Monday, July 7, 2025

ISI Honey Trap: पाक जासूस हसीन का खुलासा, 4 सिम से फैला जाल

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ISI Honey Trap

ISI Honey Trap: पाकिस्तानी जासूस हसीन का खुलासा, भारत में 4 सिम कार्ड से फैला रहा था जाल

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दिल्ली: भारत में जासूसी का खतरा एक बार फिर सामने आया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए काम कर रहे एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में से एक, हसीन नाम के व्यक्ति ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

हसीन को राजस्थान के डीग जिले से उसके भाई कासिम के साथ गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान हसीन ने बताया कि वह भारत में आईएसआई के लिए स्लीपर सेल नेटवर्क तैयार कर रहा था और उसे पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे कि अधिक से अधिक भारतीय नागरिकों को इस नेटवर्क में शामिल किया जाए।

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4 सिम कार्ड से फैला हनी ट्रैप जाल

हसीन ने जांच एजेंसियों को बताया कि उसने चार भारतीय मोबाइल नंबर पाकिस्तान की एजेंसी को उपलब्ध कराए थे। इन नंबरों का इस्तेमाल हनी ट्रैप ऑपरेशन के तहत किया जा रहा था, जिसमें पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIO) भारतीय नागरिकों को फंसा कर उनसे संवेदनशील जानकारी निकलवाने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस का कहना है कि इन सिम कार्ड्स के ज़रिए सोशल मीडिया और वॉयस कॉलिंग के माध्यम से संपर्क साधा जाता था। इनमें से अधिकतर मामलों में फेक प्रोफाइल्स का सहारा लेकर भारतीय सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों को निशाना बनाया गया।

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पाकिस्तान में रहा संपर्क

हसीन ने यह भी कबूल किया कि वह 2 से 3 बार पाकिस्तान जा चुका है। हालांकि उसने दावा किया कि वह वहां अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था, लेकिन जांच में यह पता चला कि वह अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स से बातचीत के लिए अपने रिश्तेदारों के मोबाइल का इस्तेमाल करता था ताकि ट्रैकिंग से बच सके।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि हसीन के पाकिस्तान दौरे संदेहास्पद थे और इन यात्राओं के दौरान उसने भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए कई योजनाओं को मूर्त रूप दिया।

पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी

गिरफ्तारी के बाद हसीन और उसके भाई कासिम को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से दोनों की रिमांड मांगी ताकि इनसे गहन पूछताछ की जा सके और इनके नेटवर्क की परतें खोली जा सकें। कोर्ट ने पुलिस की मांग मानते हुए रिमांड मंजूर की।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशभर में गिरफ्तारी

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक जासूसों की गिरफ्तारी ने खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।

अब तक गिरफ्तार जासूसों की सूची:

  • पंजाब: सुखप्रीत सिंह, कर्णबीर सिंह, गजाला, यमीन, पलक शेर मसीह, सुरा मसीह, मोहम्मद अली मुर्तजा, गगनदीप सिंह उर्फ गगन, जसबीर सिंह
  • हरियाणा: ज्योति मल्होत्रा, देवेंद्र सिंह ढिल्लों, अरमान, तारिफ, नोमान इलाही
  • राजस्थान: शकुर खान, हसीन और कासिम
  • उत्तर प्रदेश: शहजाद, तुफैल
  • दिल्ली: मोहम्मद हारून

इन सभी को अलग-अलग समय पर विभिन्न ऑपरेशनों के तहत गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई जासूस सोशल मीडिया, व्हाट्सएप कॉल और अन्य डिजिटल माध्यमों से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में थे।

सोशल मीडिया बना जासूसी का माध्यम

जांच एजेंसियों ने बताया कि इन जासूसों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, और टेलीग्राम का इस्तेमाल कर के भारतीय सेना, रेलवे और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों से जुड़े कर्मचारियों को टारगेट किया जाता था।

फेक आईडी बनाकर महिला बनकर इनसे दोस्ती की जाती और फिर धीरे-धीरे विश्वास जीतकर उनसे संवेदनशील दस्तावेज और जानकारियां मंगवाई जाती थीं। कई बार पैसे का लालच और कई बार ब्लैकमेलिंग का सहारा लिया गया।

ISI का बड़ा नेटवर्क उजागर

इस खुलासे से यह साफ हो गया है कि आईएसआई ने भारत में जासूसी के लिए एक बेहद संगठित और तकनीकी रूप से एडवांस नेटवर्क तैयार कर रखा है। चार सिम कार्ड से शुरू हुआ यह जाल अब देश के कई राज्यों में फैला हुआ दिख रहा है।

स्पेशल सेल अब यह पता लगाने में जुटी है कि किन-किन सरकारी विभागों से जानकारी लीक हुई है और कौन-कौन इसमें शामिल हो सकता है। कुछ गिरफ्तार आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल, पेन ड्राइव, सैटेलाइट फोन जैसे डिवाइस बरामद किए गए हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा खतरा

आईएसआई द्वारा भारतीय नागरिकों को हनी ट्रैप में फंसाने की यह रणनीति भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते यह नेटवर्क पकड़ा नहीं जाता, तो यह संवेदनशील जानकारियों को लीक कर भारत की सामरिक स्थिति को कमजोर कर सकता है।

आगे की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA), रॉ और IB के साथ साझा किया है। साथ ही इस नेटवर्क से जुड़े डिजिटल सबूतों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। हसीन और कासिम के बैंक अकाउंट, कॉल रिकॉर्ड, और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है।

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