Haridwar ढाबे पर लिखा था ‘गुप्ता चाट भंडार’… मालिक निकला गुलफाम! ऐसे खुली पोल
उत्तर प्रदेश के एक इलाके में लगे एक ढाबे पर लिखा था – ‘गुप्ता चाट भंडार’, लेकिन जब प्रशासनिक जांच हुई तो सामने आया कि ढाबे का मालिक कोई गुप्ता नहीं बल्कि गुलफाम नाम का व्यक्ति है। इस खुलासे के बाद इलाके में माहौल गरमा गया। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर जमकर बहस छिड़ गई। लोगों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर हिंदू नाम का इस्तेमाल कर ग्राहकों को गुमराह किया जा रहा था। फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित दस्तावेजों की पुष्टि की जा रही है।

हरिद्वार के मंगलौर-हरिद्वार हाइवे पर गुप्ता चाट भंडार नाम की दुकान है. कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित इस दुकान में काफी भीड़ भी होती है. लेकिन जब लोगों ने QR कोड स्कैन किया तो एक अलग ही हकीकत सामने आई.
कांवड़ यात्रा से पहले यूपी और उत्तराखंड के कई जिलों में सियासत गरमा गई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सरकार ने कुछ सख्त नियम जारी किए हैं. नए नियमों के तहत खाने-पीने की दुकानों पर मालिक का नाम लिखना और लाइसेंस व पहचान पत्र चिपकाना जरूरी कर दिया गया है. हिंदू संगठनों का आरोप है कि हरिद्वार- दिल्ली हाइवे पर कई मुस्लिम हिंदू नाम से दुकान चला रहे हैं. उनका कहना है कि इन ढाबों और होटलों में अधिकांश कर्मचारी मुस्लिम समुदाय से हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पहचान छुपा रखी है. होटल भी हिंदू नाम से चलाया जा रहा है.

हिंदू संगठनों के आरोपों की सच्चाई जानने के लिए हरिद्वार- दिल्ली हाईवे पर लाइव चेक किया. इस दौरान लोगों हरिद्वार जिले में मंगलौर-हरिद्वार हाइवे पर गुप्ता चाट भंडार में पहुंची. उत्तराखंड और यूपी बॉर्डर पर मौजूद इस चाट भंडार का नाम तो गुप्ता चाट भंडार लिखा है, लेकिन लोगों ने एक QR कोड स्कैन करते ही सारे आरोपों की सच्चाई सामने आ गई. QR कोड स्कैन करते ही गुलफाम का नाम सामने आया. यानि जिस अकाउंट में ग्राहकों का पैसा जा रहा था वह गुलफाम का था.
कैमरा देखते ही भाग गया गुलफाम
हरिद्वार के कांवड़ यात्रा मार्ग में इस बड़ी दुकान का नाम भले ही ‘गुप्ता चाट भंडार’ रखा गया हो, लेकिन पेमेंट गुलफाम को जा रहा था. जिस गुलफाम के नाम पर यह स्कैनर था, वह मीडिया को देखते ही गायब हो गया. डिजिटल पेमेंट से साफ हो गया कि दुकान में कुछ गड़बड़ है. जबकि यह दुकान अशोक गुप्ता के नाम पर है. अशोक गुप्ता ने बताया कि उन्होंने वह दुकान बेच दी है, लेकिन ने उनसे सवाल किया कि बाहर से गुप्ता चाट भंडार लिखा देखकर कांवड़िए आ सकते हैं और फिर विवाद हो सकता है. इस पर अशोक गुप्ता ने कहा कि गलती हो गई है, जल्द ही बोर्ड हटा देंगे.
पुलिस के सामने नहीं गली दाल
पहले संचालक ने इसे छिपाने की भी कोशिश की लेकिन जब पुलिस पहुंची तो संचालक खुद इस गलती को मानने पर मजबूर हुआ. संचालक ने कहा कि हां, यह गलती हुई है, जल्द ही नाम सही कराया जाएगा. हालांकि मंगलौर पुलिस ने उस स्कैनर को अपने कब्जे में ले लिया है. फिलहाल आरोपी दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया गया है