Dragon to Space की उड़ान: भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन में Dragon स्पेसक्राफ्ट के ज़रिए अंतरिक्ष की यात्रा की। जानिए इस ऐतिहासिक मिशन की 10 बड़ी बातें, कैसे हुई लॉन्चिंग, क्या था मिशन का मकसद, और कौन-कौन थे बाकी क्रू मेंबर।
शुभांशु शुक्ला समेत कुल चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर Axiom-4 मिशन बुधवार, 25 जून को दोपहर 12:01 बजे अंतरिक्ष की ओर रवाना होगा। इस ऐतिहासिक मिशन की सभी अहम जानकारियाँ जानिए 10 प्वाइंट्स में।
Axiom-4 मिशन 25 जून को चार अंतरिक्ष यात्रियों के दल के साथ लॉन्च किया जाएगा, जिनमें शुभांशु शुक्ला भी शामिल होंगे यह ऐतिहासिक मिशन NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से Spacex के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए अतिरिक्ष के लिए रवाना होगा। इस उड़ान के साथ शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे ऐसे नागरिक बन जाएंगे जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की है – उनसे पहले यह उपलब्ध राकेश शर्मा को मिली थी।

Subhanshu Sukla’s Axiom -4: अब 25 जून को होगी लॉन्चिंग, जानिए मिशन की details
भारत के वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला एक नई अंतरिक्ष उड़ान की ऐतिहासिक यात्रा पर निकलने को तैयारी हैं। Axiom-4 स्पेस मिशन का हिस्सा हैं, जो चार अंतरिक्ष यात्रियों को ले कर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की और प्रस्थान करेगा। यह मिशन बुधवार, 25 जून को दोपहर 12:01 बजे लॉन्च किया जाएगा।
हालांकि, प्रारंभिक योजना के अनुसार यह मिशन 22 जून को लॉन्च होना था, लेकिन तकनीक किरणों और मिशन संबंधी अंतिम तैयारियों की वजह से इसे तीन दिन के लिए टालना पड़ा। अब यह मिशन NASA के Kennedy Space center से SpaceX के Falcon -9 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।
भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनेंगे शुभांशु
इस मिशन की एक खास बात यह है कि शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं इससे पहले वर्ष 1984 में राकेश शर्मा ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरिक्ष की यात्रा की थी। अब चार दशक बाद एक बार फिर भारत का नाम अंतरिक्ष मिशन में जुड़ रहा है, और इस बार यह सम्मान शुभांशु को मिल रहा है।
कौन कौन होगा इस मिशन में शामिल?
Axiom-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं – जिनमें शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन अन्य क्रू मेंबर्स भी होंगे। ये सभी एक खास मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे, जहां वे विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोगों में भाग लेंगे।
क्या है Axiom-4 मिशन का उद्देश्य?
Axiom -4 Space द्वारा संचालित यह मिशन पूरी तरह से एक व्यावसायिक अंतरिक्ष उड़ान है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को खास प्रशिक्षण दे कर उन्हें Space मिशन के लिए तैयार किया जाता है। Axiom -4 मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में अनुसंधान, चिकित्सा परीक्षण, माइक्रोग्राविटी आधारित अध्ययन और भविष्य के व्यावसायिक space मिशनों की नींव रखना है।

क्यों है यह मिशन खास?
भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले यह मिशन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की वैज्ञानिक क्षमताओं को दर्शाता हैं।
शुभांशु शुक्ला जैसे वैज्ञानिको की मौजूदगी से युवाओं को Space रिसर्च की ओर प्रेरणा मिलेगी।
यह मिशन प्राइवेट और सरकारी सहयोग से अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्रों में नया इतिहास रचेगा।
10 पॉइंट्स में जानिए Axiom-4 मिशन क्यों है खास
1. इतिहास से जुड़ी लॉन्च साइट
Axiom-4 मिशन को SpaceX का क्रू ड्रैगन यान Falcon-9 रॉकेट पर लॉन्च करेगा। यह उड़ान NASA के Kennedy Space Center के Launch Complex 39A से होगी, जहां से 1969 में नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर जाने के लिए उड़ान भरी थी।
2. भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे व्यक्ति बनेंगे। इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
3. शुभांशु शुक्ला की पृष्ठभूमि
39 वर्षीय शुभांशु एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं। उन्हें इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन के लिए ISRO द्वारा मुख्य अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया है।
4. क्वारंटाइन और सेफ्टी प्रक्रिया
उड़ान से पहले शुभांशु शुक्ला और अन्य क्रू मेंबर्स को एक महीने से अधिक समय तक क्वारंटाइन में रखा गया, ताकि उनकी सेहत सुरक्षित रहे और अंतरिक्ष मिशन पर कोई संक्रमण न पहुंचे।
5. 15 दिनों का मिशन
Axiom-4 मिशन की कुल अवधि लगभग 15 दिन होगी। इस दौरान चारों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर कई शोध व परीक्षणों को अंजाम देंगे।
6. 60 वैज्ञानिक प्रयोग, 7 भारत से
मिशन के दौरान 60 वैज्ञानिक प्रयोग (experiments) किए जाएंगे। इनमें से 7 एक्सपेरिमेंट भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं, जिससे भारत की वैज्ञानिक भागीदारी भी सिद्ध होती है।
7. स्पेस टू अर्थ कनेक्ट
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से “स्पेस टू अर्थ” नामक आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा होंगे और एक खास VIP से बातचीत करेंगे, जिसे लाइव प्रसारित किया जाएगा।
8. लॉन्च में बार-बार देरी
मिशन की लॉन्चिंग पहले 29 मई को तय थी, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों, खराब मौसम और लिक्विड ऑक्सीजन रिसाव जैसी समस्याओं के कारण इसे कई बार टालना पड़ा। 25 जून को लॉन्च की छठी तारीख घोषित की गई है।
9. चौथा प्राइवेट मिशन
Axiom-4, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए चौथा प्राइवेट मिशन है। इसे अमेरिका की प्राइवेट कंपनी Axiom Space द्वारा NASA के सहयोग से अंजाम दिया जा रहा है।

10. भारत-अमेरिका की साझेदारी का परिणाम
Axiom-4 को कई बार “मिशन आकाशगंगा” भी कहा जाता है। यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2023 में अमेरिका यात्रा के दौरान घोषित भारत-अमेरिका स्पेस सहयोग का हिस्सा है, जो अंतरिक्ष में दोनों देशों की संयुक्त साझेदारी का प्रतीक है।
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