North East भारत में बाढ़ का कहर, तीस्ता और ब्रह्मपुत्र नदियों का जलस्तर खतरे के पार
पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश के चलते स्थिति गंभीर हो गई है। तीस्ता, ब्रह्मपुत्र और अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे असम, सिक्किम, त्रिपुरा और अन्य राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
सिक्किम में तीस्ता नदी का रौद्र रूप

सिक्किम में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। उत्तर सिक्किम के मंगन जिले में स्थित संकलांग पुल का एक हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगन जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे क्षेत्र में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
असम में ब्रह्मपुत्र नदी का उफान

असम में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। डिब्रूगढ़ में नदी का जलस्तर 105.85 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के स्तर से 0.15 मीटर ऊपर है। इससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है।
अन्य नदियों की स्थिति
अन्य नदियों की स्थिति भी चिंताजनक है:
- कुशियारा नदी, करिमगंज: 15.38 मीटर (0.44 मीटर खतरे के स्तर से ऊपर)
- धनसिरी (साउथ) नदी, गोलाघाट: 78.91 मीटर (0.49 मीटर खतरे के निशान से ऊपर)
- कोपिली नदी, नागांव: 61.92 मीटर (1.42 मीटर खतरे के स्तर से ऊपर)
- हाओरा नदी, त्रिपुरा: 11.58 मीटर (0.88 मीटर खतरे के स्तर से ऊपर), प्रति घंटे 70 मिमी की गति से बढ़ रही है

बाढ़ और भूस्खलन से जनहानि
पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। असम में 9, अरुणाचल प्रदेश में 9, और मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय में 8 लोगों की जान गई है। असम के 17 जिले बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

राहत और बचाव कार्य
राज्य सरकारों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। असम में 1,200 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। सिक्किम में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिकों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की गई है।
तीस्ता में उफान, ब्रह्मपुत्र पार, पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ का संकट
पूर्वोत्तर भारत में मानसून की एंट्री के साथ ही बारिश का कहर शुरू हो गया है। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते असम, त्रिपुरा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नतीजतन, बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई नदियां अपने खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, जिससे कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
तीस्ता नदी का रौद्र रूप
सिक्किम में तीस्ता नदी उफान पर है। मंगन जिले में भारी बारिश के कारण संकलांग पुल का एक हिस्सा बह गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगन के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और आपातकालीन सेवाओं को तैनात किया गया है।

असम में ब्रह्मपुत्र और अन्य नदियां उफान पर
असम में ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़ सहित कई जिलों में खतरे के स्तर को पार कर चुकी है। इसके अलावा धनसिरी, कोपिली, कुशियारा जैसी नदियों का जलस्तर भी खतरे से ऊपर चला गया है।
- डिहिंग नदी 2.16 मीटर
- कुशियारा नदी 0.44 मीटर
- धनसिरी नदी 0.49 मीटर
- कोपिली नदी 1.42 मीटर
- त्रिपुरा की हाओरा नदी 0.88 मीटर खतरे से ऊपर बह रही है।

प्रशासन अलर्ट पर
राज्य प्रशासन और NDRF की टीमें हाई अलर्ट पर हैं। राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और लोगों से निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की गई है। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
जान-माल का नुकसान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक असम, त्रिपुरा, सिक्किम और अन्य राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन से करीब 32 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
आगे की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है। लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।