chokar wali roti : पेट नहीं, आंतों की सफाई तक करती है ये देसी रोटी
chokar wali roti आमतौर पर लोग रोटी तो खाते हैं, लेकिन अगर बात चोकर वाली रोटी की करें तो इसके फायदे कहीं ज्यादा होते हैं। गेहूं के आटे में जब चोकर की मात्रा बनी रहती है, तब वही रोटी सेहत के लिए अमृत समान हो जाती है। यह न सिर्फ पेट साफ करने में मदद करती है, बल्कि आंतों में चिपकी गंदगी को भी बाहर निकालती है।
फाइबर से भरपूर चोकर वाली रोटी क्यों है खास?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, चोकर वाली रोटी में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं। यह फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं, जिससे कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। साथ ही यह शरीर को जरूरी ऊर्जा भी देता है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट्स की भी भरपूर मात्रा होती है।
कब्ज, गैस और अपच के मरीजों के लिए वरदान है चोकर
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, चोकर का नियमित सेवन कब्ज के इलाज में प्रभावी साबित होता है। आयुर्वेदाचार्य प्रमोद तिवारी बताते हैं कि चोकर वाली रोटियां उन लोगों के लिए ज़रूर फायदेमंद हैं जिन्हें बार-बार गैस, पेट दर्द या अपच की समस्या होती है।
आंतों की सफाई और वज़न घटाने में भी मददगार
चोकर वाली रोटी का सबसे अनोखा लाभ यह है कि यह आंतों में चिपके अपशिष्ट को बाहर निकालने में मदद करती है। इसका रेगुलर सेवन शरीर की आंतरिक सफाई करता है। साथ ही यह पेट लंबे समय तक भरा रखती है, जिससे अनावश्यक भूख नहीं लगती और वजन घटाने में मदद मिलती है।

डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए भी फायदेमंद
चोकर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मात्र 15 होता है, जो इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयुक्त बनाता है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा घटता है।Pet Ko Saaf Kaise Kare
किन लोगों को करना चाहिए चोकर वाली रोटी का सेवन?
चोकर वाली रोटी उन सभी लोगों को खानी चाहिए:
- जिन्हें कब्ज, गैस, अपच या एसिडिटी की शिकायत रहती है
- जिनका वजन बढ़ रहा है और उसे कंट्रोल करना चाहते हैं
- जिन्हें ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या है
- जो अपनी आंतों और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना चाहते हैं
रिसर्च भी कर चुके हैं इसके फायदों की पुष्टि
चोकर वाली रोटी पर हुए विभिन्न शोध बताते हैं कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स भी मौजूद होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाकर बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। यही नहीं, इससे बवासीर, खट्टी डकारें, सीने में जलन और मरोड़ जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
चोकर वाली रोटी: सिर्फ पेट नहीं, आंतों की गहराई तक करती है सफाई
हम में से कई लोग रोज़ाना गेहूं की रोटी खाते हैं लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि जिस आटे में से चोकर यानी ब्रैन हटा दिया जाता है, वह पोषण का एक बड़ा हिस्सा खो देता है। चोकर वाली रोटी यानी गेहूं के उस आटे से बनी रोटी जिसमें चोकर (ब्रैन) शामिल हो, सेहत के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। यह न केवल पेट को साफ रखती है बल्कि आंतों में जमा गंदगी को भी बाहर निकालने में मदद करती है।

चोकर में फाइबर की मात्रा अत्यधिक होती है, जो न सिर्फ कब्ज में राहत देता है बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है। यह वजन कम करने, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने और ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करता है।Pet Ko Saaf Kaise Kare
चोकर क्या होता है और क्यों ज़रूरी है?
गेहूं के दाने को जब पीसते हैं तो उसका बाहरी हिस्सा जिसे चोकर कहते हैं, उसमें सबसे अधिक फाइबर, विटामिन B, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। लेकिन आजकल बाजार में मिलने वाले ज्यादातर मैदे जैसे सॉफ्ट आटे में से यह चोकर निकाल दिया जाता है जिससे रोटी तो मुलायम बनती है, लेकिन सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है।
चोकर वाली रोटी मोटी, सख्त और कम स्वादिष्ट लग सकती है, लेकिन इसके फायदे लंबे समय तक शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर होते हैं।

वैज्ञानिक अध्ययन भी करते हैं इसकी पुष्टि
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (USA) के अनुसार, चोकर युक्त आटा आंतों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और मल त्याग को आसान बनाता है। इसमें मौजूद अघुलनशील फाइबर पेट की सफाई करने और मल में नमी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे कब्ज जैसी समस्या नहीं होती।
एक शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने 4 हफ्तों तक चोकर वाली रोटी का सेवन किया, उनमें पाचन क्रिया में आश्चर्यजनक सुधार देखने को मिला।
चोकर वाली रोटी कैसे करती है पाचन में सुधार?
- फाइबर का खजाना: चोकर में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह आंतों में जमा गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है।
- कब्ज से राहत: जो लोग नियमित रूप से चोकर वाली रोटी खाते हैं, उन्हें कब्ज की शिकायत कम होती है।
- गैस और एसिडिटी में फायदा: चोकर खाने से पेट में गैस बनना, खट्टी डकारें आना और सीने में जलन जैसी समस्याएं भी कम होती हैं।
- आंतरिक सफाई: यह न केवल मल को बाहर निकालता है बल्कि आंतों की अंदरूनी सफाई भी करता है।
आयुर्वेद की भी मुहर
आयुर्वेदाचार्य प्रमोद तिवारी कहते हैं, “चोकर वाली रोटी एक संपूर्ण आहार है। यह शरीर को न केवल पोषण देती है, बल्कि वात-पित्त और कफ के असंतुलन को भी संतुलित करती है। विशेष रूप से यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बार-बार कब्ज, गैस और अपच से परेशान रहते हैं।”
डायबिटीज और ब्लड शुगर कंट्रोल में कारगर
चोकर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) मात्र 15 होता है। यह उसे लो जीआई खाद्य पदार्थों की श्रेणी में रखता है, जिसका अर्थ है कि इसका सेवन ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
साथ ही चोकर में मौजूद फाइबर शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बेहतर करता है। यह टाइप 2 डायबिटीज की रोकथाम में भी मदद करता है।
वजन घटाने में कैसे मददगार है चोकर?
चोकर वाली रोटी खाने से पेट जल्दी भरता है और लंबे समय तक भरा रहता है। इससे बार-बार भूख लगने की समस्या कम होती है। यह मोटापा घटाने के लिए आदर्श आहार है।
यह लो कैलोरी और हाई फाइबर फूड है, जिससे शरीर में फैट जमा नहीं होता।
दिल की सेहत को बनाए रखता है

फाइबर युक्त चोकर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह LDL यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाता है और HDL यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन भी पूरे अनाज (whole grain) के सेवन की सलाह देती है, जिसमें चोकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चोकर वाली रोटी किन लोगों को ज़रूर खानी चाहिए?
- कब्ज, गैस, एसिडिटी से पीड़ित लोग
- डायबिटीज के मरीज
- वजन घटाना चाहने वाले लोग
- हृदय रोग से बचाव की चाह रखने वाले
- बवासीर, पेट दर्द और आंतों की समस्याओं से जूझ रहे लोग
- कमजोर पाचन तंत्र वाले बुजुर्ग
कैसे बनाएं चोकर युक्त हेल्दी रोटी?
सामग्री:
- गेहूं का आटा – 2 कप
- चोकर (ब्रान) – ½ कप
- पानी – आवश्यकतानुसार
- स्वादानुसार नमक (वैकल्पिक)
विधि:
- आटे में चोकर मिलाएं और अच्छे से गूंथ लें।
- 15-20 मिनट ढककर रखें ताकि आटा सेट हो जाए।
- रोटियां बेलकर तवा पर सेंकें।
- देसी घी की कुछ बूंदें लगाने से स्वाद बढ़ेगा।
कुछ ज़रूरी सावधानियां
- जिन लोगों को IBS (Irritable Bowel Syndrome) या ज्यादा संवेदनशील पाचन तंत्र है, वे सीमित मात्रा में चोकर का सेवन करें।
- चोकर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि शरीर को इसकी आदत हो जाए।
- पर्याप्त पानी पिएं ताकि फाइबर अपना काम अच्छे से कर सके।
चोकर वाली रोटी पर रिसर्च क्या कहती है?
- University of California की रिसर्च के अनुसार, चोकर वाली रोटी के नियमित सेवन से महिलाओं में हॉर्मोनल बैलेंस बेहतर रहता है।
- Harvard School of Public Health का मानना है कि चोकर युक्त खाद्य पदार्थ कैंसर, खासकर पेट और आंतों के कैंसर का खतरा घटाते हैं।
- AIIMS दिल्ली के एक शोध में बताया गया कि चोकर युक्त रोटियों का सेवन करने वालों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा कम देखा गया।
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