Sikkim और असम में आफत की बारिश कब थमेगी
सिक्किम में कुदरत का कोहराम
Sikkim : इन दिनों पूर्वोत्तर भारत खासकर सिक्किम और असम बारिश की भीषण मार झेल रहे हैं। सिक्किम के मंगन जिले के चुंगथांग से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें तीस्ता नदी का रौद्र रूप दिखाई दे रहा है। यह वीडियो तीस्ता स्टेज 3 बांध के पीछे के इलाके का बताया जा रहा है, जहां नदी अपने पूरे उफान पर है और आसपास के इलाके खतरे की जद में आ चुके हैं।

वीडियो में देखा गया कि कुछ मजदूर खतरे की परवाह किए बिना प्रोजेक्ट साइट का सामान हटा रहे हैं। यह दृश्य न सिर्फ भयावह है बल्कि सरकारी तैयारियों पर भी सवाल उठाता है। लगातार हो रही बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं और जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रहे हैं।
डरा रहा 'तीस्ता' का रौद्र रूप
— NDTV India (@ndtvindia) June 1, 2025
सिक्किम में हो रही भारी बारिश के बीच एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में कुछ मजदूर उफनती तीस्ता नदी के पास से अपनी साइट का सामान हटाते दिख रहे हैं.#Sikkim | #heavyrain | #rainfall pic.twitter.com/2OPV1Wq87D
टूट गया संपर्क, बह गए हाईवे

सिक्किम में भारी बारिश के कारण कई इलाकों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। सड़कें और हाईवे बह गए हैं। खासतौर पर मंगन, चुंगथांग, लाचुंग जैसे इलाके पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कट गए हैं। लोगों को जरूरी सामान की किल्लत हो रही है और राहत टीमों को पहुंचने में भारी मुश्किलें आ रही हैं।
स्थानीय प्रशासन और NDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन मौसम का मिजाज उन्हें बार-बार रोक रहा है। स्थानीय लोग प्रशासन से एयरलिफ्ट की मांग कर रहे हैं, क्योंकि जमीनी मार्ग से पहुंचना अब लगभग नामुमकिन हो गया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारत मौसम विभाग (IMD) ने सिक्किम के कई हिस्सों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। अगले 48 घंटे और भी भारी पड़ सकते हैं क्योंकि लगातार बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
असम में भी बारिश का कहर

सिर्फ सिक्किम ही नहीं, असम भी भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में है। अब तक बाढ़ और भूस्खलन से राज्य में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17 जिलों में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, करीब 78,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
असम के 17 जिले जलमग्न

असम के 17 जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं, जिनमें कछार, हैलाकांडी, होजई, डिमा हसाओ, दरांग, बोंगाईगांव जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई गांवों में पानी घरों में घुस गया है और लोग ऊंचाई वाले स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। राहत शिविरों में जगह कम पड़ रही है।
स्कूल बंद, परिवहन ठप
सिक्किम और असम में स्कूल-कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। सड़कों के बहने और पुल टूटने के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बस सेवाएं, ट्रेनें और हवाई सेवाएं भी बाधित हैं। एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट्स में देरी और रद्द होने की खबरें भी सामने आ रही हैं।
राहत कार्यों में जुटा प्रशासन
सिक्किम और असम दोनों ही राज्यों की सरकारें और केंद्र सरकार की एजेंसियां राहत कार्यों में लगी हुई हैं। एनडीआरएफ और सेना की टीमों को तैनात किया गया है। प्रभावित इलाकों में राशन, पानी, और दवाइयों की आपूर्ति के लिए विशेष हेलीकॉप्टर ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पर्यटकों के लिए एडवाइजरी
पर्यटन विभाग ने सिक्किम और असम में आने वाले पर्यटकों को यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है। खासकर नॉर्थ सिक्किम, लाचुंग, यमथांग, और गंगटोक जैसे क्षेत्रों में हालात बेहद खराब हैं। पर्यटकों को हिल स्टेशन की यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
जलवायु परिवर्तन और मानसून की बर्बरता
इस तरह की आपदाओं के पीछे विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार मान रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में मानसून का पैटर्न पूरी तरह बदल गया है। कभी अत्यधिक बारिश तो कभी सूखा – इस असंतुलन का असर लोगों की जान पर पड़ रहा है।
सरकार से अपेक्षा
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि सरकार आपदा राहत कोष से तत्काल मुआवजा दे, साथ ही भविष्य के लिए ठोस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट किया जाए जिससे इस तरह की आपदाओं से बचा जा सके। पुल, सड़कें और तटबंध मजबूत बनाए जाएं ताकि पानी के तेज बहाव में वह बह न जाएं।
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