नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आतंकियों ने सेना के वाहनों पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में सेना के दो जवान शहीद हो गए, जबकि दो सिविल पोर्टर की भी जान चली गई। इसके अलावा, कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। हमले के बाद आतंकी फरार हो गए, और उनकी तलाश में सुरक्षा बलों ने इलाके में सख्ती बढ़ा दी है।
हमला कैसे हुआ?
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट के पास बोटापथरी इलाके में नागिन चौक पर सेना के राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के एक वाहन पर अचानक गोलीबारी की। हमले में दो सैनिकों की जान चली गई और कई घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकियों की तलाश के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं।
आतंकियों की तलाश तेज
हमले के बाद सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, आतंकियों का पता लगाने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। आतंकियों ने हमले के बाद वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने इलाके की नाकेबंदी कर दी है।
स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल
गुलमर्ग का यह इलाका आमतौर पर शांत और आतंकवाद से मुक्त माना जाता है, लेकिन हालिया घटनाओं ने स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। गुलमर्ग और बोटापथरी जैसे इलाके हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं, लेकिन इस आतंकी हमले के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
इससे पहले भी हुए हमले
यह आतंकी हमला तब हुआ है जब घाटी के अन्य इलाकों में भी हाल के दिनों में आतंकियों ने हमले किए हैं। गुरुवार को पुलवामा जिले के त्राल इलाके में एक मजदूर पर आतंकियों ने हमला किया था। इसके अलावा, गंदेरबल जिले में एक निजी कंपनी के शिविर पर भी आतंकियों ने हमला कर छह गैर-स्थानीय श्रमिकों और एक स्थानीय डॉक्टर की हत्या कर दी थी।
सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई
आतंकियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती और सख्ती बढ़ा दी गई है। सेना और पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बल भी इन इलाकों में सक्रिय हैं ताकि आतंकियों की धरपकड़ की जा सके और ऐसे हमलों को रोका जा सके।