Monday, July 7, 2025

corona का नया JN.1 वेरिएंट: सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग में तबाही, भारत में अलर्ट

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corona का नया वेरिएंट JN.1 तेजी से सिंगापुर और हांगकांग में फैल रहा है। भारत में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जानें JN.1 वेरिएंट कितना खतरनाक है और क्या हैं इससे बचाव के उपाय।

corona का नया JN.1 वेरिएंट: सिंगापुर और हांगकांग में दहशत, भारत में भी अलर्ट, जानें कितनी है खतरे की घंटी

एक बार फिर दस्तक दे रहा है कोरोना, इस बार नए रूप में

corona वायरस एक बार फिर से दुनिया को चिंता में डाल रहा है। हर बार अपनी शक्ल बदलकर आने वाला यह वायरस इस बार JN.1 वेरिएंट के रूप में सामने आया है। सिंगापुर, हांगकांग, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में भी इसका असर नजर आने लगा है, खासकर केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में। मुंबई में हाल ही में दो लोगों की मौत के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है।

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कोरोना का JN.1 वेरिएंट क्या है?

JN.1 वेरिएंट दरअसल ओमिक्रॉन BA.2.86 का ही वंशज है। यह वेरिएंट पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं, जो इसे इम्यून सिस्टम से बचने में मदद करते हैं। इससे यह दूसरों में जल्दी फैलने में सक्षम होता है। हालांकि, अभी तक इसके प्रसार की रफ्तार अन्य वेरिएंट्स जितनी तेज नहीं मानी जा रही है।

कितना खतरनाक है यह नया वेरिएंट?

The Word Corona Is On A Black Background With Green Spots

सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक, अब तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं कि JN.1 वेरिएंट पहले से अधिक खतरनाक है। लेकिन जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, जैसे बुजुर्ग, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग या बिना वैक्सीनेशन वाले व्यक्ति—उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। भारत में अभी तक JN.1 के सक्रिय सर्कुलेशन की पुष्टि नहीं हुई है।

सिंगापुर और हांगकांग में क्यों मचा हड़कंप?

सिंगापुर में 1 से 19 मई के बीच लगभग 3000 नए कोरोना केस सामने आए। हांगकांग में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां अब तक कोरोना से 30 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, LF.7 और NB.1.8 सबवेरिएंट्स, जो JN.1 से उत्पन्न हुए हैं, इन देशों में मामलों में वृद्धि का कारण बन रहे हैं। यह देख भारत में भी स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।

Jn.1 Variant Triggers Covid Surge In Singapore: What Makes It Different And  How To Stay Safe | Onlymyhealth

भारत में क्या है मौजूदा स्थिति?

भारत सरकार ने कोरोना को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई थी। 19 मई तक देश में केवल 257 एक्टिव केस थे, जो कि भारत जैसी विशाल जनसंख्या वाले देश के लिए बेहद कम हैं। केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कोरोना के नए मामले देखने को मिले हैं। मुंबई में दो मौतों के बाद विशेष निगरानी रखी जा रही है।

वैक्सीन लेने वालों को भी खतरा?

एक हालिया स्टडी में सामने आया कि JN.1 वेरिएंट वैक्सीन लेने वालों को भी प्रभावित कर सकता है। पुरानी वैक्सीन्स और संक्रमण से बनी एंटीबॉडीज JN.1 के खिलाफ उतनी प्रभावी नहीं मानी जा रही हैं। हालांकि, XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर डोज को इस वेरिएंट के खिलाफ कारगर माना गया है। WHO के अनुसार, यह बूस्टर डोज संक्रमण को 19% से 49% तक रोक सकती है।

Covid19 Virus Sticker

कोरोना से बचाव के उपाय

  • भीड़ में मास्क जरूर पहनें
  • खांसी या सर्दी के लक्षण हों तो अस्पताल जरूर जाएं
  • हाथों को बार-बार साबुन या हैंडवॉश से धोएं
  • छींकते या खांसते समय मुंह को रुमाल या टिशू से ढकें
  • इस्तेमाल किए गए टिशू को डस्टबिन में फेंकें
  • सार्वजनिक स्थानों पर हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें

कोरोना ने फिर पहुंच बनाई सितारों तक

हाल ही में बिग बॉस 18 में नजर आईं एक्ट्रेस शिल्पा शिरोडकर कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए अपने फॉलोअर्स से मास्क पहनने और अलर्ट रहने की अपील की है।

मुंबई में भी दिख रहा है असर

मुंबई में पिछले तीन महीनों से हर महीने औसतन 7 से 10 कोरोना मामले दर्ज हो रहे हैं। हालांकि, ये संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन एशिया के अन्य देशों में जिस तरह कोरोना तेजी से फैल रहा है, वह भारत के लिए चिंता की बात जरूर है।

कोरोना का JN.1 वेरिएंट: भारत समेत एशियाई देशों में क्यों बढ़ रहा है खतरा?

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कोरोना वायरस एक बार फिर अपना रूप बदलकर सामने आ चुका है। इस बार नया वेरिएंट JN.1 दुनियाभर में चिंता का कारण बन रहा है। सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड जैसे देशों में कोरोना मामलों में अचानक उछाल आया है, जिससे भारत समेत पूरे एशिया में सतर्कता बढ़ा दी गई है। खासकर भारत के कुछ राज्यों जैसे केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में इसके मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

क्या है JN.1 वेरिएंट? कैसे अलग है यह पहले के वेरिएंट्स से?

JN.1 वेरिएंट असल में ओमिक्रॉन के BA.2.86 वंश से जुड़ा एक नया रूप है। इसे पहली बार अगस्त 2023 में खोजा गया था। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं जो इसे मानव शरीर की इम्यूनिटी से बचाने में मदद करते हैं। इसका अर्थ यह है कि यह वेरिएंट शरीर में पहले से मौजूद एंटीबॉडीज को चकमा देकर संक्रमण फैला सकता है।

इस वेरिएंट से जुड़े दो सब-वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 भी तेजी से फैल रहे हैं। हालांकि, अब तक यह वेरिएंट SARS-CoV-2 के अन्य वेरिएंट्स की तरह वर्चस्व नहीं जमा पाया है, लेकिन इसकी ट्रांसमिशन क्षमता को लेकर विशेषज्ञ गंभीर हैं।

JN.1 कितना खतरनाक हो सकता है?

अब तक उपलब्ध रिपोर्ट्स के अनुसार, JN.1 वेरिएंट के कारण सामने आए मामलों में ज़्यादातर लक्षण हल्के हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अधिकतर संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराने की ज़रूरत नहीं पड़ी। हालांकि, जिन लोगों की

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