Foot Fungus: मॉनसून में पैरों को फंगल इन्फेक्शन से बचाना है जरूरी
Foot Fungus यानी पैरों में फंगल इन्फेक्शन की समस्या गर्मियों के अंत और मॉनसून की शुरुआत में बहुत आम हो जाती है। बारिश के मौसम में नमी, गंदगी और पसीना मिलकर ऐसे हालात पैदा करते हैं जिसमें फंगस तेजी से पनपता है। ऐसे में अगर आप पहले से सचेत रहें और पैरों की सही देखभाल करें, तो इस परेशानी से बच सकते हैं।
पैरों की फंगल समस्या केवल खुजली तक सीमित नहीं रहती, बल्कि त्वचा पर दाने, जलन, छाले, बदबू और यहां तक कि नाखूनों के टूटने जैसी स्थिति भी ला सकती है। आइए जानते हैं फुट फंगस से बचाव के लिए चार असरदार उपाय और कुछ खास टिप्स जो आपके काम जरूर आएंगे।
1. पैरों को रखें साफ और सूखा – यही है पहला स्टेप
फंगल इन्फेक्शन का सबसे बड़ा कारण होता है — नमी और पसीना। गर्मी में जब आप जूते-मोजे पहनते हैं, तो आपके पैर घंटों तक बंद रहते हैं और नमी जमा हो जाती है। यही हाल मॉनसून में भी होता है जब भीगना आम हो जाता है।
क्या करें?
- हर दिन कम से कम एक बार पैरों को एंटीबैक्टीरियल साबुन से धोएं।
- खास ध्यान उंगलियों के बीच का रखें जहां नमी ज्यादा जमा होती है।
- पैर धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह से तौलिये से पोंछकर सुखाएं।
- अगर जरूरत हो, तो हेयर ड्रायर का कूल मोड यूज़ करें ताकि स्किन बिना घिसे सूख जाए।
- कभी भी गीले पैर पर मोजे या जूते न पहनें।
टिप: घर लौटने के बाद कुछ देर नंगे पैर रहें ताकि त्वचा सांस ले सके।
2. मोजे और जूतों की सफाई पर भी दें ध्यान
हम अक्सर पैरों को तो साफ कर लेते हैं, लेकिन जिस मोजे या जूते में उन्हें घंटों रखा, उसका ध्यान नहीं रखते। यही वजह है कि फुट फंगस दोबारा लौट आता है।
क्या करें?
- हर दिन मोजे बदलें, और कोशिश करें कि कॉटन या ब्रीदेबल फैब्रिक वाले मोजे पहनें।
- गीले या पसीने से भरे मोजे को दोबारा न पहनें।
- जूतों को एक दिन छोड़कर पहनें ताकि वो सूख सकें।
- हर 2-3 दिन में जूतों को धूप में रखें ताकि नमी और बैक्टीरिया मर जाएं।
टिप: जूतों में बेकिंग सोडा छिड़कना फंगल बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है।
3. एंटी-फंगल पाउडर और क्रीम का करें इस्तेमाल
अगर आप पहले से जानते हैं कि आपको पसीना ज्यादा आता है या आप अक्सर फंगल इन्फेक्शन से परेशान रहते हैं, तो प्रिवेंटिव केयर अपनाना जरूरी है।
क्या करें?
- नहाने या पैर धोने के बाद अच्छी तरह सुखाकर एंटी-फंगल पाउडर लगाएं।
- जूतों में भी पाउडर छिड़क सकते हैं ताकि नमी न रहे।
- अगर पहले कभी एथलीट फुट या टोनेल फंगस हुआ है, तो डॉक्टर की बताई गई एंटीफंगल क्रीम रखें और शुरुआत में ही इस्तेमाल करें।
टिप: घरेलू उपाय के तौर पर, टी ट्री ऑयल को नारियल तेल में मिलाकर लगाना भी कारगर हो सकता है।
4. सार्वजनिक जगहों पर नंगे पैर चलने से बचें
स्विमिंग पूल, जिम, पब्लिक बाथरूम जैसी जगहों पर नंगे पैर चलने से फंगल इन्फेक्शन का खतरा और बढ़ जाता है।
क्या करें?
- ऐसी जगहों पर हमेशा स्लिपर या शॉवर सैंडल्स पहनें।
- टॉवल, जुराब या फुटवियर किसी के साथ शेयर न करें।
- अगर आपके घर में किसी को पहले से फंगल इंफेक्शन है तो उनके साथ पैर का तौलिया या चप्पल साझा न करें।
टिप: पब्लिक शावर में एंटीसेप्टिक साबुन का ही इस्तेमाल करें और घर आकर दोबारा पैर धोएं।

अगर फंगस हो जाए तो क्या करें? लक्षणों को न करें नजरअंदाज
फंगल इन्फेक्शन की शुरुआत अकसर हल्की खुजली और जलन से होती है, जिसे लोग मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। यही गलती स्थिति को और खराब कर देती है।
लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- उंगलियों के बीच लालिमा, खुजली या त्वचा का फटना
- नाखूनों का पीला या भूरा पड़ जाना
- बदबूदार पैर
- छाले या पपड़ीदार स्किन
क्या करें?
- तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिलें
- डॉक्टर की सलाह से एंटीफंगल क्रीम या दवा लें
- इलाज के दौरान पैरों को हमेशा साफ और सूखा रखें
घरेलू नुस्खे जो काम आ सकते हैं (लेकिन डॉक्टर की सलाह के साथ)
कुछ लोगों को घरेलू उपाय राहत दे सकते हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले त्वचा विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें:
- टी ट्री ऑयल: टी ट्री ऑयल में एंटीफंगल गुण होते हैं, इसे नारियल तेल में मिलाकर लगाएं
- एप्पल साइडर विनेगर: बराबर मात्रा में पानी के साथ मिलाकर पैर डुबोएं
- नीम पत्ते का पानी: इसमें उबालकर पैर धोना भी फायदेमंद होता है
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