6 Bunker-Buster Bombs और 30 Tomahawk Missiles: 180 सेकेंड में तबाही! ईरान पर US का कहर
आखिरकार अमेरिका ने वही कदम उठा लिया जिसकी कसम कविता कई दिनों से लगाई जा रही थी। ईरान के फोड़ों, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु ठिकाने अमेरिकी हमले क्या निशानी बन।
वेंडिंगटन से बड़ी खबर: अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर बेस पर किया खतरनाक हमला, टॉमहॉक मिसाइल और स्टील्थ बॉम्बर्स का प्रयोग
बीते कई दिनों से जिस आशंका की चर्चा दुनिया भर की कूटनीतिक हलचलों में हो रही थी, वह अब सच्चाई में बदल चुकी है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकाने पर एक बड़ा सैन्य हमला कर दिया है। यह हमला उस समय हुआ जब वैश्विक स्तर पर तनाव अपने चरम पर था परमाणु हथियारों को लेकर चिताएं बढ़ रही थी।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने ईरान के फोड़ों (fordow), नतांज (Natanz)और इस्फहान (Isfahan) में स्थित अत्यधिक संवेदनशील न्यूक्लियर फैसेलिटीज के सीधे निशाने पर लिया। यह हमला इतना सटीक और तेज था की मात्र 180 सेकंड यानी 3 मिनट में भारी तबाही मचा दी गई। अमेरिका सेना ने इस ऑपरेशन के लिए सबसे एडवांस्ड हथियारों और तकनीकों का इस्तेमाल किया।

बी -2 स्टील्थ बॉम्बर और पनडुब्बियों का समविंत उपयोग
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक, इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक बी -2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया गया, जो बंकरफोर्ड ( bunker – buster) बमों से लैस थे। ये बम जमीन के कई मीटर नीचे बने किलेनुमा ठिकानों को भी ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बियों से भी टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें दागी गई, जिनका निशाना बेहद सटीक होता है और इन्हें रडार से पकड़ना लगभग नामुमकिन होता है।
“Fordow अब अस्तित्व में नहीं है” : ट्रंप का दावा, 6 बंकर बस्टर बमों और 30 टॉमहॉक मिसाइलों से हुआ हमला
वाशिंगटन:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार सीन हैनिटी से बातचीत के दौरान खुलासा किया कि अमेरिका ने 21 जून की सुबह ईरान के फोर्ड में स्थित परमाणु केंद्र पर जबरदस्त हमला किया। ट्रंप के अनुसार, इस ऑपरेशन के दौरान 6 ‘बंकर बस्टर’ बमों का उपयोग किया गया, जिनका मकसद भूमिगत संरचनाओं को पूरी तरह ध्वस्त करना था।
ट्रंप ने बताया की फोड़ों के अलावा ईरान के दो अन्य महत्वपूर्ण परमाणु केंद्र नतांज और इस्फहान भी अमेरिकी टारगेट पर थे। इन जगहों पर अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बियों से दागी गई 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलो का प्रयोग किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में GBU-57 मैसिव ऑर्डिनेंस पेनेट्रेटर जैसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जो पृथ्वी की सतह को भेदकर गहराई में स्थित संरचनाओं को भी नष्ट करने में सक्षम है।
सिन हैनिटी ने दावा किया कि ट्रंप प्रशासन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया की फोड़ों की परमाणु सुविधा पूरी तरह “नष्ट” हो चुकी है। उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि अमेरिका की रणनीति केवल चेतावनी तक सीमित नहीं रही, बल्कि उसने ईरान के न्यूक्लियर क्षमताओं को सीधे तौर पर निष्क्रिय करने का कदम उठाया है।
यह हमला केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं बल्कि वैश्विक राजनीति में भी बड़ी हलचल पैदा कर सकता है । अमेरिका का यह कदम एक स्पष्ट संकेत है कि वह ईरान की परमाणु गतिविधियों को अब किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा।

हमला कैसे हुआ – सेकेंड दर सेकेंड का पूरा ब्यौरा
0 सेकेंड:
B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर ने ईरान के क़ोम (QOM) क्षेत्र के पास, लगभग 40,000 फीट की ऊंचाई से GBU-57 बंकर-बस्टर बम गिराया।
10 सेकेंड:
बम ने GPS निर्देशों के साथ टारगेट की ओर गति पकड़ी और टर्मिनल गाइडेंस चालू हो गया।
25 सेकेंड:
सुपरसोनिक रफ्तार में आते बम की आवाज़ से ईरान का आसमान कांपने लगा।
40 सेकेंड:
बम ने फोर्डो साइट के ऊपर स्थित पहाड़ी को टारगेट किया और उससे टकराया।
41 सेकेंड:
विस्फोटक चट्टानों को चीरता हुआ सैकड़ों फीट अंदर भूमिगत स्ट्रक्चर में प्रवेश कर गया।
44 सेकेंड:
फोर्डो के अंडरग्राउंड कंपाउंड के भीतर वॉरहेड ने ब्लास्ट किया, जिससे पूरे बेस में तबाही मच गई।
60 सेकेंड:
शॉकवेव की तीव्रता से एनरिचमेंट चैंबर, मुख्य शाफ्ट और भूमिगत सुरंगें ढह गईं।
90 सेकेंड:
भूकंपीय मॉनिटरिंग सेंसरों ने पूरे क्षेत्र में इस भीषण विस्फोट की पुष्टि की।
120 सेकेंड:
ड्रोन और सैटेलाइट फीड से स्ट्रक्चरल डैमेज की पुष्टि हुई – साइट पूरी तरह से नष्ट मानी गई।
180 सेकेंड:
B-2 बॉम्बर सुरक्षित रूप से क्षेत्र से बाहर निकला और रडार डिटेक्शन को चकमा देते हुए बेस पर लौट आया।
कौन-कौन से हथियार हुए इस्तेमाल?

इस ऑपरेशन में अमेरिका ने अत्याधुनिक हथियारों और प्लेटफॉर्म्स की सम्मिलित ताकत दिखाई:
- 6 × B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स – बंकरबस्टर बम गिराने के लिए
- 12 × GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (बंकर-बस्टर) – भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए
- 30 × टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें – नतांज और इस्फहान पर एकसाथ हमला करने के लिए
- वर्जीनिया और लॉस एंजेलिस क्लास पनडुब्बियां – टॉमहॉक मिसाइल लॉन्चिंग के लिए
- F-22 रैप्टर फाइटर जेट्स – एयर डोमिनेंस और रडार कवर के लिए
- F-35 लाइटनिंग II फाइटर्स – हवाई सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट के लिए
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