PM Modi को Cyprus का Highest Honour, दुनियाभर में 20+ बार हुए सम्मानित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। साइप्रस ने उन्हें अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से नवाजा है। यह सम्मान न केवल पीएम मोदी की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक है, बल्कि भारत की साख और कूटनीतिक संबंधों की गहराई को भी दर्शाता है।
साइप्रस के राष्ट्रपति ने सौंपा सम्मान
यह सम्मान साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रदान किया। यह पुरस्कार साइप्रस के पहले राष्ट्रपति आर्चबिशप मकारियोस III के नाम पर रखा गया है और यह नाइटहुड स्तर का सर्वोच्च सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया।
PM मोदी ने कहा:
“यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, यह 140 करोड़ भारतीयों की क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। यह हमारी संस्कृति, भाईचारे और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की विचारधारा का प्रतीक है।”
वैश्विक कूटनीति में मोदी का बढ़ता प्रभाव
पीएम मोदी को अब तक 20 से अधिक देशों द्वारा उनके नेतृत्व, वैश्विक शांति, विकास और मित्रवत संबंधों को मजबूत करने के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिल चुका है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब केवल दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

कौन-कौन से देशों ने दिया है पीएम मोदी को सम्मान?
यहां देखें प्रधानमंत्री मोदी को किन-किन देशों से मिले हैं शीर्ष सम्मान:
मार्च 2025 – मॉरीशस
- सम्मान: The Grand Commander of the Order of the Star and Key of the Indian Ocean
- कारण: भारत-मॉरीशस संबंधों को मजबूत करने में योगदान
अप्रैल 2025 – श्रीलंका
- सम्मान: श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान
- कारण: द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती
दिसंबर 2024 – कुवैत
- सम्मान: The Order of Mubarak Al-Kabeer
- प्रदानकर्ता: कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद
नवंबर 2024 – गुयाना, बारबाडोस और डोमिनिका
- गुयाना: Order of Excellence
- बारबाडोस: Honorary Order of Freedom of Barbados
- डोमिनिका: सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान
भारत की संस्कृति को मिल रही अंतरराष्ट्रीय पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने हर सम्मान को भारत की 5000 वर्षों पुरानी संस्कृति, उसके लोकतंत्र और वैश्विक भाईचारे की भावना को समर्पित किया है। उनके शब्दों में:
“ये सम्मान मेरी नहीं, भारत की सोच, संस्कृति और समर्पण की पहचान हैं।”
पुराने सम्मानों की झलक
2016 – अफगानिस्तान
- सम्मान: स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान
2018 – फलस्तीन
- सम्मान: ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फलस्तीन
2018 – संयुक्त राष्ट्र
- सम्मान: यूएन चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड
2019 – UAE
- सम्मान: ऑर्डर ऑफ जायद
2019 – रूस
- सम्मान: ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू
2019 – मालदीव

- सम्मान: ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ इज़ुद्दीन
2019 – बहरीन
- सम्मान: किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां
अमेरिका और भूटान से भी सम्मान
- 2020 (अमेरिका): लीजन ऑफ मेरिट
- 2021 (भूटान): ऑर्डर ऑफ द ड्रैगन किंग
फिजी, पापुआ न्यू गिनी, पलाऊ ने भी दी पहचान
मई 2023 में तीन महत्वपूर्ण सम्मान:
- ऑर्डर ऑफ फिजी
- ऑर्डर ऑफ लोगोहू (पापुआ न्यू गिनी)
- एबाकल पुरस्कार (पलाऊ गणराज्य)
मिस्र और फ्रांस से भी मिला सर्वोच्च सम्मान
- जून 2023:
- मिस्र: ऑर्डर ऑफ द नाइल
- फ्रांस: लीजन ऑफ ऑनर
- (फ्रांस का यह सर्वोच्च सम्मान किसी भारतीय प्रधानमंत्री को पहली बार मिला)
रूस ने फिर दिखाई दोस्ती
रूस ने भी प्रधानमंत्री मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ प्रदान किया था। यह रूस का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार है।

क्या कहता है यह सम्मान भारत की भूमिका के बारे में?
इन सम्माननों के पीछे सिर्फ नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व नहीं है, बल्कि यह भारत के बदलते वैश्विक दृष्टिकोण और कूटनीति का प्रतीक है। आज भारत केवल विकासशील देशों की आवाज नहीं, बल्कि एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में देखा जा रहा है।