UP Police Constable Appointment: 12048 महिलाओं सहित 60244 नियुक्ति पत्र, कार्यक्रम में शामिल हुए गृहमंत्री शाह और सीएम योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत 60244 पुलिस कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं। इनमें से 12048 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस ऐतिहासिक भर्ती प्रक्रिया का समापन राजधानी लखनऊ के डिफेंस एक्सपो में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
देश की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती: योग्यता ही आधार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “न खर्ची, न पर्ची। आप सभी ने अपनी मेहनत से यह स्थान हासिल किया है।” यह बयान न केवल पारदर्शिता का प्रतीक है बल्कि यह भी दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार अब योग्यता आधारित भर्ती प्रणाली को ही आगे बढ़ा रही है।

गृहमंत्री ने इस भर्ती को देश की सबसे बड़ी और पारदर्शी पुलिस भर्ती करार दिया, जिसमें 48 लाख आवेदन प्राप्त हुए और 60 हजार से अधिक पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई।
नियुक्ति पत्र पाकर युवाओं में उत्साह

60244 युवाओं को पुलिस बल में शामिल किया जाना उत्तर प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले हैं, वे उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को पास करके चुने गए हैं। इन पदों में से 12048 पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे।
कार्यक्रम स्थल पर विशेष व्यवस्थाएं

उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए खास इंतजाम किए गए थे। प्रत्येक नियुक्त कांस्टेबल के लिए उनके गृह जिले से लेकर लखनऊ तक आने-जाने और रात्रि विश्राम के लिए मध्यवर्ती जिलों में व्यवस्था की गई थी।
कैसे हुई भर्ती? जानें पूरा सिलसिला
- कुल पद: 60244
- महिला पद: 12048
- आवेदन प्राप्त: 48 लाख से अधिक
- परीक्षा केंद्र: 1174
- जिलों की संख्या: 67
- परीक्षा का आयोजन: पहली बार फरवरी 2024 में, लेकिन रद्द की गई
- नई परीक्षा: अगस्त 2024 में आयोजित
- चयनित अभ्यर्थी: 60244
इस पूरी प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में योग्यता, पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता के साथ बड़े स्तर पर भर्ती संभव है।
योगी आदित्यनाथ का संबोधन: बदलते यूपी की तस्वीर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि,
“उत्तर प्रदेश पुलिस अब पूरी दुनिया में अपने अनुशासन, दक्षता और तकनीकी आधुनिकता के लिए पहचानी जा रही है। यह भर्ती प्रदेश की कानून व्यवस्था को और सशक्त बनाएगी।”
सीएम योगी ने यह भी कहा कि महिला अभ्यर्थियों की बढ़ती संख्या नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
टॉप 50 अभ्यर्थियों को मिला विशेष सम्मान
गृहमंत्री अमित शाह ने उन 50 अभ्यर्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपे जिन्होंने सिपाही भर्ती परीक्षा में टॉप स्थान प्राप्त किए थे। इन युवाओं का सम्मान करते हुए उन्होंने कहा कि वे उत्तर प्रदेश की पुलिस सेवा में नैतिकता और समर्पण के साथ काम करें।
गृहमंत्री का संदेश: अनुशासन और सेवा का संकल्प
अमित शाह ने सभी नए पुलिसकर्मियों से कहा,
“अब आपकी जिम्मेदारी है कि आप जनता के बीच पुलिस की छवि को बेहतर करें। पुलिस को जनविश्वास का प्रतीक बनाना आपका कर्तव्य है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में पुलिस बल में डिजिटल तकनीक, फोरेंसिक साइंस, और साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष प्रशिक्षण भी शुरू किया जाएगा।
भोजन और लॉजिस्टिक्स की विशेष तैयारी
कार्यक्रम में भाग लेने आए सभी नियुक्त अभ्यर्थियों के लिए दोपहर के भोजन, पीने के पानी, और आरामगृह की व्यापक व्यवस्था की गई थी। यह आयोजन अपने आप में उत्तर प्रदेश में आयोजित सबसे बड़े नियुक्ति कार्यक्रमों में से एक बन गया।
महिला अभ्यर्थियों की रिकॉर्ड भागीदारी
12048 महिला कांस्टेबलों को नियुक्त किए जाना महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश सरकार का बड़ा कदम है। इससे न केवल पुलिस बल में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, बल्कि महिला सुरक्षा के मुद्दों पर भी असरदार बदलाव देखने को मिलेंगे।
क्या बोले नियुक्त अभ्यर्थी?
कार्यक्रम में कई नए चयनित अभ्यर्थियों ने अपनी भावनाएं साझा कीं:
- रचना सिंह (कानपुर): “मुझे गर्व है कि मैंने बिना किसी सिफारिश के यह नौकरी पाई।”
- मोहित यादव (लखनऊ): “मेरे पिता किसान हैं। मैंने दिन-रात पढ़ाई की और आज मेरा सपना पूरा हुआ।”
यूपी पुलिस की नई तस्वीर
2017 के बाद से यूपी पुलिस में सुधार, तकनीकी उन्नति, और अनुशासन पर विशेष जोर दिया गया है। इस भर्ती से उत्तर प्रदेश पुलिस को युवा, तकनीकी रूप से सक्षम, और जनता से जुड़ी नई पीढ़ी का साथ मिलेगा।
भविष्य की तैयारी: ट्रेनिंग और तकनीक पर जोर
अब नियुक्त होने वाले सभी पुलिसकर्मियों को व्यवस्थित ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें निम्नलिखित शामिल होंगे:
- फिजिकल ट्रेनिंग
- साइबर क्राइम की रोकथाम
- मानव अधिकारों की शिक्षा
- सामुदायिक पुलिसिंग के सिद्धांत
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