Ahmedabad Plane Crash : कैसे हुआ हादसा? पायलटों से पूछताछ, जांच एजेंसियों ने तेज की कार्रवाई

हादसे के बाद जांच का नया मोड़
गुरुवार को लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट का अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो जाना, देश को हिला देने वाली घटना बन गई। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे आधुनिक विमान का इस तरह दुर्घटनाग्रस्त होना कई सवाल खड़े कर रहा है। इस हादसे में अब तक 297 यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
अब इस घटना की जांच तेज़ कर दी गई है। जांच एजेंसियां हर पहलू को ध्यान में रखते हुए काम कर रही हैं, ताकि दुर्घटना के असली कारण तक पहुंचा जा सके।

पायलट और क्रू मेंबर्स से पूछताछ शुरू

जांच एजेंसियों ने अब उन सभी पायलटों और क्रू मेंबर्स की डिटेल्स मांगी हैं जो पिछले कुछ हफ्तों में इस विमान को संचालित कर चुके हैं। एजेंसियों को शक है कि कहीं पिछले दिनों इस विमान में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं देखी गई थी जिसे अनदेखा कर दिया गया हो।
एयर इंडिया प्रबंधन को उन सभी कर्मियों की सूची सौंपने के निर्देश दिए गए हैं जो इस विशेष बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को उड़ाने या उसके संचालन से जुड़े रहे हैं। उनसे पूछताछ की जाएगी कि क्या उड़ान के दौरान कोई असामान्य हरकत या तकनीकी दिक्कत नजर आई थी।
ब्लैक बॉक्स मिला, जांच को मिलेगी दिशा

राहत की बात यह है कि हादसे में ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित निकाल लिया गया है। ब्लैक बॉक्स में उड़ान के दौरान की गई सभी रिकॉर्डिंग, पायलट की बातचीत और तकनीकी डेटा होता है। इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि दुर्घटना के समय कॉकपिट में क्या हो रहा था।
विशेषज्ञों की टीम ब्लैक बॉक्स को विश्लेषण के लिए दिल्ली भेज रही है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें से जो डेटा मिलेगा, वह पूरे मामले की सच्चाई सामने लाने में मददगार होगा।
NSG की टीम तैनात, घटनास्थल पर सतर्कता
हादसे के बाद घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्यों को लेकर कई एजेंसियों को लगाया गया है। इनमें से राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की एक विशेष टीम को भी मेघाणीनगर इलाके के मेडिकल कॉलेज परिसर में तैनात किया गया है।
हालांकि सूत्रों के अनुसार, एनएसजी की इस टीम का उद्देश्य केवल सहायता प्रदान करना है। उन्हें जांच की कोई कानूनी शक्ति नहीं दी गई है। टीम को मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के पास देखा गया जहां विमान का पिछला हिस्सा अब भी फंसा हुआ है।
हादसे की भयावहता: क्या था प्लेन में?
बताया जा रहा है कि यह एयर इंडिया की नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान थी, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई थी। फ्लाइट में कुल 314 लोग सवार थे, जिनमें से 242 यात्री और शेष चालक दल के सदस्य थे।
विमान ने जैसे ही टेकऑफ किया, उसके इंजन से अचानक धुआं निकलता दिखा और कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया। महज़ कुछ मिनटों में विमान मेघाणीनगर इलाके में स्थित एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया।
इस टक्कर के बाद विमान में भयानक आग लग गई और वह धधकते हुए दो हिस्सों में बंट गया। राहत और बचाव कार्यों के दौरान 297 यात्रियों के शव निकाले जा चुके हैं।
क्या तकनीकी खराबी थी वजह?
प्रारंभिक जांच में संभावना जताई जा रही है कि विमान के एक इंजन में टेकऑफ के दौरान तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसकी वजह से वह नियंत्रण खो बैठा। लेकिन अब जांच एजेंसियां इस पर भी काम कर रही हैं कि क्या यह केवल तकनीकी चूक थी या इसमें मानवीय लापरवाही भी शामिल थी?
एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया,
“हमें हर पहलू की जांच करनी है – तकनीकी, मानवीय और ऑपरेशनल। इसलिए पिछले सप्ताह इस विमान को उड़ाने वाले सभी पायलटों से भी पूछताछ की जाएगी।”
DGCA और एयरलाइन की भूमिका
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और एयर इंडिया से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा एयर इंडिया को अपने पूरे फ्लीट की तत्काल जांच करने के आदेश दिए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की कोई दुर्घटना न हो।
एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि कंपनी मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता दे रही है और जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग भी कर रही है।
चश्मदीदों की जुबानी
हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान बहुत कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और अचानक वह गोल घूमते हुए नीचे गिरा। एक प्रत्यक्षदर्शी छात्र ने बताया,
“हम क्लासरूम में थे, तभी जोरदार धमाका हुआ। बाहर आकर देखा तो इमारत में आग लगी थी और मलबा चारों तरफ बिखरा था।”
आगे की राह: कब तक आएगी जांच रिपोर्ट?
DGCA और अन्य एजेंसियों द्वारा गठित संयुक्त जांच समिति अब विमान के रखरखाव रिकॉर्ड, उड़ान लॉग और पायलट के पिछले रिकॉर्ड की समीक्षा कर रही है। जांच पूरी होने में करीब 30-45 दिन लग सकते हैं, लेकिन ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी जांच प्रक्रिया को तेज कर सकती है।