Japan Tunnel : सबसे डरावनी सुरंग, अब तोरी गेट बना डर का प्रतीक
दुनिया भर में कई ऐसे स्थान हैं जो अपने रहस्य, इतिहास और डरावने माहौल के कारण चर्चा में रहते हैं। जापान के गिफू प्रान्त में स्थित अमागामिने सुरंग (Amagamine Tunnel) उन्हीं में से एक है। यह सुरंग न केवल अपने इतिहास की वजह से बल्कि इसमें मौजूद एक लाल तोरी गेट की वजह से भी दुनियाभर के इंटरनेट यूजर्स और पर्यटकों का ध्यान खींच रही है। WWII (द्वितीय विश्व युद्ध) के दौरान बनाई गई यह सुरंग अब “जापान की सबसे डरावनी जगहों” में गिनी जाती है।
तोरी गेट की वायरल तस्वीरों ने जगाई दिलचस्पी
हाल ही में Reddit और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस सुरंग की तस्वीरें वायरल हुईं, जिसमें एक अंधेरी, गीली और परित्यक्त सुरंग के बीचोबीच खड़ा लाल तोरी गेट देखा जा सकता है। कई यूजर्स ने इस गेट को “Underworld का द्वार” और “जापान का सबसे डरावना मंदिर” कहा। यह दृश्य इतना रहस्यमयी और भयावह है कि लोग इसे किसी हॉरर फिल्म का सीन समझने लगे।

अमागामिने सुरंग का इतिहास
यह सुरंग कानी शहर (Kani City) में अमागामिने पहाड़ के नीचे स्थित है, जो नागोया से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। WWII के दौरान इसे जापानी सेना द्वारा एक गुप्त हथियार कारखाने के रूप में बनाया गया था। इस भूमिगत सुरंग में गोला-बारूद और हथियार तैयार किए जाते थे। युद्ध समाप्त होने के बाद सुरंग को बंद कर दिया गया और यह कई वर्षों तक वीरान रही।
पवित्रता और रहस्य का मिश्रण: इनारी श्राइन

बाद के वर्षों में, सुरंग में अमागामिने ओचोबो इनारी श्राइन (Amagamine Ochobo Inari Shrine) की स्थापना की गई। शिंतो धर्म में इनारी चावल, समृद्धि और व्यापार के देवता माने जाते हैं। इनके मंदिरों के बाहर लाल तोरी गेट और लोमड़ी (कित्सुने) की मूर्तियां आमतौर पर देखी जाती हैं। यह तोरी गेट पवित्र और सामान्य जीवन के बीच की सीमा को दर्शाता है।
परंतु इस गुफा के बीचोबीच स्थापित तोरी गेट इस परंपरा से अलग एक डरावना दृश्य प्रस्तुत करता है। अंधेरी सुरंग, दीवारों पर नमी, बिखरे हुए उत्सव के अवशेष और अकेला खड़ा यह गेट – सब मिलकर एक भूतिया वातावरण बनाते हैं।

कैवर्न समर फेस्टिवल की चमक
इस सुरंग में पहले हर साल Cave Summer Festival आयोजित किया जाता था। जुलाई के महीने में यह आयोजन होता था जिसमें सैकड़ों स्थानीय लोग और पर्यटक हिस्सा लेते थे। ताइको ड्रम की आवाजें, लालटेन की रोशनी और कित्सुने मास्क पहने श्रद्धालु सुरंग को एक दिव्य रूप देते थे।
इस आयोजन के दौरान श्रद्धालु इनारी देवता की पूजा करते थे और जीवन में समृद्धि की कामना करते थे। गुफा में स्थित मंदिर और तोरी गेट को विशेष रूप से सजाया जाता था।
बाढ़ और विरानी: एक उजड़े श्राइन की कहानी
2016 में आई भारी बाढ़ ने इस सुरंग को आंशिक रूप से जलमग्न कर दिया। इसके बाद फेस्टिवल बंद कर दिया गया और श्राइन की देखरेख भी रुक गई। आज यहां केवल जंग लगे ट्रक, टूटे हुए ढांचे, लालटेन के अवशेष और काई से ढका हुआ मंदिर बचा है। अब यह जगह एक डरावने पर्यटक स्थल की तरह देखी जाती है।
शहरी खोजकर्ता साहो की खोज
जापान के एक प्रसिद्ध urban explorer साहो (Saho) ने इस सुरंग की खोज की और वहां की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। उनकी खींची तस्वीरों में सुरंग का भयावह माहौल, लाल गेट की परछाईं और भीतर का सन्नाटा साफ दिखता है। इन तस्वीरों ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया और यह जगह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गई।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
Reddit और TikTok पर लोगों ने इस स्थान को जापान की सबसे रहस्यमयी जगह बताया। कई लोगों ने इसे भूतिया सुरंग करार दिया, तो कुछ ने यहां पैरानॉर्मल एक्टिविटी महसूस करने के दावे किए। हालांकि अब भी यह सुरंग आम जनता के लिए बंद है, लेकिन साहसी पर्यटक और एक्सप्लोरर इसे खतरों के बावजूद देखने की कोशिश करते हैं।
भविष्य में क्या?
जापान सरकार या स्थानीय प्रशासन ने फिलहाल इस सुरंग को पुनर्जीवित करने की कोई योजना नहीं बनाई है। हालांकि, इस रहस्य और डरावने इतिहास के कारण यह स्थान जापान के “Urban Legend” स्थलों की सूची में शामिल हो चुका है।
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