ICMR-AIIMS का Big Reveal: कोविड वैक्सीन को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री का बयान तथ्यों पर खरा नहीं उतरा।
कर्नाटक के हासन जिले में हाल ही में 22 से अधिक युवाओ की हार्ट अटैक से मौत के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन की भूमिका पर संदेह जताया।”
New Delhi: ICMR और AIIMS ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया है कि हार्ट अटैक ( heart attack) से होने वाली मौतें के पीछे कोविड वैक्सीन (Covid vaccine) की कोई भूमिका है। यह बयान उस समय आया जब कर्नाटक के हासन जिले में बीते कुछ दिनों के भीतर 22 से अधिक युवाओं की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इन घटनाओं को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चिंता जताते हुए वैक्सीन पर सवाल उठाए थे।
बताया गया है कि मृतकों की उम्र 20 से 45 साल के बीच थी, जो सामान्य रूप हार्ट अटैक के उच्च जोखिम वाले समूह में नहीं आते। लगातार हो रही युवाओं की इन असामान्य मौतों के बाद सीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए वैक्सीन की भूमिका की जांच के लिए एक्सपर्ट्स की एक उच्चस्तरीय सीमित गठित की है। सीमित को 10 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

हालांकि, इस बीच ICMR और AIIMS जैसी शीर्ष वैज्ञानिक संस्थाओं ने साफ कर दिया है कि वर्तमान में ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि कोविड वैक्सीन हार्ट अटैक की वजह बनी हो।
COVID -19 वैक्सीन पर ICMR और AIIMS की मुहर: सुरक्षित और असरदार, हार्ट अटैक से कोई सीधा संबंध नहीं
कोविड -19 वैक्सीन को लेकर उठाए गए संदेह को ICMR और AIIMS ने सिरे से खारिज कर दिया है। दोनों संस्थानों का कहना है कि दिल का दौरा ( Heart attack) पड़ने से हुई मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन की कोई भूमिका नहीं है।
ICMR और AIIMS की साझा स्टडी में यह बात सामने आई है कि भारत में अचानक होने वाली मौतें और Covid -19 टीकारण के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है वैज्ञानिको ने स्पष्ट किया है कि देश में दो जा रही कोविड वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावशाली है।
हालांकि कुछ बेहद दुर्लभ मामलों में हल्के या स्थाई साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं, लेकिन गंभीर प्रतिक्रिया की घटनाएं न के बराबर रही हैं। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि टीका हार्ट अटैक जैसी घातक स्थितियों का कारण बन रहा है।
ICMR की स्टडी में क्या खुलासा हुआ? ICMR की ओर से की गई एक महत्वपूर्ण स्टडी ने वैक्सीन को लेकर फैली आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। यह अध्ययन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) ने मई से अगस्त 2023 के बीच अंजाम दिया था। रिसर्च देशभर के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 प्रमुख अस्पतालों में की गई थी।
इस रिसर्च में उन लोगों की मेडिकल हिस्ट्री को खंगाल गया, जो पहले पूरी तरह से स्वस्थ थे, लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच अचानक मौत के शिकार हो गए।

स्टडी के निष्कर्ष बेहद स्पष्ट है – COVID – 19 vaccine लेने से अचानक मौत का कोई सीधा खतरा नहीं बढ़ता। वैज्ञानिक विश्लेषण में यह बात सामने आई कि वैक्सीन और हार्ट अटैक जैसी घटनाओं के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
AIIMS की स्टडी से क्या सामने आया है?
दूसरा महत्वपूर्ण अध्ययन देश के प्रतिष्ठित संस्थान AIIMS, नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। इस रिसर्च में रियल टाइम डेटा के आधार पर मौतों के वास्तविक कारणों की गहराई से जांच की जा रही है।
अब तक की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 20 से 45वर्ष के आयु वर्ग में अधिकांश मौतें हार्ट अटैक के चलते हो रही हैं। शोध में यह भी पाया गया कि मौत के पैटर्न में पिछले वर्षों की तुलना में कोई बड़ा या असामान्य बदलाव नहीं देखा गया है।
दिलचिप्स बात यह है कि कुछ मामलों में मौत की सम्भावित वजह आनुवंशिक (Genetic) गड़बड़ियों को माना गया है। हालांकि, यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अभी स्टडी पूरी नहीं हुई है, ओर अंतिम निष्कर्ष शोध को पूरा होने के बाद ही सार्वनाजिक किए जाएंगे।
हार्ट अटैक के पीछे वैक्सीन नहीं, असली वजह कुछ और
ICMR और AIIMS की रिसर्च से यह बात साफ हो गई है कि भारत में युवाओं अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों का कारण Covid – 19 वैक्सीन नहीं है। इन अध्ययनों के अनुसार, अचानक होने वाली मौतें के पीछे पहले से मौजूद बीमारियां, जेनेटिक ( आनुवंशिक) कारण और अनहेल्दी लाइफस्टाइल जैसे फैक्टर जिम्मेदार हैं

कर्नाटक के हासन जिले में महज एक महीने में 20 से ज्यादा युवाओं की हार्ट अटैक से राज्य सरकार और आम जनता को हैरान कर दिया था। इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कोविड वैक्सीनेशन और केंद्र सरकार की वैक्सीनेशन नीति पर सवाल उठते हुए जांच की थी।