Hariyali Teej 2025: पति की लंबी आयु के लिए अगला व्रत, जानें तिथि और पूजा विधि
- महिलाओं का अगला व्रत है हरियाली तीज
- पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है व्रत
- जानिए हरियाली तीज 2025 की तिथि, महत्व और पूजा की विधि

करवा चौथ और वट सावित्री के बाद अब हरियाली तीज की बारी
हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए कई विशेष व्रत होते हैं जो वे अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। हाल ही में वट सावित्री व्रत संपन्न हुआ जिसमें महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की। अब अगला व्रत जो सुहागन महिलाएं रखेंगी, वह है हरियाली तीज।
हरियाली तीज का महत्व: शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का पर्व
हरियाली तीज केवल एक व्रत नहीं बल्कि श्रद्धा, प्रेम और आस्था का प्रतीक है। यह व्रत देवी पार्वती के शिव से पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। कहा जाता है कि माता पार्वती ने कई वर्षों तक कठिन तपस्या करके शिवजी को प्राप्त किया था। उसी श्रद्धा के भाव को दोहराते हुए महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
हरियाली तीज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
वर्ष 2025 में हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई (रविवार) को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई रात 10:41 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई रात 10:42 बजे तक रहेगी। चूंकि तीज का व्रत उदयातिथि के आधार पर रखा जाता है, इसलिए 27 जुलाई को ही हरियाली तीज मनाई जाएगी।
हरियाली तीज व्रत की पूजा विधि – जानिए सही तरीका
व्रत से एक दिन पहले क्या करें?
- तीज से एक दिन पूर्व यानी 26 जुलाई को सात्विक भोजन लें।
- मांस, लहसुन-प्याज और नशा करने से बचें।
व्रत वाले दिन का संकल्प और तैयारी
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
- सुहागन महिलाएं 16 श्रृंगार करें।
- व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन निर्जल व्रत रखें।
कैसे करें शिव-पार्वती की पूजा?
- पूजा स्थल पर लाल या पीले कपड़े बिछाएं।
- उस पर शिवजी और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और फल-फूल, धूप, चंदन आदि अर्पित करें।
- देवी पार्वती को सिंदूर और श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं।
- हरियाली तीज व्रत की कथा सुनें।
- आरती के बाद रात में व्रत को विराम न दें — पारण अगले दिन करें।
व्रत का पारण कब करें?
अगले दिन सुबह शिव-पार्वती का ध्यान करके व्रत का पारण करें। पारण से पहले पूजा और आरती अवश्य करें।
हरियाली तीज पर झूले और गीतों की परंपरा
हरियाली तीज पर झूले डालने, लोकगीत गाने और मेहंदी रचाने की परंपरा है। महिलाएं नई साड़ी पहनकर, हाथों में मेहंदी लगाकर और समूह में गीत गाकर इस पर्व को उल्लास के साथ मनाती हैं। यह दिन केवल व्रत का ही नहीं बल्कि प्रकृति से जुड़ने का भी पर्व माना जाता है, इसलिए इसे ‘हरियाली’ तीज कहा जाता है।
हरियाली तीज 2025: पति की लंबी आयु के लिए अगला व्रत, जानिए तारीख और पूजा की पूरी विधि
व्रत का महत्व, तिथि और पूजा विधि – एक नजर में जानिए क्यों खास है हरियाली तीज
हिंदू धर्म में पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कई व्रत रखती हैं। करवा चौथ, वट सावित्री और तीज जैसे पर्व महिलाओं के समर्पण और प्रेम को दर्शाते हैं। हाल ही में मनाया गया वट सावित्री व्रत भी इसी परंपरा का हिस्सा था। अब जो अगला महत्वपूर्ण व्रत आने वाला है, वह है हरियाली तीज, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत की महिलाएं श्रद्धा से मनाती हैं।
हरियाली तीज: शिव-पार्वती के पुनर्मिलन की याद में रखा जाने वाला व्रत
हरियाली तीज देवी पार्वती द्वारा भगवान शिव को पाने के लिए की गई तपस्या और उनके पुनर्मिलन की याद में मनाई जाती है। यह व्रत महिलाओं को पति की दीर्घायु, वैवाहिक सुख और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देता है। यह पर्व खास तौर पर शादीशुदा महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।
हरियाली तीज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह तिथि 27 जुलाई, रविवार को पड़ रही है।
- तृतीया तिथि प्रारंभ: 26 जुलाई, रात 10:41 बजे
- तृतीया तिथि समाप्त: 27 जुलाई, रात 10:42 बजे
- उदयातिथि अनुसार व्रत तिथि: 27 जुलाई 2025
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पूरे दिन शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
हरियाली तीज की पूजा विधि – कैसे करें शिव-पार्वती की आराधना?
हरियाली तीज व्रत का पालन करने के लिए पूजा विधि का सही ज्ञान जरूरी है। आइए जानते हैं कैसे करें इस दिन पूजा:
1. व्रत से एक दिन पहले
- सात्विक भोजन करें और किसी भी तरह की तामसिक चीजों से बचें।
- मन को शांत रखें और व्रत की मानसिक तैयारी करें।
2. व्रत वाले दिन सुबह
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- साफ और नए वस्त्र पहनें, विशेष रूप से हरे रंग की साड़ी या कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
- सुहागिन स्त्रियां 16 श्रृंगार करें।
3. पूजा की प्रक्रिया
- पूजा स्थल पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें।
- माता पार्वती को सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, मेहंदी आदि चढ़ाएं।
- शिवजी को बेलपत्र, फल, पुष्प और धूप-दीप अर्पित करें।
- हरियाली तीज व्रत कथा को श्रद्धापूर्वक सुनें।
- अंत में आरती करें और मन ही मन अखंड सौभाग्य की कामना करें।
4. पारण कब और कैसे करें?
व्रत का पारण अगले दिन सुबह करें। पारण से पहले दोबारा शिव-पार्वती का ध्यान करें और पूजा अर्पित करें। इसके बाद जल या फल ग्रहण करें।
हरियाली तीज की सांस्कृतिक झलकियां
हरियाली तीज का पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं झूले डालती हैं, लोकगीत गाती हैं, मेंहदी लगाती हैं और एक-दूसरे को श्रृंगार का सामान देती हैं।
सावन के मौसम में हरियाली का वातावरण इस पर्व की सुंदरता को और बढ़ा देता है। महिलाओं में नए वस्त्र, श्रृंगार और पारंपरिक गीतों का उत्साह देखते ही बनता है