Doctor’s Guide: बादाम, किशमिश या अखरोट – बच्चों को कब और कितना दें ड्राई फ्रूट्स? जानें डॉक्टर्स की राय और पेरेंट्स को कौन सी बड़ी गलतियों से बचना चाहिए
Dry Fruits for Children: बच्चों को कब और कैसे दें ड्राई फ्रूट्स? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
बादाम, अखरोट, काजू और पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर माने जाते हैं। इनमें मौजूद प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, विटामिन्स और मिनरल्स बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि पेरेंट्स अक्सर सोचते हैं कि अपने बच्चों की डाइट में ड्राई फ्रूट्स को कब और कैसे शामिल करें।
लेकिन क्या हर उम्र के बच्चों को ये ड्राई फ्रूट्स देना सुरक्षित होता है? क्या इन्हें सीधे दिया जा सकता है या किसी खास तरीके से? आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि बच्चों को इनसे पूरा लाभ मिले और कोई नुकसान न हो।
बच्चों को ड्राई फ्रूट्स देने की सही उम्र
डॉक्टर्स के अनुसार, बच्चों को ड्राई फ्रूट्स देने की शुरुआत तभी करनी चाहिए जब वे ठोस खाना (solid food) खाना शुरू कर चुके हों। आमतौर पर यह उम्र 6 से 8 महीने के बीच होती है। लेकिन इस दौरान ड्राई फ्रूट्स को पीसकर या पेस्ट की शक्ल में देना बेहतर होता है, ताकि बच्चा आसानी से निगल सके और गला न अटके।
एक साल से छोटे बच्चों को साबुत ड्राई फ्रूट्स देने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे चोकिंग का खतरा बढ़ सकता है। जब बच्चा 2 साल या उससे बड़ा हो जाए और ठीक से चबाने लगे, तब आप उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में कटे बादाम, काजू या किशमिश दे सकते हैं।

किन ड्राई फ्रूट्स से करें शुरुआत?
बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स की शुरुआत बादाम, किशमिश और अखरोट से की जा सकती है। बादाम दिमागी विकास में मदद करता है, किशमिश पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है, जो ब्रेन फंक्शन के लिए जरूरी होता है।
शुरुआती महीनों में सिर्फ एक ड्राई फ्रूट से शुरुआत करें और 3-5 दिन तक ध्यान दें कि बच्चे को कोई एलर्जी तो नहीं हो रही। उसके बाद ही दूसरा ड्राई फ्रूट शुरू करें।
ड्राई फ्रूट्स देते समय किन बातों का रखें ध्यान?
- चोकिंग का ध्यान रखें: छोटे बच्चों को कभी भी साबुत ड्राई फ्रूट न दें। उन्हें पीसकर या दूध में मिलाकर दें।
- अलर्जी की संभावना: कुछ बच्चों को नट्स से एलर्जी हो सकती है। अगर बच्चे को स्किन रैश, उल्टी या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- ओवरडोज से बचें: एक दिन में ज्यादा ड्राई फ्रूट्स देना भी सही नहीं है। बच्चों के लिए 2-4 बादाम या 1 अखरोट पर्याप्त होता है।
- भिगोकर दें: बादाम या किशमिश को रातभर पानी में भिगोकर सुबह देने से ये और भी अधिक पचने योग्य बन जाते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? जानिए बच्चों को ड्राई फ्रूट्स कब और कैसे देना चाहिए
ड्राई फ्रूट्स पोषण का भंडार माने जाते हैं, लेकिन जब बात छोटे बच्चों की सेहत की हो, तो हर चीज़ सावधानी से करनी चाहिए। मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि मलिक ने इसी मुद्दे पर एक अहम जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की है, जो हर पेरेंट्स को जरूर पढ़नी चाहिए।
छोटे बच्चों को साबुत ड्राई फ्रूट्स देना कितना खतरनाक?
डॉ. मलिक का कहना है कि भले ही बादाम, काजू, पिस्ता या मूंगफली जैसे ड्राई फ्रूट्स स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे हों, लेकिन चार साल से कम उम्र के बच्चों को ये साबुत या कठोर रूप में देना जानलेवा भी हो सकता है।
उनका कहना है कि इस उम्र तक बच्चों के दांत पूरी तरह विकसित नहीं होते और न ही उनकी चबाने की क्षमता उतनी मजबूत होती है। ऐसे में जब वे सख्त नट्स को चबाने की कोशिश करते हैं, तो वह उनके गले में फंस सकता है, जिससे गंभीर दम घुटने (choking) की समस्या हो सकती है।
डॉक्टर की 30 साल की चेतावनी
डॉ. मलिक अपने 30 साल के अनुभव को साझा करते हुए बताते हैं कि हर महीने एक-दो ऐसे केस ज़रूर आते हैं, जिनमें बच्चा बादाम, मूंगफली या किसी अन्य ड्राई फ्रूट की वजह से सांस की नली में फंसने के कारण इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचता है।
कुछ मामलों में यह इतनी खतरनाक स्थिति बन जाती है कि बच्चे को तुरंत ICU में शिफ्ट करना पड़ता है। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि वे साबुत नट्स देने से पहले दो बार सोचें और बच्चों की उम्र व उनकी क्षमता को ध्यान में रखें।
बच्चों को ड्राई फ्रूट्स देने की सही उम्र और तरीका

6 महीने से ऊपर के बच्चों के लिए
अगर बच्चा 6 महीने से बड़ा हो गया है और डॉक्टर से सलाह ली गई हो, तो आप ड्राई फ्रूट्स को पीसकर या पेस्ट बनाकर उसे खिला सकते हैं। आप इन्हें दूध, दलिया या खिचड़ी में मिलाकर भी दे सकते हैं ताकि बच्चा आसानी से निगल सके।
1 से 2 साल की उम्र के बीच
इस उम्र में आप उबाले गए, नरम और बारीक कटे ड्राई फ्रूट्स बच्चे की डाइट में शामिल कर सकते हैं। ध्यान दें कि ये ड्राई फ्रूट्स इतने छोटे टुकड़ों में हों कि गले में फंसने का कोई रिस्क न हो।
4 साल के बाद
जब बच्चे की चबाने की शक्ति पूरी तरह विकसित हो जाती है और वह अपने दांतों से खाना अच्छी तरह चबा सकता है, तब आप साबुत ड्राई फ्रूट्स देना शुरू कर सकते हैं। लेकिन यहां भी ध्यान रखें कि बच्चे को अपने सामने बैठाकर ही ड्राई फ्रूट्स दें और उसे खाते समय अलर्ट रहें।

अगर बच्चा ड्राई फ्रूट खाने के दौरान अचानक खांसने लगे, सांस लेने में दिक्कत हो या उल्टी जैसा कुछ महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।