Mandi Flood में त्रासदी 13 शव बरामद, 29 अब भी सैलाब में लापता, 148 घर टूट गए…राहत शिविर में कट रही 357 लोगों की रातें

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 29 लोग लापता बताए जा रहे हैं। करीब 148 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि 357 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। प्रशासन द्वारा बचाव कार्य जारी है लेकिन मौसम की मार राहत कार्यों में बड़ी चुनौती बनी हुई है।
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में लगातार हो रही भारी बारिश, भूस्खलन और नदियों के उफान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. 30 जून से 1 जुलाई के बीच जिले में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. जिले के 12 उपमंडलों में कुल मिलाकर 13 लोगों की मौत, 29 लोग लापता और 154 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है. कुल 148 मकान, 104 गोशालाएं और 162 पशुओं की मौत की पुष्टि प्रशासन ने की है.

मंडी आपदा प्रबंधन ने 2 जुलाई की शाम तक की रिपोर्ट जारी की है. इसमें पूरी जानकारी दी है. मंडी के सदर उपमंडल में रघुनाथ का पधर, DIET मंडी, इंदिरा कॉलोनी और टारना में 68 लोगों को बचाया गया. यहां पर एक गोशाला क्षतिग्रस्त हुई है. मंडी गुरुद्वारा के राहत शिविर में 22 लोग और भ्यूली के विपाशा सदन 21 लोग को ठहराया गया है.

थुनाग उपमंडल में सबसे ज्यादा असर पड़ा और यहां 1 मौत और 11 लापता हैं. थुनाग में 40 मकानों और 30 वाहनों को नुकसान पहुंचा है और 6 पुल टूट गए हैं. प्रशासन की तरफ से पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में 120 लोग, GPS थुनाग 80 लोग को ठहराया गया है. वहीं, वायुसेना ने यहां से दो गर्भवती महिलाओं को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित निकाला है.
जिले के जोगिंद्रनगर में नेरी कोटला में सियूं से दो शव बरामद हुए हैं और यहां पर बचाव अभियान जारी है. जिले के धर्मपुर अपमंडल की लौंगणी पंचायत के स्याठी गांव में 17 परिवारों को रेस्क्यू किया गया है. यहां पर 26 मकान, 31 गोशालाएं ध्वस्त हो गए हैं. 76 पशु काल के मुंह में समा गए. यहां पर कांढापतन में लोहे का पुल क्षतिग्रस्त और त्रियाम्बला मंदिर और नयना देवी मंदिर में राहत शिविर में 61 लोगों को ठहराया गया है.

गोहर में सियूं और बडा गांव में 6 मौतें अब तक हो चुकी हैं. 1 शख्स लापता है. उधर, बुधवार को 29 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. फिलहाल, यहां पर भी कुदरत के कहर में 18 मकान और 19 गोशालाएं खत्म हो गई हैं. बड़ा गांव के IPH विश्रामगृह में 42 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है.
मंडी प्रशासन ने बताया कि बल्ह, बालीचौकी, सुंदरनगर, पधर, सरकाघाट और कोटली उपमंडलों में भी मकानों, गोशालाओं और पशुओं को भारी नुकसान पहुंचा है. बल्ह में 4 मकान, 2 गोशालाएं, बालीचौकी में 18 मकान, 13 गोशालाएं, 25 पशु हानि, 2 पुल क्षतिग्रस्त. सुंदरनगर में 7 मकान, 4 गोशालाएं, पधर में 2 मकान, 2 गोशालाएं, लोक भवन में 13 लोग ठहराए गए हैं. सरकाघाट में 2 मकान, 3 गोशालाएं, कोटली: 4 मकान, 23 गोशालाएं टूट गई हें.
मंडी प्रशासन ने बताया कि दो दिन के सर्च ऑपरेशन में 13 लोगों के शवर बरामद हो चुके हैं. अब भी मंडी जिले में 29 हैं. बुधवार को 154 लोगों को रेस्क्यू किया गया. प्रशासन के पास अब तक 148 मकानों के टूटने की पुष्टि हो चुकी है. इस दौरान 104 गोशालाएं बह गई हैं और 162 पशुओं की मौत हुई है. 14 पुलों को नुकसान पहुंचा है. फिलहाल, 5 शिविरों में 357 लोग रह रहे हैं. प्रशासन की ओर से सभी उपमंडलों में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं. हेलिकॉप्टर, एनडीआरएफ और प्रशासनिक टीमें लगातार प्रयासरत हैं. लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें. गौरतलब है कि सीएम सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिले का हवाई दौरा किया और आसमान से नुकसान का जायजा लिया.