Get Money, Success, and Happiness In 21 Days – जानें शिखर चौधरी का यूनिवर्स लॉ
क्या आप अपनी ज़िंदगी में पैसा, खुशी और सफलता पाना चाहते हैं? क्या आपने कभी चाहा कि आपकी सारी समस्याएं धीरे-धीरे खुद-ब-खुद हल हो जाएं और आप वो सब कुछ पा लें जो आपने सपना देखा है? अगर हां, तो आपको जानना चाहिए वो खास तरीका जिसे लाइफ कोच शिखर चौधरी ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया है।
वो दावा करते हैं कि अगर कोई व्यक्ति 21 दिनों तक सिर्फ 2 मिनट रोज रात को सोने से पहले एक आसान-सी टेक्निक अपनाए, तो उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल सकती है। इसे उन्होंने ’21 Days Manifestation Law’ नाम दिया है। आइए जानते हैं, क्या है ये टेक्निक और क्यों ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
कौन हैं शिखर चौधरी?
शिखर चौधरी एक प्रसिद्ध ‘लाइफ आर्किटेक्ट’ और ‘माइंडसेट डिजाइनर’ हैं, जो लोगों को उनकी सोच और आदतों को बदलकर एक बेहतर जिंदगी जीने की प्रेरणा देते हैं। वे अपने सोशल मीडिया चैनल @the_shikhshit_talks के जरिए लाखों लोगों तक ऐसी मोटिवेशनल और माइंडफुल टेक्निक्स पहुंचाते रहते हैं। उनका मानना है कि हमारे दिमाग की ताकत से हम खुद की किस्मत लिख सकते हैं, बस जरूरत है उसे सही दिशा में प्रोग्राम करने की।

क्या है 21 डेज मेनिफेस्टेशन लॉ?
इस लॉ के अनुसार, अगर आप 21 दिनों तक रोजाना रात को सोने से पहले एक खास तरीका अपनाएं, तो यूनिवर्स आपकी लाइफ की रियलिटी को बदलने लगता है। ये तरीका बेहद आसान है:
- हर रात सोने से पहले
- दो उंगलियों से अपने माथे के बीचों-बीच (जहां ‘थर्ड आई’ मानी जाती है) हल्का-हल्का टैप करें
- टैप करते समय खुद से पांच पॉजिटिव बातें कहें
कौन-कौन सी पॉजिटिव बातें कहनी हैं?
आपको ये पांच वाक्य हर रात खुद से दोहराने हैं:
- मैं सक्सेसफुल हूं
- मैं खुश हूं
- मेरे पास पैसा आ रहा है
- मैं हेल्दी हूं
- मेरे रिलेशनशिप्स हैप्पी हैं
ये बातें न सिर्फ पॉजिटिव वाइब्स भेजती हैं, बल्कि आपकी सोच को धीरे-धीरे प्रोग्राम करती हैं कि आपकी लाइफ वैसी ही बनने लगे।
यह टेक्निक कैसे काम करती है?
इस प्रक्रिया के पीछे माइंड साइंस और लॉ ऑफ अट्रैक्शन का शानदार कॉम्बिनेशन है। यह एक साइंटिफिक तरीका है जिसे ‘मेनिफेस्टेशन’ कहते हैं। इसका आधार यह है कि जब आप लगातार किसी बात को दोहराते हैं, खासकर जब आपका दिमाग शांत होता है, तो वह उसे सच मानने लगता है।
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हमारा दिमाग दो हिस्सों में काम करता है – कांशस माइंड (जागरूक मन) और सबकॉन्शियस माइंड (अवचेतन मन)। जब आप बार-बार खुद से कहते हैं कि “मैं सक्सेसफुल हूं”, तो आपका सबकॉन्शियस माइंड उस पर यकीन करने लगता है और आपकी आदतें, सोच और फैसले उसी दिशा में काम करने लगते हैं।

सोने से पहले ही क्यों करना है यह अभ्यास?
रात को सोने से ठीक पहले हमारा दिमाग सबसे अधिक शांत और रिसेप्टिव होता है। दिनभर की भागदौड़, तनाव और जिम्मेदारियों के बाद जब हम बिस्तर पर जाते हैं, तो हमारे ब्रेन वेव्स धीरे-धीरे अल्फा स्टेट में जाने लगते हैं, जो सबकॉन्शियस माइंड से जुड़ी होती है।
इसी समय अगर आप पॉजिटिव बातें करते हैं, तो वह सीधे अवचेतन में समा जाती हैं और वहां अपनी छाप छोड़ती हैं। यही प्रक्रिया धीरे-धीरे आपकी सोच को री-प्रोग्राम करती है और फिर आपकी दुनिया भी बदलने लगती है।
यह टेक्निक टोना-टोटका नहीं, साइंस पर आधारित है
कुछ लोगों को यह तरीका टोने-टोटके जैसा लग सकता है, लेकिन शिखर चौधरी स्पष्ट करते हैं कि यह पूरी तरह साइंटिफिक बेस पर आधारित है। यह मानसिक कंडीशनिंग (mental conditioning) और सेल्फ-हिप्नोसिस की तरह काम करता है, जो मनोविज्ञान की गहराई से जुड़ा हुआ है।
क्या फायदा होगा इस मेनिफेस्टेशन लॉ से?
अगर आप इस नियम को 21 दिनों तक ईमानदारी से अपनाते हैं, तो आपको कई बदलाव महसूस हो सकते हैं:
- सोचने का नजरिया पॉजिटिव हो जाएगा
- आत्मविश्वास बढ़ेगा
- लोगों से आपके रिश्ते सुधरेंगे
- आपकी कार्यक्षमता में सुधार होगा
- नए अवसर खुद आपके पास आने लगेंगे
इस टेक्निक में कितना समय और पैसा लगेगा?
इस प्रक्रिया में ना तो कोई पैसा खर्च होगा और ना ही ज्यादा समय लगेगा। बस रोज रात को 2 मिनट खुद के लिए निकालिए और उपरोक्त 5 बातें दोहराते हुए हल्का टैप कीजिए। यह न सिर्फ सरल है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविकास के लिए बेहद लाभकारी भी है।
क्या यह सभी के लिए काम करता है?
शिखर चौधरी कहते हैं कि यह नियम हर उस व्यक्ति के लिए है जो खुद में विश्वास रखता है और अपने जीवन में बदलाव लाना चाहता है। लेकिन अगर आप इसे सिर्फ एक प्रयोग के रूप में करते हैं और भरोसा नहीं रखते, तो इसका असर उतना गहरा नहीं होगा।
क्या कहती है साइकोलॉजी?
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अफर्मेशन थेरपी यानी पॉजिटिव वाक्य खुद से कहना, आत्मविश्वास बढ़ाने और स्ट्रेस घटाने का बेहतरीन तरीका है। जब आप रोजाना खुद को याद दिलाते हैं कि आप सफल हैं, खुश हैं, तो दिमाग उसी हिसाब से सोचने और काम करने लगता है।

कहां से करें शुरुआत?
- आज रात से ही इस आसान टेक्निक को शुरू करें
- अपने फोन में एक रिमाइंडर लगाएं
- शांत होकर बिस्तर पर लेट जाएं
- आंखें बंद करें, गहरी सांस लें
- माथे के बीच हल्का टैप करें
- पॉजिटिव वाक्य खुद से दोहराएं
21 दिन बाद फर्क आप खुद महसूस करेंगे।