मुख्यमंत्री निवास पर जनसुनवाई: CM Bhajanlal ने संवेदनशीलता के साथ सुनी जनता की समस्याएं

CM Bhajanlal राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बार फिर यह दिखाया कि प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता कैसे निभाई जाती है। सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित नियमित जनसुनवाई के दौरान उन्होंने आमजन की समस्याओं को गंभीरता और संवेदनशीलता से सुना।
इस जनसुनवाई में महिलाओं, दिव्यांगों, बुजुर्गों और ग्रामीण इलाकों से आए लोगों की समस्याएं सामने आईं। सीएम ने मौके पर ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
कैंसर पीड़िता प्रेमलता को मिलेगा मुफ्त इलाज
जनसुनवाई के दौरान सबसे मार्मिक मामला प्रेमलता नामक महिला का सामने आया, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। महिला ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं और वह आर्थिक तंगी के चलते इलाज नहीं करा पा रही।
मुख्यमंत्री ने बिना देरी किए उसके मुफ्त इलाज के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। यह निर्णय प्रेमलता और उसकी तरह कई गरीब मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।
“जनसुनवाई जनता से जुड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम है” – मुख्यमंत्री भजनलाल
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि महिलाओं, किसानों, युवाओं और मजदूरों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिले। उन्होंने ज़िला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे भी नियमित रूप से जनसुनवाई करें ताकि जनता को जिला स्तर पर ही राहत मिल सके और उन्हें जयपुर तक न आना पड़े।
उन्होंने कहा,
“हर व्यक्ति की पीड़ा को समझना और उसका समाधान करना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है। जनसुनवाई सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, यह जनता से जुड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम है।”
कई विभागों से जुड़ी समस्याएं हुईं दर्ज

जनसुनवाई के दौरान सामाजिक न्याय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, ग्रामीण विकास और नगर निगम से जुड़ी शिकायतें आईं। मुख्यमंत्री ने हर शिकायत को व्यक्तिगत रूप से सुना और संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एक दिव्यांग बुजुर्ग ने ट्राईसाइकिल की मांग रखी, वहीं एक छात्रा ने छात्रवृत्ति में हो रही देरी की शिकायत की। सीएम ने दोनों मामलों को भी संज्ञान में लेते हुए सहायता सुनिश्चित करने के आदेश दिए।
अफसरों को मिले साफ निर्देश: “जिम्मेदारी से निभाएं अपनी भूमिका”
सीएम ने अधिकारियों को कहा कि “सिर्फ सुनना काफी नहीं है, कार्रवाई भी उतनी ही जरूरी है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कहीं भी जन समस्याओं की अनदेखी हुई, तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
राजस्थान में सीएम भजनलाल की जनसुनवाई: कैंसर पीड़िता को मिला जीवनदान, आमजन को राहत
जयपुर:
राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार लगातार आमजन की समस्याओं को प्राथमिकता पर रख रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई जनसुनवाई में इसका जीवंत उदाहरण देखने को मिला, जब एक कैंसर पीड़िता महिला प्रेमलता को मुख्यमंत्री ने न सिर्फ सुना, बल्कि उसकी तकलीफ को समझते हुए मौके पर ही मुफ्त इलाज का आदेश भी दे दिया।
इस जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने न सिर्फ संवेदनशीलता दिखाई, बल्कि अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी शिकायत लापरवाही की भेंट न चढ़े।
कैंसर पीड़िता प्रेमलता की पुकार पर मुख्यमंत्री ने तुरंत लिया संज्ञान
जनसुनवाई में प्रेमलता नाम की महिला ने अपनी तकलीफ साझा करते हुए बताया कि वह गंभीर बीमारी कैंसर से पीड़ित है और उसके पास इलाज के लिए जरूरी आर्थिक संसाधन नहीं हैं। प्रेमलता की आंखों में उम्मीद थी और शब्दों में पीड़ा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उसकी बात गंभीरता से सुनी और तुरंत मुफ्त इलाज के निर्देश जारी कर दिए। यह कदम न सिर्फ उस महिला के जीवन में नई आशा की किरण बना, बल्कि प्रदेशभर में मुख्यमंत्री की संवेदनशील कार्यशैली का प्रमाण भी बन गया।
सीएम भजनलाल बोले: “हमारी सरकार आमजन की सरकार है”
मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा,
“हमारी सरकार आमजन की सरकार है। महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों, युवाओं और श्रमिकों को राहत देना हमारी प्राथमिकता है। जनसुनवाई केवल एक प्रक्रिया नहीं, जन सेवा का माध्यम है।”
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सुनवाई को औपचारिकता में न बदलें, बल्कि इसे निस्तारण का प्रभावी मंच बनाएं।
ज़िला कलेक्टरों को दिए निर्देश: “जिला स्तर पर ही मिलनी चाहिए राहत”
मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई में आए कई परिवादियों की समस्याओं को सुनने के बाद ज़िला कलेक्टरों को विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बार-बार राजधानी न आएं, इसके लिए जिला स्तर पर ही जनसुनवाई नियमित रूप से होनी चाहिए।
“सरकार की योजनाओं का लाभ नीचे तक तभी पहुंचेगा, जब अधिकारी जवाबदेह होंगे,” – भजनलाल शर्मा
महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों की बातों को भी गंभीरता से सुना गया
इस जनसुनवाई में महिलाएं, बुजुर्ग, दिव्यांग और ग्रामीण इलाकों के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। कई बुजुर्गों ने पेंशन संबंधी समस्याएं, तो कुछ दिव्यांगों ने सहायता उपकरण और पेंशन की मांग रखी।
मुख्यमंत्री ने हर एक मामले को व्यक्तिगत रूप से सुना और संबंधित विभागों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द निस्तारण करें।
एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसे पिछले छह महीने से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही। मुख्यमंत्री ने तुरंत सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को तलब कर उसका निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा।
शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल और नगर विकास से जुड़ी समस्याएं भी सामने आईं
जनसुनवाई के दौरान शिक्षा, चिकित्सा, जल आपूर्ति, ग्रामीण विकास और नगर निगम से जुड़ी शिकायतें भी सामने आईं।
एक छात्रा ने छात्रवृत्ति नहीं मिलने की बात कही, तो एक ग्रामीण ने गांव में पेयजल संकट की समस्या रखी। मुख्यमंत्री ने तत्काल संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में फील्ड स्तर पर जाकर समाधान करें, केवल कागज़ों में नहीं।
जनता को भरोसा: सरकार सुनेगी, समझेगी और समाधान देगी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की यह जनसुनवाई केवल फॉर्मल नहीं थी, बल्कि सुनवाई और समाधान दोनों का वास्तविक मंच थी। प्रेमलता जैसी कैंसर पीड़िता महिला के मामले से लेकर छात्रों, किसानों और महिलाओं तक—हर वर्ग को यह संदेश गया कि सरकार सिर्फ सुनती नहीं, फौरन कदम भी उठाती है।
जनता के मन में यह विश्वास गहराया है कि अगर उनकी बात सरकार तक पहुंचेगी, तो उसे नज़रअंदाज नहीं किया जाएगा।