Kedarnath Ambulance : एंबुलेंस में बैठकर केदारनाथ यात्रा! जाम से बचने की इस चालाकी को पुलिस ने यूं पकड़ा

उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा का सीजन चरम पर है। हर दिन लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकल रहे हैं, जिससे पूरे रूट पर भारी ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। लेकिन इस बार कुछ यात्रियों ने ऐसा तरीका अपनाया, जिसे जानकर हर कोई हैरान है।
इन यात्रियों ने ट्रैफिक जाम से बचने के लिए दो एंबुलेंस बुक कर डालीं, ताकि उन्हें बीच रास्ते कोई न रोके। हूटर बजाते हुए एंबुलेंस के जरिए यह यात्री बिना ट्रैफिक में फंसे केदारनाथ धाम की ओर निकल पड़े। लेकिन उनकी चालाकी सोनप्रयाग पुलिस ने पकड़ ली और इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 14 जून 2025 की है। हरिद्वार से कुछ यात्री केदारनाथ यात्रा के लिए निकले, लेकिन भीषण ट्रैफिक से बचने के लिए उन्होंने दो एंबुलेंस बुक कीं। एक एंबुलेंस राजस्थान नंबर RJ14 PF 2013 और दूसरी हरिद्वार की UK08 PA 1684 थी। इन दोनों गाड़ियों में कोई मरीज नहीं, बल्कि आरामदायक सीटों पर यात्री बैठे थे, जो सिर्फ ट्रैफिक से बचकर जल्दी गौरीकुंड पहुंचना चाहते थे।
हूटर बजाते हुए एंबुलेंसों ने हरिद्वार, ऋषिकेश, ब्यासी, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, अगस्त मुनि और गुप्तकाशी जैसे तमाम चेकपोस्ट पार कर लिए। इन जगहों पर पुलिस ने इमरजेंसी वाहन मानकर उन्हें रोका नहीं, लेकिन सोनप्रयाग पुलिस को शक हो गया।

कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
सोनप्रयाग में तैनात पुलिसकर्मियों को यह बात खटकी कि न तो गौरीकुंड से और न ही केदारनाथ से किसी घायल या बीमार व्यक्ति की सूचना आई थी। आमतौर पर किसी भी इमरजेंसी में तुरंत पुलिस को सूचना दी जाती है। जब पुलिस ने एंबुलेंस को रोका और दरवाजा खोला तो चौंक गई।
एंबुलेंस में न कोई मरीज था, न डॉक्टर, न ही कोई मेडिकल स्टाफ। केवल सामान्य यात्री थे, जो शांति से AC एंबुलेंस में बैठकर यात्रा कर रहे थे। पुलिस ने मौके पर ही दोनों गाड़ियों को सीज कर दिया और चालकों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ा जुर्माना लगाया।

ऐसा क्यों करते हैं लोग?
भीषण ट्रैफिक और लंबी यात्रा से बचने के लिए कुछ लोग इमरजेंसी वाहनों का गलत इस्तेमाल करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि एंबुलेंस को कोई नहीं रोकेगा और वो आसानी से आगे बढ़ सकेंगे। इस तरह की घटनाएं केवल गलत आदतों को नहीं, बल्कि असली मरीजों की जान को भी खतरे में डाल सकती हैं।
यदि कहीं सच में कोई इमरजेंसी हो और एंबुलेंस में कोई मरीज हो, लेकिन पहले से इस तरह के फर्जी एंबुलेंस चल रहे हों, तो असली मरीजों को रास्ता नहीं मिलेगा।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
- दोनों एंबुलेंस सीज कर दी गईं।
- चालकों का चालान मोटर व्हीकल एक्ट की धारा के तहत किया गया।
- यात्रियों को चेतावनी देकर वापस भेजा गया।
- मामले की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाई गई है, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी दोबारा न हो।
ऐसी हरकतों से क्यों बचना चाहिए?
- कानूनी अपराध है — इमरजेंसी सेवा का दुरुपयोग करना गंभीर अपराध है।
- असल मरीजों को नुकसान — अगर सभी एंबुलेंस इस तरह से इस्तेमाल होंगी तो वास्तविक ज़रूरतमंद को समय पर इलाज नहीं मिलेगा।
- जनता का भरोसा कमजोर होता है — पुलिस और प्रशासन पर से लोगों का विश्वास उठ सकता है यदि ऐसे मामले बार-बार सामने आएं।
यात्रा में भीड़ और व्यवस्था पर दबाव
केदारनाथ धाम की यात्रा में इस बार रिकॉर्ड भीड़ उमड़ रही है। हर दिन हजारों गाड़ियाँ हरिद्वार, ऋषिकेश और रुद्रप्रयाग से होकर गुजर रही हैं। जगह-जगह जाम की स्थिति है, जिससे प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है।
ऐसे में यदि लोग नियमों का पालन न करें और सिस्टम का दुरुपयोग करें, तो यह सभी यात्रियों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
प्रशासन की अपील
उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान इमरजेंसी सेवाओं का दुरुपयोग न करें और पूरी योजना के साथ यात्रा पर आएं। साथ ही प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में कोई ऐसा प्रयास करता पाया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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