Ghaziabad New : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक अनोखी कहानी सामने आई है, जहां पुलिस ने ममता और वात्सल्य का एक शानदार उदाहरण पेश किया है। दरअसल, डासना क्षेत्र में दुर्गा अष्टमी के दिन एक नवजात बच्ची को किसी ने झाड़ियों के बीच लावारिस छोड़ दिया था। जब यह बात पुलिसकर्मियों को पता चली, So वे तुरंत मौके पर पहुंचे And बच्ची की जान बचाने में सफल रहे। इसके अलावा, पुलिस अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने नवजात बच्ची को गोद लेने का फैसला भी किया, जिससे यह कहानी और भी खास बन गई है। – गाजियाबाद न्यूज़
झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची
यह पूरा मामला डासना क्षेत्र के गांव इनायतपुर का है। यहां एक नवजात बच्ची राजवाहे के पास झाड़ियों में लावारिस हालत में पड़ी मिली। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोगों का ध्यान उसकी तरफ गया। जब लोगों ने झाड़ियों में नवजात बच्ची को पड़ा देखा, So वे चौंक गए And तुरंत मदद के लिए आगे आए।
पुलिस की तत्परता
मौके पर पहुंचे लोगों ने फौरन पुलिस को मामले की सूचना दी। स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्ची को अपने कब्जे में लेकर उसे देखभाल के लिए डासना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) ले गई। हालांकि, पुलिस ने बच्ची के माता-पिता की तलाश शुरू की, लेकिन किसी का कुछ पता नहीं चला।
इस बीच, बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर थी, इसलिए चिकित्सकों ने उसे आवश्यक उपचार देना शुरू किया। फिर भी, बच्ची की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। पुलिस ने अपनी पूरी कोशिश की कि बच्ची को जल्द से जल्द स्थायी सुरक्षा मिले।
गोद लेने का निर्णय
डासना चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह के मन में बच्ची को अपनाने का विचार आया। इसके बाद, उन्होंने इस बारे में अपनी पत्नी राशि से बात की। दोनों पति-पत्नी ने मिलकर बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया। यह फैसला न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। – Bhartiya Tv
नवरात्रि का विशेष अवसर
इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी पुष्पेंद्र ने कहा, “अगर नवरात्र जैसे पावन मौके पर बच्ची घर आएगी, तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या होगी?” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का निर्णय लेने से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। वास्तव में, यह न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक विशेष दिन है।
कानूनी प्रक्रिया
एसीपी वेब सिटी लिपि नगायच ने बताया, “फिलहाल बच्ची चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह और उनके परिवार के पास है। परिवार ने गोद लेने की इच्छा जताई है। बच्ची को कानूनी रूप से अपनाने की कार्रवाई भी उनके द्वारा शुरू की गई है। यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी, ताकि बच्ची को एक स्थायी घर मिल सके।”
समाज का समर्थन
इस घटना ने क्षेत्र में लोगों के बीच जागरूकता और एकजुटता का संचार किया है। कई लोग आगे आकर बच्ची के लिए मदद और समर्थन की पेशकश कर रहे हैं। साथ ही, लोगों ने पुलिस की इस मानवीय पहल की सराहना की है, जो कि समाज में सुरक्षा और सहानुभूति का प्रतीक है।