Ahmedabad Plane Crash मां ने कहां- कुछ दिन रुक जाते बेटा… और बेटे ने कैंसल करवा दिया टिकट, कहानी प्लेन क्रैश में बचे यमन व्यास की

अहमदाबाद:
ज़िंदगी कितनी अनिश्चित होती है, इसका अंदाज़ा हमें कुछ ऐसे हादसों के बाद होता है, जो न केवल दिल दहला देते हैं, बल्कि इंसान को सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि हर क्षण कितना कीमती है। ऐसा ही एक वाकया हाल ही में अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में हुआ, जिसमें 242 में से 241 यात्रियों की जान चली गई। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनकी किस्मत उन्हें इस फ्लाइट में चढ़ने ही नहीं दी — और यही उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा वरदान बन गया।
यमन व्यास: मां की भावनात्मक अपील ने बचा ली जान

यमन व्यास यूके के लंदन में एक वेयरहाउस में काम करते हैं। वे दो साल बाद भारत आए थे, परिवार से मिलने। 12 जून को उनकी वापसी की फ्लाइट थी — वही Air India Boeing 787-8 Dreamliner, जो टेकऑफ के कुछ मिनटों के भीतर ही क्रैश हो गई।
यमन ने अपना सामान पैक कर लिया था और घर से निकलने ही वाले थे। तभी मां से विदाई के वक्त उनकी मां ने गुजराती में कहा:
“थोड़ा दिवस रोकई जा ने बेटा…”
(कुछ दिन और रुक जाते बेटा…)
मां की यह बात सीधे दिल में उतर गई। यमन ने एयरलाइन से टिकट कैंसल करवा दिया और जाने का फैसला टाल दिया।

जब शाम को उन्हें हादसे की खबर मिली, तो यमन कुछ मिनट तक स्तब्ध रह गए। उन्हें समझ ही नहीं आया कि ये वही फ्लाइट थी जिसमें वे चढ़ने वाले थे। भावनात्मक रूप से उन्होंने कहा:
“मां ने मेरी जान बचा ली…”

जैमिन और प्रिया पटेल: डॉक्यूमेंट कम पड़े, जीवन बच गया
अहमदाबाद के चांदलोडिया इलाके के रहने वाले 29 वर्षीय जैमिन पटेल और 25 वर्षीय प्रिया पटेल को भी उसी दिन लंदन जाना था। दोनों को एक दोस्त ने घूमने के लिए बुलाया था और वे वीज़िटर वीज़ा पर सफर कर रहे थे। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद, कागज़ी दस्तावेजों की कुछ कमी के कारण उन्हें फ्लाइट में बोर्ड नहीं करने दिया गया।
उन्होंने एयरलाइन स्टाफ से बहुत मिन्नतें कीं, लेकिन नियमों का हवाला देकर उन्हें मना कर दिया गया। निराश होकर जब वे घर लौटे और टीवी पर फ्लाइट क्रैश की खबर देखी, तो पहले उन्हें विश्वास नहीं हुआ।
प्रिया ने कहा:
“हम बहुत नाराज़ थे कि हमें यात्रा नहीं करने दी गई, लेकिन अब समझ में आता है कि भगवान की यही मर्जी थी।”
भूमि चौहान: 10 मिनट की देरी ने बचा दी जान
भूमि चौहान लंदन से भारत आई थीं। वे भी उसी फ्लाइट से वापस यूके लौटने वाली थीं, लेकिन अहमदाबाद में भारी ट्रैफिक के कारण वे फ्लाइट पकड़ने में 10 मिनट लेट हो गईं। एयरपोर्ट पहुंचने पर चेक-इन बंद हो चुका था।
हताश होकर जब वह लौट रही थीं, तब उन्हें फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिली। उन्होंने कहा:
“पहले बहुत गुस्सा आया कि सिर्फ 10 मिनट की देरी से फ्लाइट छूट गई। अब लगता है कि यही 10 मिनट मेरी जिंदगी के सबसे बड़े 10 मिनट थे।”
क्रैश में बचे एकमात्र यात्री: विश्वकुमार रमेश
इस भीषण विमान हादसे में केवल एक यात्री विश्वकुमार रमेश ही जीवित बच पाए। वह एयर इंडिया की फ्लाइट में सीट नंबर A11 पर बैठे थे। विमान क्रैश होने के बाद उन्हें गंभीर चोटें आईं और फिलहाल वे अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती हैं।
हादसे में जान गंवाने वालों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 1 कनाडाई और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल थे। यह भारत के एविएशन इतिहास के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक बन गया है।
जब ज़िंदगी ने मौत को मात दी: किस्मत की कहानी या भगवान की मर्जी?
इन तीनों कहानियों में एक बात समान है — एक संयोग, एक देरी, एक भावनात्मक फैसला, जो मौत से बचा ले गया। मां की बात मान लेना, दस्तावेज पूरे न होना, या फिर ट्रैफिक में फंस जाना — ये सारी बातें सामान्य रूप से निराशाजनक लगती हैं, लेकिन उस दिन ये सबक बन गईं।
यह हादसा हमें ये भी सिखाता है कि ज़िंदगी की योजना हमेशा हमारे हाथ में नहीं होती। ऊपरवाले की मर्जी कब, कहां, कैसे काम कर जाए — कोई नहीं जानता।
सोशल मीडिया पर भावनाओं का सैलाब
सोशल मीडिया पर इन बचे हुए यात्रियों की कहानियां वायरल हो गई हैं। बहुत से लोगों ने इन्हें “भगवान का चमत्कार” बताया तो कई ने लिखा कि “मां की दुआ कभी खाली नहीं जाती।”
एक परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़: कैंसर ने मां को छीना, हादसे में पिता चले गए
एक अन्य दर्दनाक कहानी भी इस हादसे से जुड़ी है। दो मासूम बच्चियों के सिर से 18 दिन के अंदर मां और पिता दोनों का साया उठ गया। उनकी मां कैंसर से लड़ते हुए कुछ दिन पहले दुनिया से चली गईं, और पिता इसी प्लेन क्रैश में मौत का शिकार हो गए।
हादसे के बाद का सन्नाटा: जांच जारी, जिम्मेदार कौन?
इस हादसे की DGCA और विमान निर्माता बोइंग द्वारा संयुक्त जांच की जा रही है। अभी तक सामने आया है कि उड़ान भरने के चंद मिनट बाद इंजन में तकनीकी खराबी आई थी, जिसके कारण प्लेन तेजी से नीचे गिरा और अहमदाबाद के बाहरी इलाके में क्रैश हो गया।
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