संभल, उत्तर प्रदेश: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल शहर में तनाव और हिंसा का माहौल उस समय बन गया, जब रविवार सुबह अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे शुरू किया गया। सर्वे के दौरान भीड़ उत्तेजित हो गई और पुलिस के साथ झड़पें शुरू हो गईं। हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत और बीस से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
मारे गए लोगों की पहचान, पुलिस का बयान
पुलिस प्रशासन ने पुष्टि की है कि हिंसा में चार लोगों की जान गई है। मारे गए लोगों के नाम बिलाल, नईम, कैफ, और 16 वर्षीय आयान बताए गए हैं। मुरादाबाद रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी ने दावा किया कि हिंसा के दौरान पुलिस ने गोली नहीं चलाई। हालांकि, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की गई।
जामा मस्जिद का सर्वे: कैसे शुरू हुआ विवाद?
यह घटना अदालत के आदेश के तहत जामा मस्जिद का सर्वे कराने के दौरान हुई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के यह सर्वे शुरू किया, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया। मस्जिद के बाहर पहले से ही कई लोग विरोध कर रहे थे, जो देखते ही देखते हिंसक हो गए। पत्थरबाजी शुरू होने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
शहर में सन्नाटा, भारी सुरक्षा बल तैनात
हिंसा के बाद संभल में तनाव का माहौल है। जली हुई गाड़ियों और बिखरे पत्थरों के निशान अभी भी हिंसा की गवाही दे रहे हैं। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सुरक्षा के लिए आसपास के जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। गलियां सूनी पड़ी हैं, और आम लोग घरों में बंद हैं। केवल पुलिसकर्मी और प्रशासन के अधिकारी ही इलाके में गश्त करते नजर आ रहे हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने इस मामले की निंदा की है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि प्रशासन को पहले ही स्थिति को भांपकर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए थे। वहीं, सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
हिंसा पर प्रशासन की जांच और अगले कदम
पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। डीआईजी मुनिराज जी ने कहा है कि फॉरेंसिक टीम और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से हिंसा के कारणों और दोषियों का पता लगाया जाएगा। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
क्या है शाही जामा मस्जिद विवाद?
शाही जामा मस्जिद को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। अदालत के आदेश पर इस मस्जिद का सर्वे कराने का फैसला लिया गया। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह निर्णय बिना उचित संवाद के लिया गया, जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई। प्रशासन का कहना है कि सर्वेक्षण केवल अदालती आदेशों का पालन करने के लिए किया गया था।