अल्बानिया ने चीन की लोकप्रिय सोशल मीडिया एप टिकटॉक पर एक साल का प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह कदम बच्चों में बढ़ते हिंसक व्यवहार और इसके संभावित बुरे प्रभावों को रोकने के लिए उठाया गया है। देश के प्रधानमंत्री एडी रामा ने कहा कि यह फैसला किशोरों के बीच हुई एक चाकूबाजी की घटना के बाद लिया गया है, जिसमें एक किशोर की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद शिक्षकों और अभिभावकों के साथ 1,300 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें टिकटॉक को बच्चों के लिए खतरनाक बताया गया।
हिंसक घटना के बाद सरकार का सख्त रुख
प्रधानमंत्री रामा ने एक बयान में कहा, “टिकटॉक अब से अल्बानिया गणराज्य में उपलब्ध नहीं होगा। यह फैसला अगले साल से लागू किया जाएगा।” इस हिंसक घटना के बाद टिकटॉक पर गंभीर आरोप लगाए गए, जिसमें इसे किशोरों के बीच हिंसा को बढ़ावा देने वाला मंच बताया गया। हालांकि, टिकटॉक ने इस मामले में सरकार से स्पष्ट जानकारी देने की मांग की है और कहा है कि उन्हें अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जो घटना में उनके प्लेटफॉर्म की संलिप्तता को दर्शाए।
बच्चों में टिकटॉक का सबसे अधिक प्रभाव
स्थानीय शोधकर्ताओं के मुताबिक, अल्बानिया में टिकटॉक का इस्तेमाल करने वाले बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। यह प्लेटफॉर्म बच्चों और किशोरों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है, लेकिन इसके जरिए हिंसक और अनुचित सामग्री फैलने की संभावना ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। टिकटॉक ने कहा है कि घटना से जुड़े वीडियो उनके प्लेटफॉर्म पर नहीं बल्कि किसी अन्य मंच पर साझा किए गए थे, लेकिन इस दावे से सरकार का रुख नहीं बदला है।
एक साल के लिए पूरी तरह प्रतिबंध
टिकटॉक पर बैन अगले साल से प्रभावी होगा, और यह कदम सरकार की ओर से बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। प्रधानमंत्री रामा ने स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध सभी नागरिकों पर लागू होगा। हालांकि, इस फैसले ने सोशल मीडिया और तकनीकी कंपनियों के बीच बहस को और तेज कर दिया है। टिकटॉक के अलावा अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी बच्चों के लिए सामग्री की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।