करिश्मा से तलाक के बाद भी संजय कपूर ने संभाली शान, जानें कैसे तीसरी पत्नी के लिए छोड़ गए 12,450 करोड़ की दौलत
New Delhi:
भारतीय उद्योग जगत और सोशल सर्कल के जाने-माने नाम संजय कपूर (Sunjay Kapur) अब हमारे बीच नहीं रहे। 53 वर्षीय संजय का निधन इंग्लैंड के गार्ड्स पोलो क्लब में पोलो खेलते वक्त हार्ट अटैक से हुआ। वह खेल के मैदान में सक्रिय रहने वाले उद्योगपति थे, जिन्हें पोलो से खास लगाव था।
हालांकि डॉक्टरों और मेडिकल टीम ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। संजय कपूर सिर्फ एक सफल कारोबारी ही नहीं बल्कि निजी जिंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव से गुज़रे इंसान थे।

$1.5 बिलियन की नेट वर्थ, करिश्मा कपूर से 100 गुना ज़्यादा
संजय कपूर Sona Comstar के चेयरमैन थे — एक जानी मानी ऑटो कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जिसे उनके पिता डॉ. सुरिंदर कपूर ने 1997 में शुरू किया था।
फोर्ब्स के अनुसार, संजय की कुल संपत्ति करीब $1.5 बिलियन (करीब 12,450 करोड़ रुपये) थी। इस कंपनी ने मारुति सुजुकी, टाटा, महिंद्रा जैसे दिग्गज ऑटोमोबाइल ब्रांड्स के साथ काम कर नाम और मुनाफा दोनों कमाया।
अगर तुलना की जाए तो उनकी पूर्व पत्नी करिश्मा कपूर की नेट वर्थ $12 मिलियन (लगभग 87 करोड़ रुपये) है। यानी संजय की संपत्ति उनसे करीब 80-100 गुना ज्यादा थी।
पहली शादी से शुरू हुआ निजी जीवन का सफर
संजय कपूर की पहली शादी जानी-मानी फैशन डिजाइनर नंदिता माहतानी से हुई थी। हालांकि यह शादी लंबे समय तक नहीं टिक सकी और दोनों ने अलग राहें चुन लीं।
इसके बाद, 2003 में उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर से शादी की। यह रिश्ता भी ग्लैमर और विवादों से भरा रहा। दोनों के दो बच्चे हुए — बेटी समायरा कपूर (2005) और बेटा किआन राज कपूर (2011)।

करिश्मा और संजय की शादी: प्यार, तकरार और तलाक
शुरुआती दिनों में यह जोड़ी बेहद चर्चित रही। लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही दोनों के बीच अनबन की खबरें सामने आने लगीं।
2014 में दोनों ने अलग रहना शुरू किया और 2016 में तलाक हो गया। इस दौरान करिश्मा ने संजय पर घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए।
करिश्मा ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि उन्हें दहेज को लेकर प्रताड़ित किया गया, और बच्चों के पालन-पोषण को लेकर भी कानूनी लड़ाई हुई।
हालांकि तलाक के बाद दोनों अपने-अपने रास्ते पर आगे बढ़ गए।
प्रिया सचदेव से दोबारा शुरू हुई जिंदगी
2017 में संजय ने अपनी जिंदगी में नया अध्याय शुरू किया। उन्होंने प्रिया सचदेव से शादी की — जो एक जानी-मानी सोशलाइट, मॉडल और फैशन एंटरप्रेन्योर हैं।
प्रिया और संजय की पहली मुलाकात एक न्यूयॉर्क फ्लाइट में हुई थी, जिसके बाद दोनों करीब आए और फिर शादी के बंधन में बंधे।
प्रिया ऑनलाइन फैशन प्लेटफॉर्म ‘Rock N Shop’ की फाउंडर हैं और खुद एक स्थापित बिजनेसवुमन हैं।
इस शादी से संजय को एक बेटा अज़ारियास कपूर (2018) हुआ, और प्रिया की पहले से एक बेटी साफ़िरा है, जिसे संजय ने दिल से अपनाया।

पोलो का जुनून बना विदाई की वजह
संजय कपूर को पोलो से बेइंतहा प्यार था। वे अक्सर भारत और इंग्लैंड में पोलो मैचों में हिस्सा लेते थे। गार्ड्स पोलो क्लब, जो इंग्लैंड का प्रतिष्ठित क्लब है, वहीं उनका आखिरी गेम भी था।
खेल के दौरान ही उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों की मदद ली गई। लेकिन दिल का दौरा इतना घातक था कि वे नहीं बच सके।
उनके निधन से केवल उनका परिवार ही नहीं बल्कि देश के कारोबारी जगत और सोशल सर्कल में भी गहरा शोक फैला हुआ है।
दौलत का वारिस कौन?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि संजय कपूर की अरबों की दौलत का वारिस कौन होगा?
कानूनी दृष्टिकोण से, उनकी वर्तमान पत्नी प्रिया सचदेव, बेटे अज़ारियास और पहले विवाह से हुए बच्चे समायरा और किआन को उनकी संपत्ति में हिस्सा मिलेगा।
सूत्रों की मानें तो संजय ने अपने जीवनकाल में ही ट्रस्ट और निवेश योजनाओं के माध्यम से अपने परिवार के लिए प्रबंधन किया था।
प्रिया सचदेव, जो खुद एक सफल बिजनेसवुमन हैं, अब Sona Comstar और कपूर फैमिली ट्रस्ट के कई अहम फैसलों में शामिल हो सकती हैं।
एक सफल कारोबारी, विवादों से भरा निजी जीवन
संजय कपूर की कहानी भारत के उन सफल कारोबारियों में से एक की है जिन्होंने अपनी मेहनत और पारिवारिक विरासत को ग्लोबल स्तर तक पहुंचाया।
लेकिन निजी जिंदगी में वो हमेशा सुर्खियों में रहे — कभी करिश्मा से विवाद, तो कभी प्रिया के साथ सोशल फंक्शन्स में मौजूदगी को लेकर।
फिर भी, उनकी व्यवसायिक सफलता और व्यक्तिगत छवि एक प्रेरणा बन चुकी है, खासकर उनके जीवन के अंतिम वर्षों में जब उन्होंने परिवार और करियर को संतुलित करना सीखा।

यादें और विरासत
संजय कपूर की विरासत सिर्फ दौलत तक सीमित नहीं है।
एक पिता के रूप में उन्होंने तीन बच्चों को पीछे छोड़ा — समायरा, किआन और अज़ारियास।
एक उद्यमी के तौर पर उन्होंने भारतीय ऑटो इंडस्ट्री में बड़ा योगदान दिया।
एक पोलो खिलाड़ी के रूप में उन्होंने खेल भावना और अनुशासन को महत्व दिया।
अंतिम शब्द
संजय कपूर की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी रही, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी, उनका संघर्ष और उनकी सफलता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
उनकी यादें और उनकी विरासत — दोनों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।