Choking Baby First Aid: अगर बच्चे के गले में खाना अटक जाए तो घबराएं नहीं! डॉक्टर ने बताया क्या करना है सबसे पहले
बच्चों की परवरिश एक बेहद संवेदनशील जिम्मेदारी होती है। एक पल की लापरवाही भी उनके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। खासतौर से तब, जब कोई बच्चा खेलते-खेलते अपने मुंह में कोई छोटा खिलौना, सिक्का या खाना का टुकड़ा डाल ले और वह गले में फंस जाए। ऐसी स्थिति में बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने लगती है, जो बहुत खतरनाक साबित हो सकती है।
इसे ही मेडिकल भाषा में चोकिंग (Choking) कहा जाता है, और यह नवजात से लेकर पांच साल तक के बच्चों में काफी आम समस्या है। लेकिन अगर पैरेंट्स को पहली मदद (First Aid) की सही जानकारी हो, तो एक बड़ी अनहोनी को टाला जा सकता है।
बच्चों के प्रसिद्ध डॉक्टर डॉ. रवि मलिक ने बताया कि ऐसी स्थिति में पैरेंट्स को क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इस लेख में जानिए वह पूरी प्रक्रिया जो किसी भी माता-पिता को पता होनी चाहिए।
बच्चों में चोकिंग की समस्या क्यों होती है?
- बच्चे अक्सर कुछ भी अपने मुंह में डाल लेते हैं, जैसे कि सिक्के, खिलौनों के छोटे हिस्से, बीज, मूंगफली, अंगूर आदि।
- खाना खाते समय तेजी करना या खाते वक्त बात करना भी कारण हो सकता है।
- 6 महीने से 3 साल तक के बच्चों में यह जोखिम सबसे ज्यादा होता है क्योंकि वे चीजों को ठीक से चबाना नहीं सीखते।

बच्चा अगर चोक करने लगे तो ये संकेत नजर आते हैं:
- मुंह से आवाज नहीं निकलना
- खांसी न होना या बहुत कमजोर खांसी
- हकलाना या घबराना
- चेहरे का रंग नीला पड़ना
- सांस लेने में परेशानी
- मुंह खोलकर हवा खींचने की कोशिश
- बेहोशी की स्थिति में जाना
अगर इनमें से कोई भी संकेत दिखे, तो एक पल भी गंवाए बिना कार्रवाई करनी चाहिए।
डॉ. रवि मलिक की सलाह – क्या करें जब बच्चा चोक कर रहा हो?
1. देखें बच्चा खांस रहा है या नहीं
डॉ. मलिक के अनुसार, अगर बच्चा खांस रहा है, तो यह अच्छी बात है। इसका मतलब है कि उसकी वायुपथ (airway) पूरी तरह से ब्लॉक नहीं हुई है और वह खुद अटकी चीज को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है।
क्या करें:
- बच्चे को खांसने दें।
- उसे प्रोत्साहित करें कि वह जोर से खांसे।
- बीच में हस्तक्षेप न करें, जब तक कि हालत बिगड़ न जाए।
2. अगर बच्चा नहीं खांस रहा, तो करें यह फर्स्ट एड
स्टेप 1: बच्चा छोटा है तो हाथ पर उल्टा लिटाएं
- बच्चे को अपने फोरआर्म (हाथ की कोहनी से कलाई तक की जगह) पर उल्टा लिटाएं।
- बच्चे का सिर आपके हाथ से नीचे की दिशा में होना चाहिए।
- बच्चे का मुंह हल्का सा खुला होना चाहिए।

स्टेप 2: पीठ पर थपकी दें
- अपनी हथेली के कोने वाले हिस्से से बच्चे की पीठ पर 5 बार थपकी दें।
- यह थपकी तेज लेकिन नियंत्रित होनी चाहिए।
स्टेप 3: सीने पर दबाव दें (Chest Thrusts)
- अगर थपकी से चीज बाहर नहीं निकलती, तो बच्चे को सीधा पीठ के बल लिटाएं।
- अपनी दो उंगलियों से बच्चे की छाती के बीच हल्का लेकिन फर्म प्रेशर दें (5 बार)।
- यह प्रक्रिया भी जहर निकालने जैसी है – लेकिन बेहद सावधानी से करनी होती है।
स्टेप 4: फिर से उल्टा लिटाकर थपकी दें
- एक बार फिर से स्टेप 1 दोहराएं।
- कई बार यह मिलीजुली प्रक्रिया अटकी चीज को निकालने में मदद करती है।
कब डॉक्टर के पास जाना जरूरी है?
अगर ऊपर बताए गए सभी प्रयासों के बाद भी:
- बच्चे की त्वचा नीली होने लगे
- वह बेहोश होने लगे
- सांस लेना बंद कर दे
- आंखें स्थिर हो जाएं
तो बिना देरी किए तत्काल अस्पताल या पास के क्लीनिक ले जाएं। ऐसी स्थिति में मेडिकल इमरजेंसी समझकर डॉक्टर तुरंत कार्रवाई करते हैं।
बच्चा चोक कर रहा हो तो ये गलतियां न करें
- बच्चे को हिलाएं-डुलाएं नहीं
- अटकी चीज को उंगली डालकर निकालने की कोशिश न करें
- सिर के बल झटका न दें
- खुद घबराएं नहीं – माता-पिता की घबराहट से स्थिति और बिगड़ती है

बच्चे को चोकिंग से बचाने के लिए जरूरी टिप्स (Parenting Safety Tips)
खाने से जुड़ी सावधानियां:
- छोटे बच्चों को छोटे टुकड़ों में काटकर खाना दें
- अंगूर, मेवा, मूंगफली जैसी चीजें न दें या काटकर दें
- बच्चों को बैठाकर खाना खिलाएं
- खाते वक्त टीवी या मोबाइल से ध्यान न भटकाएं
खेलने से जुड़ी सावधानियां:
- ऐसे खिलौने लाएं जिनमें कोई छोटा detachable हिस्सा न हो
- बच्चे को सिक्के, पिन, बीज जैसी चीजों से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से छोटी वस्तुएं हटा दें
पैरेंट्स के लिए ज़रूरी है First Aid की ट्रेनिंग लेना
आज के समय में First Aid की जानकारी हर माता-पिता को होनी चाहिए। सीपीआर (CPR), चोकिंग से बचाव, जलने या गिरने की स्थिति में प्राथमिक उपचार जैसे विषयों पर छोटी-छोटी वर्कशॉप या ऑनलाइन कोर्स भी उपलब्ध हैं।
बच्चों की सुरक्षा केवल प्यार से नहीं होती, समझदारी और सजगता भी उतनी ही जरूरी होती है।