पूरी दुनिया मना रही है योग दिवस, भारत की पहल बनी वैश्विक आंदोलन
International Yoga Day 2025 आज, 21 जून 2025, को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। कभी भारत की प्राचीन परंपरा माने जाने वाले योग को अब वैश्विक मान्यता मिल चुकी है। आज हर कोना योग की महत्ता को समझने लगा है।
लाखों-करोड़ों लोग इस दिन योग सत्रों में हिस्सा लेकर न सिर्फ अपनी सेहत को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी पाने की कोशिश करते हैं।

योग सिर्फ व्यायाम नहीं, जीवन की सच्ची साधना है: प्रीति शर्मा
योग गुरु प्रीति शर्मा मानती हैं कि योग एक साधन नहीं, बल्कि आत्मा और ऊर्जा से जुड़ने का मार्ग है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर बताया:
“आज के दौर में, जब हर तरफ भागदौड़, तनाव और उलझनें हैं, वहां योग और ध्यान ही हमें भीतर से स्थिर और शांत बना सकते हैं।”

उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से योग के प्रति जागरूकता जरूर बढ़ी है, लेकिन इसकी निरंतरता ही असली बदलाव लाती है।
युवाओं पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि “वो इसे केवल जिम जैसा समझते हैं, जबकि बुजुर्ग इसे जीवनशैली बना चुके हैं। यही वजह है कि वे ज्यादा स्थिर रहते हैं।”
राशि के अनुसार योग: हर किसी के लिए अलग रास्ता, लेकिन एक ही मंज़िल
प्रीति का कहना है कि अगर व्यक्ति अपनी राशि और स्वभाव के अनुसार योग आसन चुने, तो उसे विशेष लाभ मिल सकते हैं।
कुछ राशि वाले शांत और स्थिर स्वभाव के होते हैं, उनके लिए ध्यान और प्राणायाम लाभकारी हैं। जबकि कुछ राशियों को शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने वाले आसनों की आवश्यकता होती है।
(यदि आप चाहें, तो मैं राशियों के अनुसार आसन का सेगमेंट भी जोड़ सकता हूं)
ये दो आसान योगाभ्यास, जो सभी के लिए हैं फायदेमंद
प्रीति शर्मा ने दो ऐसे योग अभ्यास सुझाए, जिन्हें कोई भी व्यक्ति अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकता है:
1. अनुलोम-विलोम प्राणायाम – तनाव भगाएं, ध्यान बढ़ाएं
“रोज सिर्फ 10 मिनट इस प्राणायाम को करने से मानसिक तनाव 50% तक कम हो सकता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है और मन की स्थिरता बढ़ाता है।”
2. सूर्य नमस्कार के साथ ताड़ासन और त्रिकोणासन – शरीर को बनाएं मजबूत और लचीला
“रोज 20-25 मिनट के नियमित अभ्यास से शरीर में ऊर्जा, संतुलन और लचीलापन आता है। इससे पाचन, श्वसन और रक्त संचार बेहतर होता है।”
योग को दिनचर्या में लाएं, शरीर-मन-आत्मा तीनों को करें संतुलित
प्रीति ने अपील की कि योग को सिर्फ योग दिवस तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं।
“योग शरीर को नहीं, मन और आत्मा को भी स्वस्थ करता है। यह भारत की प्राचीन विरासत है, जिसे हमें गर्व से अपनाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि सामूहिक योग सत्रों से शुरू करना आसान होता है और प्रेरणा भी मिलती है।