बिना नुकसान कोई युद्ध नहीं होता: CDS Anil Chauhan का दो टूक बयान
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CDS Anil Chauhan का बड़ा बयान: “बिना नुकसान कोई युद्ध नहीं, ऑपरेशन सिंदूर से दिया करारा जवाब” भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने बेहद स्पष्ट और तीखा बयान दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि युद्ध हमेशा कुछ न कुछ नुकसान के साथ ही आता है, लेकिन यह भी बताया कि भारत ने अपनी रणनीति से पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया, जिसकी सराहना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।
ऑपरेशन सिंदूर से दी गई सटीक और करारी प्रतिक्रिया
CDS चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकवादी ठिकानों को बेहद सटीकता से निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “हमने 300 किलोमीटर अंदर तक के ठिकानों को महज एक मीटर की सटीकता के साथ टारगेट किया।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह भारत की आधुनिक सैन्य शक्ति और रणनीतिक सोच का प्रमाण है।
हमने अपनी गलती को पहचाना और तुरंत सुधारा
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भारत अब किसी भी सामरिक गलती को जल्दी पहचानने और उसमें सुधार लाने में सक्षम हो चुका है। “हम अब इतने सक्षम हैं कि अगर कोई गलती होती है, तो दो दिन के अंदर उसे ठीक कर, रणनीति को दोबारा लागू कर सकते हैं और अपने सभी जेट विमानों को फिर से उड़ा सकते हैं,” उन्होंने कहा।
कूटनीति के मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेरा
सिंगापुर में आयोजित 22वें शांगरी-ला डायलॉग में भी जनरल चौहान ने पाकिस्तान पर करारा हमला बोला था। उन्होंने कहा था, “भारत को पाकिस्तान से हमेशा धोखा मिला है। हमने कभी अपनी रणनीति नहीं बदली थी, लेकिन अब बदल दी है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब कूटनीतिक मंचों पर भी पाकिस्तान की असलियत को उजागर कर रहा है।
‘शत्रुता के बदले ताली नहीं बजाई जा सकती’

सीडीएस चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में नवाज शरीफ को दिए गए निमंत्रण की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “हमने तब दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, लेकिन जवाब में शत्रुता मिली। ताली बजाने के लिए दो हाथ चाहिए होते हैं। अब फिलहाल दूरी बनाए रखना ही सही रणनीति है।”
पाकिस्तान से तुलना: अब हर मोर्चे पर भारत आगे
जनरल चौहान ने यह भी बताया कि स्वतंत्रता के समय पाकिस्तान कई सामाजिक और आर्थिक सूचकों में भारत से आगे था। “लेकिन आज भारत सभी मोर्चों पर – आर्थिक प्रदर्शन, मानव विकास और सामाजिक समरसता – में आगे है। यह किसी संयोग से नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति का नतीजा है,” उन्होंने कहा।
अमेरिका के दावे को बताया ‘बेतुकी बात’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यह दावा किया गया था कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध टालने में मदद की। इस पर जनरल चौहान ने कोई सीधा जवाब देने से इनकार करते हुए इतना कहा कि यह कहना “बेतुकी बात” है कि दोनों पक्ष परमाणु युद्ध के करीब थे।
आगे की राह: पाकिस्तान की कार्रवाई पर निर्भर
भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद अब दोनों देशों ने वैश्विक राजधानी शहरों में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने पक्ष को मजबूत किया जा सके। इस पर बोलते हुए CDS चौहान ने कहा, “शत्रुता समाप्त करने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इसका भविष्य पाकिस्तान की अगली कार्रवाइयों पर निर्भर करेगा।”
बिना नुकसान कोई युद्ध नहीं होता, लेकिन भारत अब हर मोर्चे पर सक्षम है: CDS अनिल चौहान का बड़ा बयान
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने बेहद अहम बयान दिया है। उन्होंने न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि आज का भारत अपनी पुरानी रणनीतिक गलतियों को स्वीकार कर उन्हें सुधारने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि कोई भी युद्ध बिना नुकसान के नहीं होता, लेकिन भारत ने जिस कुशल और सटीक तरीके से जवाब दिया, वह हमारी रणनीतिक परिपक्वता को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल अटैक से करारा जवाब
जनरल अनिल चौहान ने यह भी साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी था। यह संदेश था कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। यदि कोई देश हमारे खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देगा, तो उसका जवाब सीमा पार तक जाएगा।
उन्होंने बताया कि भारत अब पाकिस्तान के एयर डिफेंस से लैस हवाई अड्डों तक 300 किलोमीटर अंदर तक सटीकता से हमले कर सकता है। “हम एक मीटर की एक्यूरेसी से अपने लक्ष्यों को भेद सकते हैं,” उन्होंने गर्व से कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय वायु सेना अब इतनी सक्षम है कि वह अपनी गलतियों को जल्दी पहचानकर दोबारा एक सुदृढ़ योजना के साथ ऑपरेशन को अंजाम दे सकती है।
“रणनीति बदली है, भारत नहीं”: कूटनीति में भी बदला अंदाज़
CDS चौहान ने यह भी बताया कि भारत ने अब कूटनीतिक मंचों पर भी पाकिस्तान की नीतियों को उजागर करना शुरू कर दिया है। हाल ही में सिंगापुर में आयोजित 22वें शांगरी-ला डायलॉग में जनरल चौहान ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा और वैश्विक समुदाय को बताया कि भारत को हमेशा पड़ोसी देश से धोखा मिला है।
उन्होंने कहा, “जब भारत ने स्वतंत्रता पाई थी, तब पाकिस्तान सामाजिक, आर्थिक और प्रति व्यक्ति आय जैसे कई क्षेत्रों में हमसे आगे था। लेकिन आज स्थिति उलट चुकी है। भारत ने विविधता के बावजूद, मानव विकास, आर्थिक प्रदर्शन और सामाजिक समरसता में पाकिस्तान से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। यह किसी संयोग का परिणाम नहीं बल्कि दीर्घकालिक रणनीति का असर है।”
“ताली बजाने के लिए दो हाथ चाहिए”
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवाज शरीफ को शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित किए जाने की याद दिलाते हुए जनरल चौहान ने कहा, “हमने तब कूटनीतिक रूप से हाथ बढ़ाया था, लेकिन बदले में हमें मिली केवल शत्रुता। अब ताली बजाने के लिए दो हाथ चाहिए होते हैं। जब सामने से केवल दुश्मनी मिले तो अलगाव भी एक उपयुक्त रणनीति हो सकती है।”
अमेरिका की भूमिका पर तीखा जवाब

जनरल चौहान से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को टालने में मदद की। इस पर जनरल चौहान ने साफ शब्दों में कहा कि यह कहना “बेतुकी बात” है कि दोनों देशों में से कोई भी परमाणु हथियारों के प्रयोग के करीब था। उन्होंने इस मुद्दे पर कोई विस्तृत टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनकी यह प्रतिक्रिया स्पष्ट थी कि भारत अब किसी भी तरह के भ्रम या डर में निर्णय नहीं लेता।
सैन्य तैयारियों में हुआ जबरदस्त सुधार
CDS चौहान ने कहा कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं रह गया है। अब हम न केवल योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं बल्कि अगर कहीं चूक हो जाए तो उसे समझकर जल्दी सुधार भी सकते हैं। उन्होंने कहा, “हम अपनी सामरिक गलती को न केवल पहचान सकते हैं, बल्कि उसे दो दिन में सुधार कर, फिर से अभियान को नए जोश के साथ अंजाम दे सकते हैं।”
</aवैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की पोल खुल रही
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने हाल की सैन्य झड़प के बाद अंतरराष्ट्रीय राजधानी शहरों में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं ताकि विश्व समुदाय को अपने पक्ष से अवगत करा सकें। इस संदर्भ में जनरल चौहान ने कहा कि संघर्ष समाप्त होने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन यह आगे पाकिस्तान की कार्रवाइयों पर निर्भर करेगा कि भविष्य में संबंध किस दिशा में जाएंगे।
भारत की यह रणनीति यह दिखाती है कि हम अब केवल सैन्य ताकत से नहीं, बल्कि कूटनीति, रणनीति और वैश्विक सहयोग से भी काम कर रहे हैं।