Shubhanshu Shukla पहुँचे International Space Station, पहुँचते ही गले मिले साथी यात्री, स्पेस स्टेशन में दिखी खुशी की लहर
नासा द्वारा साझा किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही ड्रैगन क्रू में सवार चारों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचे, वहां मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने उन्हें गर्मजोशी से गले लगाकर स्वागत किया। पूरा माहौल खुशी और मुस्कान से भरा नजर आया।
भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में नया इतिहास रचते हुए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ISS में कदम रख दिया है। वह पहले भारतीय नागरिक बने हैं जिन्होंने सीधे ISS की यात्रा पुरी की है। शुभांशु सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर रवाना हुआ स्पेस एक्स का ड्रैगन कैप्सूल करीब 28 घंटे की रोमांचक अंतरिक्ष यात्रा के बाद बाद गुरुवार को सफलतापूर्वक इस में जुड़ गया।
भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया इतिहास रचते हुए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ISS में कदम रख लिया है। यह उपलब्धि उन्हें न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया के लिए गौरव का प्रतीक बनाती है। शुभांशु शुक्ला SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए अपने तीन अन्य सहयोगियों के साथ सफलतापूर्क ISS पर पहुंचे, जहां पर पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने पूरे सम्मान और गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया।
28 घंटे की लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा के बाद ड्रैगन कैप्सूल ने गुरुवार को ISS के साथ सफलतापूर्क डॉकिंग की। इस ऐतिहासिक क्षण को नासा और SpaceX दोनों ने लाइव प्रसारित किया, जिसमें शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों को स्पेस स्टेशन में प्रवेश करते हुए देखा गया। ISS में पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने गले लगा कर उनका अभिवादन किया, जिससे यह क्षण और भी भावुक और यादगार बन गया।

इस पूरे मिशन को Axiom Space द्वारा संचालित किया गया, अमेरिका, इटली और स्वीडन के अंतरिक्ष यात्री शामिल थे। शुभांशु शुक्ला, जो भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी पायलट हैं, इस अभियान का हिस्सा बनकर देश के लिए गर्व का विषय बन गए हैं। इससे पहले भारत के राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी, लेकिन यह पहला अवसर है जब कोई भारतीय सीधे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचा है।
अंतरिक्ष में पहुंचते ही शुभांशु शुक्ला ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ” नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों, आज मैं तिरंगा कंधे पर ले कर एक नई ऊंचाई पर खड़ा हूं। यह केवल मेरी नहीं, पूरे भारत की उड़ान है। जय हिंद, जय भारत! ” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लाखों भारतीयों ने उन्हें बधाई दी।
अंतरिक्ष में अपने 14 दिन के प्रवास के दौरान शुभांशु और उनकी टीम कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगो को अंजाम देंगे। इनमें माइक्रोग्राविटी में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव, पौधों की वृद्धि, खाद्य परीक्षण और कोशिकीय अध्ययन जैसे महत्वपूर्ण प्रयोग शामिल हैं। इन प्रयोगों का उद्देश्य भविष्य में दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयारी करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इसरो प्रमुख और देशभर के वैज्ञानिक समुदाय ने शुभांशु शुक्ला को बधाई दी है। सोशल मीडिया पर उन्हें ‘ space yodha’ और modern -day Rakesh Sharma ‘ जैसे उपनामों से सम्मानित किया जा रहा है।
नासा द्वारा जारी किए गए वीडियो फुटेज में साफ नजर आता है जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल में सवार चारों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ISS के भीतर दाखिल हुए, वहां पहले से मौजूद क्रू मेंबर्स ने उन्हें गले लगाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। पूरा माहौल उल्लासपूर्ण था, सभी के चेहरों पर मुस्कान झलक रही थी। नए मेहमानों के सम्मान में उन्हें वेलकम ड्रिंक भी पेश की गई, जिससे स्वागत और भी खास बन गया।
शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रचते हुए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय होने का गौरव हासिल किया है। इसके साथ ही, वह भारत के दूसरे नागरिक हैं जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की है।
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 1984 में रूसी सोयूज यान के जरिए सैल्यूट स्पेस स्टेशन की यात्रा की थी। उस समय ISS का निर्माण नहीं हुआ था, इसीलिए शुभांशु शुक्ला ऐसे पहले भारतीय है जो आधुनिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला ISS तक पहुंचे हैं।

Axiom-4 मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर रवाना हुआ स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल कुछ देर पहले ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ISS से सफातापूर्वक जुड़ गया। करीब 28 घंटे की रोमांचक यात्रा के बाद शुभांशु शुक्ला समेत सभी चार अंतरिक्ष यात्री गुरुवार शाम लगभग 4 बजे ISS में दाखिल हुए।
इस मिशन की शुरुआत बुधवार, 25 जून को हुई थी, जब स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अमेरिका राज्य फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। इस यान को अंतरिक्ष में भेजने के लिए स्पेसएक्स के ही फाल्कन 9 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था। शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में अमेरिका, इटली और स्वीडन के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल थे।