Monday, July 7, 2025

Rudraprayag Helicopter Crash : केदारनाथ से लौटते समय बड़ा हादसा, 7 की मौत, सीएम धामी ने जताया दुख

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Rudraprayag Helicopter Crash :

Rudraprayag Helicopter Crash : केदारनाथ से लौटते समय क्रैश, 7 लोगों की मौत, सीएम धामी ने जताया शोक

Kedarnath Helicopter Crash: दर्शन के बाद लौट रहे श्रद्धालुओं का हेलिकॉप्टर  क्रैश, पायलट और बच्चे समेत 7 की मौत
Rudraprayag Helicopter Crash : केदारनाथ से लौटते समय बड़ा हादसा, 7 की मौत, सीएम धामी ने जताया दुख 8

उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा एक बार फिर दुःखद हादसे की गवाह बनी है। रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड इलाके में रविवार सुबह एक बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा हुआ। केदारनाथ से लौट रहा यह हेलीकॉप्टर जंगलों में क्रैश हो गया, जिससे उसमें सवार सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक दो साल का मासूम बच्चा भी शामिल है। हादसे की जानकारी मिलते ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।

हादसे की पूरी जानकारी

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यह हादसा रविवार सुबह लगभग 6 बजे के आसपास हुआ। हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम से फाटा की ओर जा रहा था, तभी रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड जंगल क्षेत्र में क्रैश हो गया। हादसे के बाद चारों ओर अफरातफरी मच गई और स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, हेलीकॉप्टर में कुल 7 लोग सवार थे, जिनमें सभी की मौत हो गई।

मृतकों की पहचान श्रद्धा राजकुमार जायसवाल, काशी निवासी राजकुमार सुरेश जायसवाल, विक्रम, विनोद देवी, तुष्टि सिंह और पायलट राजवीर सिंह चौहान के रूप में हुई है। हेलीकॉप्टर क्रैश की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, तकनीकी खराबी या मौसम की अनुकूलता इसमें अहम भूमिका निभा सकती है।

सीएम धामी ने जताया गहरा दुख

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा:

“जनपद रुद्रप्रयाग में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन एवं अन्य रेस्क्यू दल राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं। बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूं।”

मुख्यमंत्री ने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दे दिए हैं और जल्द ही घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

लगातार बढ़ रहे हैं हेलीकॉप्टर हादसे

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यह कोई पहला मौका नहीं है जब केदारनाथ यात्रा मार्ग पर इस तरह का हादसा हुआ हो। बीते कुछ वर्षों में और विशेषकर इस वर्ष कई बार हेलीकॉप्टर सेवाओं में तकनीकी खामियों और आपात लैंडिंग की घटनाएं सामने आई हैं।

7 जून 2025: बाल-बाल बचे थे श्रद्धालु

इसी महीने 7 तारीख को एक बड़ा हादसा टल गया था जब एक हेलीकॉप्टर को बीच रास्ते में हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। यह हेलीकॉप्टर बड़ासू हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भर चुका था, लेकिन उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आने के कारण इसे सिरसी के पास राजमार्ग पर आपात स्थिति में लैंड कराना पड़ा।

हेलीकॉप्टर में पायलट समेत छह तीर्थयात्री सवार थे, जो सुरक्षित बच गए। हालांकि, पायलट को हल्की चोटें आई थीं और उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया।

मई 2025: एम्स ऋषिकेश का हेलीकॉप्टर हुआ था क्रैश

पिछले महीने भी एक हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ के पास इमरजेंसी लैंडिंग की थी। वह हेलीकॉप्टर ऋषिकेश एम्स का था, जो एक मरीज को लेने के लिए केदारनाथ पहुंचा था। उड़ान के दौरान किसी तकनीकी खराबी के कारण हेलीपैड से लगभग 20 किलोमीटर पहले आपात लैंडिंग करवानी पड़ी। हेलीकॉप्टर अनियंत्रित होकर गिर पड़ा जिससे इसका पिछला हिस्सा टूट गया। गनीमत रही कि सभी यात्री और पायलट पूरी तरह सुरक्षित रहे।

हादसों के पीछे क्या है कारण?

चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन बार-बार होने वाले हादसे चिंता का विषय हैं। हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:

  • मौसम की अनिश्चितता: पहाड़ी क्षेत्रों में अचानक मौसम बदल जाना आम है, जिससे पायलटों को दृश्यता में दिक्कत आती है।
  • तकनीकी खामियां: कुछ हेलीकॉप्टर पुराने मॉडल के हैं या समय पर इनका मेंटेनेंस नहीं हो पाता।
  • अत्यधिक उड़ानों का दबाव: सीजन में भारी संख्या में उड़ानों से तकनीकी दवाब बढ़ जाता है।
  • पायलट की थकान: लंबे समय तक लगातार उड़ान भरने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।

एयर सेफ्टी पर उठते सवाल

उत्तराखंड जैसे दुर्गम और संवेदनशील इलाके में हेलीकॉप्टर सेवा एक वरदान के रूप में देखी जाती है, लेकिन इन घटनाओं ने सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) को चाहिए कि वह नियमित निरीक्षण करे और हेलीकॉप्टर ऑपरेटर्स को कड़े दिशा-निर्देशों का पालन कराए।

हादसे के बाद यात्रियों का मनोबल भी प्रभावित होता है। कई श्रद्धालु अब हेलीकॉप्टर से यात्रा करने में हिचकिचा रहे हैं।

श्रद्धालुओं में डर का माहौल

केदारनाथ जाने वाले यात्रियों के बीच अब एक डर सा बैठ गया है। हादसे की खबर फैलते ही वहां मौजूद लोगों में हलचल मच गई। कई श्रद्धालुओं ने अपने ट्रिप कैंसिल कर दिए और स्थानीय प्रशासन से हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा को लेकर आश्वासन मांगा।

सरकार की क्या होनी चाहिए रणनीति?

सरकार को चाहिए कि:

  • प्रत्येक उड़ान से पहले पूर्ण तकनीकी जांच हो।
  • अनुभवी पायलट ही संवेदनशील रूट पर उड़ान भरें।
  • मौसम पूर्वानुमान के आधार पर उड़ानों की अनुमति दी जाए।
  • आपात स्थिति से निपटने के लिए हर हेलीपैड पर NDRF/SDRF तैनात हो।

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