Lucknow Rape Case किडनैपिंग से एनकाउंटर तक… जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
मासूम से दरिंदगी ने झकझोर दिया देश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां तीन साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। आरोपी की पहचान दीपक वर्मा के रूप में हुई, जिसे यूपी पुलिस ने महज 20 घंटे में मुठभेड़ में ढेर कर दिया। यह केस पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर को झकझोर देने वाला बन गया है।
बच्ची फुटपाथ पर सो रही थी, वहीं से हुआ अपहरण

यह घटना लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र की है। मासूम बच्ची अपने माता-पिता के साथ चंदा नगर मेट्रो स्टेशन के पास फुटपाथ पर सो रही थी। 5 जून की रात गहरी नींद में सो रही बच्ची को आरोपी दीपक वर्मा उठा कर ले गया। माता-पिता को सुबह बच्ची के न दिखने पर चिंता हुई और उन्होंने खोजबीन शुरू की।
मेट्रो पुल के नीचे बेहोशी की हालत में मिली बच्ची

कुछ समय बाद बच्ची बेहोशी की हालत में मेट्रो पुल के नीचे मिली। उसके शरीर पर चोट के निशान थे और हालत बेहद गंभीर थी। बच्ची को तुरंत लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बलात्कार की आशंका जताई। इसके बाद बच्ची को गंभीर हालत में KGMU शिफ्ट किया गया।
KGMU में तीन घंटे तक चला ऑपरेशन

बच्ची की हालत गंभीर थी और डॉक्टरों की टीम ने तत्काल सर्जरी का फैसला लिया। बच्ची के शरीर में इतनी गंभीर चोटें थीं कि डॉक्टरों को कोलोस्टॉमी सर्जरी करनी पड़ी, जिसमें पेट से शौच के लिए कृत्रिम रास्ता बनाया गया। बच्ची के प्राइवेट पार्ट में गहरे घाव थे, इसलिए वहां सर्जरी नहीं हो सकी।
CCTV फुटेज बना सबसे अहम सुराग
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। एक वीडियो में आरोपी बच्ची को ले जाता हुआ दिखा। फुटेज से स्कूटर नंबर का पता चला और आरोपी की पहचान दीपक वर्मा के रूप में हुई। वह पहले भी कई आपराधिक मामलों में संलिप्त था और शहर के अलग-अलग थानों में उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज थे।
गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें बनीं, इनाम घोषित
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनाई और उस पर ₹1 लाख का इनाम घोषित किया। घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने अभियान को स्वयं मॉनिटर किया। पुलिस का दावा है कि बच्ची को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए पूरा तंत्र सक्रिय हो गया था।
एनकाउंटर से पहले आरोपी ने चलाई गोलियां
7 जून की सुबह गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने छावनी क्षेत्र के देवीखेड़ा में आरोपी को घेर लिया। पुलिस ने जब सरेंडर करने को कहा तो दीपक वर्मा ने पुलिस पर गोलियां चला दीं। जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
बच्ची की हालत अभी भी नाजुक

मासूम बच्ची का इलाज KGMU के बाल शल्य चिकित्सा विभाग में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची की हालत स्थिर है लेकिन खतरे से बाहर नहीं है। इंफेक्शन का खतरा होने की वजह से हर क्षण महत्वपूर्ण है। परिवार वालों के अनुसार, बच्ची बार-बार दर्द से कराह रही है और वह कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं है।
पीड़ित परिवार को मिली सुरक्षा, सरकार से मदद की मांग
इस दर्दनाक घटना के बाद पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान की गई है। प्रशासन ने परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। वहीं, लोगों की मांग है कि ऐसी घटनाओं के लिए त्वरित न्याय प्रणाली बनाई जाए ताकि आरोपियों को तुरंत सजा मिले और समाज में भय पैदा हो।
आरोपी के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड
दीपक वर्मा कोई पहली बार अपराध नहीं कर रहा था। वह आदतन अपराधी था और उसके खिलाफ पहले से ही कई मुकदमे दर्ज थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह चोरी, छेड़छाड़ और अन्य मामलों में लिप्त था। लेकिन इस बार उसका अपराध इतना घिनौना था कि जनता में भारी गुस्सा देखा गया।