monkeys की ‘किडनैपिंग गैंग’: जब ऊब गए तो बना लिया बच्चों को चुराने का शौक
monkeys आप जब बोर होते हैं, तो क्या करते हैं? शायद मूवी देख लेते हों, म्यूजिक सुनते होंगे या सोशल मीडिया स्क्रोल करने लगते होंगे। लेकिन पनामा के एक द्वीप पर रहने वाले कैपुचिन बंदरों ने इससे भी अजीब तरीका अपना लिया — वे ऊबकर हाउलर बंदरों के बच्चों को किडनैप करने लगे हैं। जी हां, जानवरों की इस हरकत को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया है और यह घटना वैज्ञानिकों को हैरान कर रही है।

कैमरे में कैद हुआ हैरान करने वाला नज़ारा
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बिहेवियर की रिसर्चर और पीएचडी स्टूडेंट जो गोल्ड्सबोरो ने 2022 में इस घटना की शुरुआत देखी। उन्होंने पनामा तट से दूर जिकारन द्वीप पर लगे मोशन-सेंसिंग कैमरों के फुटेज खंगाले और देखा कि एक सफेद चेहरे वाला कैपुचिन बंदर अपनी पीठ पर हाउलर प्रजाति के एक बच्चे को ले जा रहा है।
उस बंदर को “जोकर” नाम दिया गया, क्योंकि उसके मुंह पर एक छोटा सा कट था, जो फिल्म ‘बैटमैन’ के विलेन जैसा दिखता था।
दिल छूने वाली कहानी निकली एक खतरनाक प्रवृत्ति
पहले तो लगा कि यह किसी अनोखे बंदर की मासूमियत भरी कहानी है, जो शायद बच्चे को गोद लेना चाहता हो। लेकिन जैसे-जैसे और फुटेज मिले, यह साफ हुआ कि यह कोई इमोशनल मूवमेंट नहीं, बल्कि एक खतरनाक चलन है।
15 महीनों में 11 हाउलर बच्चों को किडनैप करते हुए पांच अलग-अलग कैपुचिन बंदर देखे गए। बच्चों की माएं उन्हें आवाज़ देती रहीं, लेकिन कोई भी बच्चा लौट नहीं पाया।
बच्चों के लिए जानलेवा साबित हुआ बंदरों का यह शौक

रिसर्च में यह बात सामने आई कि किडनैप किए गए बच्चों में से चार की मौत हो गई और बाकी की भी कोई जानकारी नहीं है। वैज्ञानिकों को इस बात ने चौंका दिया कि कैपुचिन बंदर ना तो बच्चों को खाते हैं, ना ही उनसे खेलते हैं।
यह किडनैपिंग सिर्फ एक “सनक” बन गई है, खासकर युवा नर कैपुचिन बंदरों के बीच। यह उनके लिए एक सामाजिक परंपरा जैसा हो गया है – बिना किसी स्पष्ट उद्देश्य के, सिर्फ खाली समय में की जाने वाली गतिविधि।
तीन गुना बड़े हाउलर बंदरों से बच्चे छीन लेते हैं कैपुचिन
हैरानी की बात यह भी है कि जिन हाउलर बंदरों के बच्चों को चुराया गया, उनके पिता आकार में कैपुचिन से तीन गुना बड़े होते हैं। इसके बावजूद कैपुचिन बिना किसी चोट के बच्चों को उठाकर ले जाते हैं। माना जा रहा है कि यह घटनाएं पेड़ों पर होती हैं, क्योंकि कैमरे केवल ज़मीन को कवर करते हैं।
जानवरों की ‘संस्कृति’ भी होती है – ये उदाहरण हैं
ऐसी सांस्कृतिक सनकें जानवरों में अनसुनी नहीं हैं। रिसर्च के को-ऑथर बैरेट ने बताया कि पहले कोस्टा रिका में भी कैपुचिन बंदर साही को पालने लगे थे। वहीं 1980 के दशक में किलर व्हेल्स ने मरे हुए सैल्मन को सिर पर पहनना शुरू कर दिया था – जिसे “सैल्मन हैट” कहा गया।
What can we learn from this? It seems that the conditions on Jicarón island (no predators, plenty of free time) are conducive to innovation, both of useful behaviors (like tool use) and less functional ones (like interspecies abduction). (9/12) pic.twitter.com/g2rZclSmZO
— Ecology of Animal Societies (@livingingroups) May 19, 2025
जब से कैमरे लगे, तब से खुलने लगे राज
कैपुचिन बंदरों पर 2017 से नजर रखी जा रही है, जब वैज्ञानिकों ने देखा कि ये बंदर पत्थरों से नट और शेलफिश तोड़ने लगे हैं। इस द्वीप पर ना तो कोई शिकारी है और ना ही भोजन की कमी, इसलिए बंदरों के पास वक्त की कोई कमी नहीं। बैरेट के मुताबिक, “वे अराजकता के छोटे खोजी एजेंट हैं।”
क्या ये प्रवृत्ति थमेगी?
स्टडी के मुताबिक जुलाई 2023 तक की घटनाओं को शामिल किया गया है, लेकिन गोल्ड्सबोरो ने कहा कि इसके बाद भी कम से कम एक और बच्चा चुराया गया। हो सकता है कि अब चुराने के लिए बच्चों की कमी के कारण यह ट्रेंड धीमा पड़ा हो।
गंभीर चिंता की बात यह है कि इस द्वीप पर हाउलर प्रजाति पहले से ही लुप्तप्राय सूची में शामिल है। अब वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हाउलर बंदर अब कैपुचिन से डरने लगे हैं या उनमें आक्रामकता बढ़ रही है।
यह भी पढ़ें:
Source – NDTV
Written By – Sujal