Monday, July 7, 2025

Mathura जाने से रोके जाने पर भड़के सपा सांसद Ram JI Lal Suman, पुलिस नोटिस फाड़ा

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सपा सांसद रामजी लाल सुमन को यूपी पुलिस ने Mathura जाने से रोका तो उन्होंने पुलिस नोटिस फाड़ दिया। सुमन ने सरकार पर दलितों की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया।

Mathura जाने से रोके जाने पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन का फूटा गुस्सा, पुलिस नोटिस मौके पर ही फाड़ा

Mathura उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिला, जब समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को पुलिस ने मथुरा जाने से रोक दिया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज सपा सांसद ने मौके पर ही पुलिस द्वारा थमाया गया नोटिस फाड़ दिया और तीखी प्रतिक्रिया दी। – रामजी लाल सुमन


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पीड़ित दलित परिवारों से मिलने जा रहे थे सपा सांसद – रामजी लाल सुमन

मिली जानकारी के अनुसार, रामजी लाल सुमन समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मथुरा के एक गांव में दलित उत्पीड़न के शिकार परिवारों से मिलने जा रहे थे। लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें कानून-व्यवस्था का हवाला देकर मथुरा जाने से मना कर दिया।

पुलिस टीम सुबह-सुबह उनके आगरा स्थित आवास पर पहुंची और उन्हें एक नोटिस थमाया, जिसमें मथुरा यात्रा को लेकर निषेध का निर्देश था।


“यह सरकार दलितों की आवाज़ को दबा रही है” – सपा सांसद

पुलिस की कार्रवाई पर नाराज सपा सांसद ने मीडिया से बातचीत में कहा,

“यह लोकतंत्र की हत्या है। दलितों पर हो रहे अत्याचारों की हम आवाज़ भी नहीं उठा सकते? सरकार दबंगों की हिमायती बन चुकी है और दलितों को न्याय देने के बजाय, सच्चाई को दबाने में जुटी है।”

सुमन ने आगे कहा कि वह संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।


पहले भी हो चुकी है नजरबंदी – सपा सांसद

यह पहली बार नहीं है जब रामजी लाल सुमन को रोका गया हो। इससे पहले भी कई बार उन्हें विरोध प्रदर्शन या सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले नजरबंद किया गया है। सपा नेताओं का आरोप है कि सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए लगातार ऐसे हथकंडे अपना रही है।


कानून-व्यवस्था या राजनीतिक दबाव?

पुलिस की ओर से कहा गया कि मथुरा में स्थिति तनावपूर्ण है और वहां नेताओं की मौजूदगी से माहौल और बिगड़ सकता है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह महज बहाना है और असल मकसद सरकार की नीतियों के खिलाफ उठने वाली आवाज़ों को दबाना है।


सपा ने जताया विरोध, सरकार से की जवाबदेही की मांग

समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन बताया है। पार्टी नेताओं ने मांग की है कि सरकार स्पष्ट करे कि आखिर क्यों एक सांसद को जनता से मिलने से रोका जा रहा है।

मथुरा नहीं जाने दिया तो भड़के सपा सांसद, पुलिस नोटिस फाड़ा

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को सोमवार को उस वक्त गुस्सा आ गया जब यूपी पुलिस ने उन्हें मथुरा जाने से रोक दिया। वे पार्टी प्रतिनिधिमंडल के साथ एक दलित उत्पीड़न के मामले में पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे।

सुबह पुलिस उनके आगरा स्थित घर पहुंची और नोटिस सौंपा, जिसमें उन्हें मथुरा न जाने की हिदायत दी गई थी। लेकिन सुमन ने नोटिस को वहीं फाड़कर फेंक दिया और सरकार पर दलितों की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया।


“लोकतंत्र की हत्या है ये” – रामजी लाल सुमन

सांसद सुमन ने कहा, “यह सरकार दलितों को न्याय दिलाने की बजाय अत्याचारियों को बचा रही है। हमें जनता से मिलने से रोका जा रहा है, ये लोकतंत्र का अपमान है।”

इससे पहले भी सुमन को कई बार कार्यक्रमों में भाग लेने से रोका गया है, जिससे सपा नेताओं में रोष है।


पुलिस का पक्ष

पुलिस का कहना है कि मथुरा में हालात संवेदनशील हैं और वहां नेताओं की मौजूदगी से शांति भंग हो सकती है। हालांकि विपक्ष इसे सिर्फ एक राजनीतिक दबाव मान रहा है।

मथुरा जाने से रोकने पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन का गुस्सा फूटा, पुलिस नोटिस फाड़ा

उत्तर प्रदेश के मथुरा में दलित उत्पीड़न के मामले में पीड़ितों से मिलने के लिए समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन जाने वाले थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें मथुरा जाने से रोक दिया। इस रोक से गुस्साए सांसद ने मौके पर ही पुलिस द्वारा दिए गए नोटिस को फाड़कर फेंक दिया। इस पूरे मामले ने राजनीतिक हलकों में जोरदार सुर्खियां बटोरी हैं।


दलित उत्पीड़न के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे सांसद

रामजी लाल सुमन समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मथुरा के एक दलित उत्पीड़न के मामले की जांच और पीड़ितों से मिलने के लिए निकले थे। दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करना उनका उद्देश्य था। हालांकि, पुलिस ने ‘कानून-व्यवस्था’ बनाए रखने के नाम पर सांसद को मथुरा की सीमा से पहले ही रोक दिया।

उनके आगरा स्थित आवास पर पहुंची पुलिस ने एक नोटिस सौंपा, जिसमें मथुरा जाने पर रोक लगाई गई थी। इस नोटिस को देखकर सांसद रामजी लाल सुमन गुस्से में आ गए और तुरंत नोटिस फाड़कर फेंक दिया।


सांसद ने लगाया सरकार पर दलितों की आवाज दबाने का आरोप

सपा सांसद ने पुलिस की कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा,

“यह सरकार दलितों की आवाज दबा रही है। उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार चरम पर है और सरकार दबंगों के संरक्षण में लगी हुई है। हम पीड़ितों से मिलने नहीं जा पा रहे, यह लोकतंत्र की हत्या है।”

रामजी लाल सुमन ने साफ कहा कि वे और उनकी पार्टी दलितों के हक की लड़ाई लड़ती रहेगी और दबाव में नहीं आएगी।


पहले भी हो चुकी है नजरबंदी

यह कोई पहली बार नहीं है जब रामजी लाल सुमन को इस तरह से रोका गया हो। इससे पहले भी कई बार उन्हें कार्यक्रमों में हिस्सा लेने या विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से पहले पुलिस ने नजरबंद किया है। सपा नेताओं का आरोप है कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए इन सबका सहारा लेती है।


पुलिस का कहना- कानून-व्यवस्था को बनाए रखना जरूरी

पुलिस का कहना है कि मथुरा में सुरक्षा को लेकर स्थिति तनावपूर्ण है। इसलिए नेताओं की मौजूदगी से माहौल बिगड़ सकता है। इसी वजह से सांसद को मथुरा आने से रोका गया। हालांकि विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ एक बहाना है और असल में सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।


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राजनीतिक विवाद के बीच बढ़ती उठापटक

इस घटना के बाद राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाए हैं कि आखिर दलित उत्पीड़न के मामले में पीड़ितों से मिलने क्यों रोका जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को छिपाने की कोशिश कर रही है।

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Source-Indaitv

Written by -sujal

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