Air India Crash होते आग के गोले में क्यों बदला? 125000 लीटर जेट फ्यूल बना हादसे की भयावह वजह

गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार, 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI171, बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 मॉडल, टेकऑफ के महज 9 मिनट बाद ही क्रैश हो गई। विमान में 242 लोग सवार थे—230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और 2 पायलट।
हादसे के बाद जो सबसे भयावह दृश्य सामने आया, वह था—प्लेन का आग के गोले में तब्दील हो जाना। यह नज़ारा इतना भयावह था कि आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सवाल यह उठता है कि आखिर विमान में ऐसा क्या था कि वह एक भीषण आग के गोले में तब्दील हो गया? इसका जवाब छिपा है उस 125000 लीटर जेट फ्यूल में, जो उस विमान में मौजूद था।

प्लेन ने कब और कहां से उड़ान भरी?
- फ्लाइट नंबर: AI171
- एयरक्राफ्ट मॉडल: Boeing 787-8 Dreamliner
- समय: दोपहर 1:39 बजे टेकऑफ
- मार्ग: अहमदाबाद से लंदन
- क्रैश का समय: दोपहर 1:48 बजे
- स्थान: मेघानीनगर, अहमदाबाद

टेकऑफ से 9 मिनट बाद हुआ क्रैश, फिर क्यों हुआ इतना बड़ा धमाका?
AI171 ने टेकऑफ के समय अपने फ्यूल टैंक को फुल कैपेसिटी तक भर रखा था क्योंकि यह एक लंबी दूरी की इंटरनेशनल फ्लाइट थी। इस मॉडल की फ्यूल कैपेसिटी लगभग 126000-127000 लीटर होती है। यानी क्रैश के समय विमान में करीब 125000 लीटर जेट फ्यूल मौजूद था।

यही फ्यूल बना हादसे की भयावहता की सबसे बड़ी वजह:
जब विमान क्रैश हुआ, तब उसका ईंधन पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हुआ था। टक्कर के साथ ही फ्यूल टैंक फट गया और हाई टेम्परेचर पर जलने वाला जेट फ्यूल आग की तेज़ी से फैल गया। यही कारण रहा कि विमान आग के एक बड़े गोले में तब्दील हो गया।
ड्रीमलाइनर का निर्माण और विशेषताएं
Boeing 787-8 Dreamliner एक लंबी दूरी की, फ्यूल एफिशिएंट, वाइड बॉडी फ्लाइट है। इसकी खासियत है कि यह:
- 13,620 किलोमीटर तक की दूरी बिना रुके तय कर सकता है।
- इसमें GE या Rolls-Royce के जेट इंजन लगे होते हैं।
- 248 यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है।
- वजन के अनुपात में यह अत्यधिक फ्यूल रख सकता है।
इसकी विशेष फ्यूल कैपेसिटी ही आमतौर पर इसकी ताकत मानी जाती है, लेकिन हादसे जैसी स्थिति में यह विनाशकारी भी साबित हो सकती है।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
एविएशन एक्सपर्ट का बयान:
“प्लेन टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हुआ है, यानी उस समय फ्यूल टैंक फुल था। इतनी मात्रा में जेट फ्यूल का अचानक विस्फोट होना विमान के टुकड़ों को जलाकर राख कर देता है।”
इस हादसे में सबसे बड़ा योगदान crash impact + full fuel load का रहा है। जेट फ्यूल (Jet A-1) में बहुत ही कम फ्लैश पॉइंट होता है, जिससे वह जल्द आग पकड़ लेता है।
पायलट कौन था?
कैप्टन सुमीत सभरवाल:
- एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलट
- 8200 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव
- फ्लाइट ऑपरेशंस में एक्सपर्ट
- फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर:
- 1100 घंटे का उड़ान अनुभव
- हाल ही में Dreamliner पर ट्रेंड हुए थे
इन दोनों ने टेकऑफ के बाद “मेडे कॉल” भेजा था, लेकिन संचार जल्दी ही बंद हो गया।
DGCA और अन्य एजेंसियों की जांच
DGCA का बयान:
DGCA ने बताया कि दुर्घटना का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है। ब्लैक बॉक्स को रिकवर कर लिया गया है और उसकी डिकोडिंग शुरू हो गई है। इसके साथ ही:
- DGCA
- एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB)
- एयर इंडिया टेक्निकल टीम
- एयरफोर्स और सेना
…सभी इस हादसे की जांच में शामिल हैं।
क्रैश साइट और नुकसान
विमान अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंशियल क्वार्टर्स पर गिरा। हादसे में:
- कई इमारतों को नुकसान हुआ
- दर्जनों गाड़ियाँ जल गईं
- आसपास के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया
- सिविल हॉस्पिटल को अलर्ट पर रखा गया
अंतरराष्ट्रीय नागरिक भी सवार थे
इस फ्लाइट में:
- 7 पुर्तगाल नागरिक
- 1 कनाडा का नागरिक
- बाकी सभी भारतीय
सवार थे। एयर इंडिया और MEA उनकी पहचान और कांसुलर सहायता प्रदान कर रही है।
क्या यह हादसा रोका जा सकता था?
यह सवाल फिलहाल जांच के अधीन है। लेकिन प्राथमिक रूप से यह कहा जा सकता है कि:
- तकनीकी खराबी ने पायलट को लैंडिंग का समय नहीं दिया
- इतनी बड़ी फ्यूल लोड के साथ क्रैश ने उसे आग के गोले में बदल दिया
- संभवतः इंजन फेल्योर या बर्ड हिट जैसे कारण सामने आ सकते हैं
ब्लैक बॉक्स की जानकारी के बाद ही इसकी असल वजह सामने आएगी।
सोशल मीडिया पर भावनाएं और शोक
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है:
- #PrayForAI171
- #AhmedabadPlaneCrash
- #AirIndiaDisaster
लोग अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। बॉलीवुड, खेल जगत और राजनीति से जुड़ी हस्तियों ने ट्वीट कर दुख जताया है।
अंतिम शब्द – एक भारी नुकसान
यह दुर्घटना भारत के एविएशन इतिहास में एक बड़ी त्रासदी के रूप में दर्ज हो चुकी है। इतने बड़े स्तर पर हुए नुकसान की भरपाई करना आसान नहीं। लोगों की ज़िंदगियाँ, परिवार उजड़ गए और एक बार फिर सवाल उठे हैं—क्या हमारी एविएशन सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है?