षा के प्रति वन विभाग ने एक अनोखी पहल की है। विभाग ने सपेरों की एक टीम को गांव बुलाया और तीन दिनों तक एक विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान सपेरों ने पारंपरिक बीन बजाकर और कुछ स्थानीय टोने-टोटके आजमाकर सांपों को बाहर निकालने की कोशिश की। गांव में इन तीन दिनों के दौरान खूब हलचल रही, और गांववालों को थोड़ी राहत भी महसूस हुई कि कुछ सांप पकड़े गए हैं। अब तक टीम ने चार सांप पकड़ लिए हैं, हालांकि उनमें से कोई जहरीला नहीं निकला। बावजूद इसके, लोगों के मन में अब भी अनजाने खतरे का डर बना हुआ है।

जागरूकता और सुरक्षा के प्रयास, लेकिन डर बरकरार

वन विभाग ने स्नेक प्रोटेक्शन सोसाइटी के विशेषज्ञों की टीम को भी बुलाया है, जो ग्रामीणों को सांपों की पहचान, उनसे बचाव के उपाय, और उचित सावधानियों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स गांव में घूम-घूम कर लोगों को जानकारी दे रहे हैं, ताकि सांपों से डरने की बजाय उनसे बचाव का सही तरीका अपनाया जा सके। हालांकि, इन सभी प्रयासों के बावजूद गांववाले इतने खौफ में हैं कि रात में वे अपने घरों के बाहर सामूहिक रूप से जागने का इंतजाम कर रहे हैं। गांव में रतजगा की परंपरा तो नहीं है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए हर परिवार रात में पहरेदारी कर रहा है ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।

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