Pakistan : ने राजस्थान पर 413 ड्रोन भेजे, BSF का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकारियों ने बताया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर एक बड़ा हमला करने की योजना बनाई थी। खासतौर पर राजस्थान को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान ने भारी संख्या में ड्रोन भेजे थे। इन ड्रोनों की संख्या 400 से भी अधिक थी। हालांकि, भारतीय सशस्त्र बलों की सतर्कता और एयर डिफेंस सिस्टम की कुशलता ने पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर में सामने आई पाकिस्तान की साजिश
BSF के राजस्थान फ्रंटियर के महानिरीक्षक एमएल गर्ग ने बताया कि पाकिस्तान ने राजस्थान के कई जिलों — बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर — में कुल 413 ड्रोन भेजे थे। ये ड्रोन भारत की सीमाओं को भेदकर जासूसी और हमला करने की मंशा से भेजे गए थे। लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने एक-एक कर इन सभी ड्रोन को नष्ट कर दिया।
फलौदी वायुसेना अड्डे को भी बनाया गया था निशाना
एमएल गर्ग ने बताया कि पाकिस्तान की सेना ने राजस्थान के फलौदी वायुसेना स्टेशन को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी। इसके अलावा कुछ अन्य रणनीतिक और संवेदनशील स्थानों पर भी हमलों की योजना थी, लेकिन सभी प्रयास नाकाम रहे।
भारतीय सेना की मुस्तैदी से नाकाम हुई पाकिस्तान की चाल
भारत की सेनाएं हर मोर्चे पर पाकिस्तान को जवाब देने में सक्षम रहीं। जब-जब पाकिस्तान ने हमले की कोशिश की, भारतीय वायु सेना और थल सेना ने समय रहते उसका जवाब दिया और उसे पीछे हटने को मजबूर कर दिया। एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से न केवल ड्रोन बल्कि पाकिस्तान से दागी गई कुछ मिसाइलों को भी हवा में ही नष्ट कर दिया गया।
आतंकवाद और ड्रोन हमला – पाकिस्तान की दोहरी नीति

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए भारत में अशांति फैलाने की कोशिश की हो। पिछले कुछ वर्षों में पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन के माध्यम से हथियार और ड्रग्स भेजने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। अब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सामने आया है कि पाकिस्तान ने सीमावर्ती इलाकों में बड़ा सैन्य हमला करने का मन बना लिया था।
राजस्थान पर हमला क्यों?
राजस्थान की पाकिस्तान के साथ लंबी सीमा लगती है और यहां की रेगिस्तानी सीमा को अक्सर पाकिस्तान जासूसी और घुसपैठ के लिए इस्तेमाल करता रहा है। बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जैसे जिले सामरिक दृष्टि से भी अहम हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान ने इन क्षेत्रों को ड्रोन से टारगेट किया।
पाकिस्तान की आंतरिक हालत भी जिम्मेदार?

जानकारों के अनुसार पाकिस्तान इस समय आंतरिक संकट से जूझ रहा है। राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक तंगी और सैन्य असंतोष ने वहां की हुकूमत को भारी दबाव में डाल दिया है। ऐसे में सीमा पार तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान अपने देश में जनता का ध्यान भटकाना चाहता है।
भारत की स्पष्ट नीति – पहले चेतावनी, फिर जवाब
भारत सरकार और सशस्त्र बलों की नीति साफ है — पहले चेतावनी देना और फिर जरूरी हो तो जवाब देना। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी यही नीति अपनाई गई। जब पाकिस्तान ने हमला करने की कोशिश की, तब भारतीय वायुसेना और थलसेना ने संयम के साथ त्वरित प्रतिक्रिया दी, जिससे बड़ी क्षति टाली जा सकी।
पाकिस्तान की इस चाल से भारत को क्या सबक मिला?

पाकिस्तान की इस बड़ी साजिश को नाकाम करके भारत ने यह साबित कर दिया कि वह अब केवल जवाबी कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि किसी भी साजिश को पहले ही भांप कर उसे विफल करने की क्षमता रखता है। ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि भारतीय वायुसेना और थल सेना आधुनिक तकनीक और कड़े निगरानी तंत्र से लैस हैं। खासतौर पर एयर डिफेंस सिस्टम की भूमिका इस पूरे ऑपरेशन में निर्णायक रही।

राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों में अब ड्रोन निगरानी, रडार सिस्टम और सैटेलाइट इंटेलिजेंस को और मजबूत किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल, भारतीय सेना और वायुसेना के बीच बेहतर समन्वय और तेज प्रतिक्रिया प्रणाली ने पाकिस्तान को यह साफ संदेश दिया है कि भारत अब किसी भी सीमा उल्लंघन को माफ नहीं करेगा।
सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान की यह रणनीति भविष्य में और उग्र हो सकती है, खासकर जब उसकी घरेलू राजनीति और अर्थव्यवस्था चरमरा रही हो। ऐसे में भारत को हर समय सतर्क रहना होगा और अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लगातार अपडेट करते रहना होगा।
इस पूरी घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में ड्रोन और साइबर हमले आधुनिक युद्ध के अहम हथियार बनेंगे।
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