बिहार में जितिया पर्व के दौरान नदी-तालाबों में डूबने की घटनाओं ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। इस त्रासदी में 41 लोगों की जान गई, जिनमें 27 बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए इन घटनाओं को दुःखद बताया है।
बाढ़ की विकराल स्थिति
बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। गंगा नदी का जलस्तर भले ही कम हो रहा हो, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
घटनाओं का विवरण
बच्चे अपनी माताओं के साथ स्नान करने नदी-तालाबों में गए थे। मृतकों में औरंगाबाद (8), कैमूर (6), सारण (5), सिवान (3), पश्चिमी और पूर्वी चंपारण (2-2), और पटना (1) के बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा, भागलपुर, सुपौल, मुंगेर, बांका, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, समस्तीपुर, और सीतामढ़ी में भी डूबने से मौत की घटनाएं हुई हैं।
पश्चिम चंपारण में सुरक्षा खतरे
पश्चिम चंपारण में हरहा नदी का सुरक्षा बांध ध्वस्त होने से खेतों में पानी बहने लगा है, जिससे स्थानीय लोगों में हंगामा मच गया। चटकल पुल के पास लोग इकट्ठा होकर पानी रोकने की मांग कर रहे हैं।
यातायात पर प्रभाव
भागलपुर-मुंगेर के बीच रेल और सड़क यातायात सामान्य है, लेकिन कई सड़कों पर बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे यात्रा करना मुश्किल हो रहा है।