International Day Of Yoga 2025: सुबह पेट साफ नहीं होता? इस आसान योगासन से कब्ज को कहिए अलविदा
हर साल 21 जून को International Day of Yoga मनाया जाता है। यह दिन शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बढ़ावा देने वाले योग की महत्ता को दर्शाता है। योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं बल्कि एक जीवनशैली है जो मानसिक और शारीरिक रूप से संतुलन बनाने में मदद करता है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कब्ज़ (Constipation) जैसी आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या ने लगभग हर तीसरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लिया है। सुबह पेट साफ ना होना दिनभर की असहजता और सुस्ती का कारण बनता है। ऐसे में International Day of Yoga 2025 पर क्यों ना एक ऐसा आसान और असरदार योगासन अपनाएं जो कब्ज से राहत दिलाने में मददगार हो?
कब्ज – एक अनकही पीड़ा
कब्ज यानी Constipation एक ऐसी पाचन समस्या है जिसमें मल त्याग नियमित रूप से नहीं हो पाता या फिर मल बहुत सख्त हो जाता है जिससे पेट ठीक से साफ नहीं होता। इसके कारण:
- पेट में भारीपन
- गैस और ब्लोटिंग
- पेट दर्द या ऐंठन
- भूख ना लगना
- सिर दर्द या चिड़चिड़ापन
कब्ज के लिए दवाइयां लेने के बजाय योग का सहारा लेना ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित तरीका हो सकता है, खासकर यदि इसे नियमित रूप से किया जाए।

मलासन (Malasana): कब्ज भगाने का रामबाण योगासन
योगा एक्सपर्ट काम्या के अनुसार मलासन पेट की मांसपेशियों को उत्तेजित करता है, पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाता है और पाचन तंत्र की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
कैसे करें मलासन?
- सबसे पहले अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा ज्यादा खोल लें और सीधे खड़े हो जाएं।
- अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और नीचे स्क्वाट पोजीशन में बैठ जाएं।
- आपके घुटने बाहर की ओर रहें और आपकी छाती सीधी रहे।
- अपने दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर नमस्कार मुद्रा में सामने रखें और कोहनियों से अपने घुटनों को बाहर की ओर हल्का दबाव दें।
- इस अवस्था में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- अब धीरे-धीरे ऊपर उठें और वापस खड़े हो जाएं।
मलासन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- अगर आप इसे सुबह-सुबह गुनगुने पानी के साथ करें, तो इसका असर और भी तेजी से दिखता है।
- मलासन के दौरान पेट और जांघों पर जो दबाव बनता है, वह आंतों की क्रिया को उत्तेजित करता है जिससे मलत्याग आसान हो जाता है।
कब नहीं करना चाहिए मलासन?
मलासन भले ही एक सरल योगासन है, लेकिन सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता।
- जिन लोगों को घुटनों में दर्द या चोट है, उन्हें यह आसन करने से बचना चाहिए।
- कमर या रीढ़ की हड्डी में चोट है तो यह आसन करने से पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
- यदि मांसपेशियों से जुड़ी कोई गंभीर समस्या हो तो भी यह योगासन ना करें।
कब्ज से राहत देने वाले अन्य योगासन
अगर आपको मलासन में असुविधा होती है या आप अन्य विकल्प भी ढूंढ रहे हैं तो नीचे दिए गए योगासन भी कब्ज की समस्या में राहत दिला सकते हैं:

1. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana)
इस योग से गैस, ब्लोटिंग और कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यह पेट की मांसपेशियों को संकुचित और फैलाने में मदद करता है जिससे मल त्याग सरल हो जाता है।
2. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
यह आगे की ओर झुकने वाला योगासन है जो पाचन क्रिया को तेज करता है और आंतों की सफाई में मदद करता है।
3. बालासन (Balasana)
यह योगासन पेट पर हल्का दबाव बनाता है जिससे आंतों में संचारण बेहतर होता है और कब्ज में राहत मिलती है।
4. धनुरासन (Dhanurasana)
इस योग में शरीर को धनुष के आकार में मोड़ा जाता है जिससे पेट की नसों और आंतों पर खिंचाव पड़ता है और मल निष्कासन में मदद मिलती है।
5. हालासन (Halasana)
यह योग पेट के हिस्से पर अच्छा प्रभाव डालता है, जिससे कब्ज और गैस की समस्या में लाभ होता है।

कब्ज से राहत के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव करें?
योग के साथ-साथ अगर आप अपने खानपान और जीवनशैली में कुछ छोटे लेकिन असरदार बदलाव करें तो कब्ज की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है:
- फाइबर युक्त आहार लें: हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज कब्ज दूर करते हैं।
- पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 2.5-3 लीटर पानी जरूर पिएं।
- भोजन में नियमितता रखें: अनियमित खाने-पीने से पाचन गड़बड़ाता है।
- प्रोबायोटिक फूड्स लें: दही, छाछ आंतों की सेहत को बेहतर करते हैं।
- खाना चबाकर खाएं और जल्दी न खाएं।