इस साल दिवाली के शुभ मुहूर्त को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन बना हुआ है क्योंकि अमावस्या तिथि दो दिन, 31 अक्तूबर और 01 नवंबर, को पड़ रही है। ऐसे में लक्ष्मी पूजन के लिए कौन सा दिन सही रहेगा और किस दिन माता लक्ष्मी की पूजा से अधिक शुभ फल मिलेगा? आइए, जानते हैं अलग-अलग दिन के पूजा मुहूर्त और तिथियों का महत्व।
1. 31 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन: जानें शुभ मुहूर्त और प्रदोष काल का महत्व
31 अक्तूबर को अमावस्या तिथि दोपहर 3:52 बजे से शुरू हो रही है और इस दिन शाम को प्रदोष काल एवं स्थिर वृषभ लग्न के दौरान पूजा का विशेष महत्व है।
- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 6:45 बजे से रात 8:30 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से रात 8:21 बजे तक
- स्थिर वृषभ लग्न: शाम 6:35 बजे से रात 8:33 बजे तक
इस दिन लक्ष्मी पूजा का समय प्रदोष काल और निशीथ काल से मेल खाता है, जो शुभता में वृद्धि करता है। धर्माचार्यों का मानना है कि 31 अक्तूबर की रात को पूजा करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
2. 01 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त: सुबह से शाम तक का सही समय
जो भक्त 01 नवंबर को पूजा करना चाहते हैं, उनके लिए भी लक्ष्मी पूजन का विशेष मुहूर्त उपलब्ध है। अमावस्या तिथि इस दिन शाम 6:16 बजे तक रहेगी, जिससे 01 नवंबर का दिन भी पूजन के लिए उचित माना जा रहा है।
- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 5:36 बजे से 6:16 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 5:36 बजे से रात 8:11 बजे तक
- स्थिर वृषभ काल: शाम 6:20 बजे से रात 8:15 बजे तक
01 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का यह मुहूर्त प्रदोष काल में आता है, जो शुभता को बढ़ाता है। कुछ ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस दिन पूजा करने से भी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
3. दिवाली पर अमावस्या तिथि का महत्व: दो दिन पूजन का अवसर क्यों?
इस वर्ष अमावस्या तिथि का दो दिनों में विभाजन होने के कारण ही दिवाली के लिए दो तिथियां बनाई गई हैं। यह एक दुर्लभ संयोग है, जहां भक्तों को अपनी सुविधा अनुसार किसी भी दिन लक्ष्मी पूजन का अवसर मिलता है।
अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर को दोपहर 3:52 बजे होगी और यह 01 नवंबर को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी। ऐसे में दोनों दिन अमावस्या का प्रभाव बना रहेगा और इसीलिए पूजा के दो अलग-अलग मुहूर्त बनाए गए हैं।
दिवाली पर कौन सा दिन चुने लक्ष्मी पूजन के लिए?
इस साल 31 अक्तूबर की रात को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त अधिक महत्व रखता है, लेकिन 01 नवंबर को भी पूजा करना भक्तों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। दोनों ही दिन अमावस्या तिथि का प्रभाव होने के कारण, भक्त अपनी सुविधा अनुसार पूजा कर सकते हैं।
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