Beating Retreat Ceremony कल से फिर शुरू
Beating Retreat Ceremony : भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के कारण दो हफ्तों तक बंद रही बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी अब कल यानी 21 मई से फिर से शुरू होगी। बीएसएफ ने पंजाब के अटारी-वाघा, हुसैनीवाला और सादकी सीमा चौकियों पर इस समारोह को नए नियमों के साथ आयोजित करने का फैसला किया है।
तनाव के बाद फिर से लौटेगी ये रस्म
10 मई को हुई सीमा पर सीजफायर के बाद तनाव कम होने लगा है। इसी बीच बीएसएफ ने घोषणा की कि अब से सीमावर्ती इलाकों में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी दोबारा शुरू होगी। हालाँकि, इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं। समारोह शाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक आयोजित होगा।
दोस्ती के दरवाजे नहीं खुलेंगे, हाथ नहीं मिलेंगे
बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, इस बार पाकिस्तान रेंजर्स से हाथ मिलाने जैसी रस्म नहीं होगी। झंडा उतारने के दौरान द्वार भी नहीं खोले जाएंगे, जो पहले की परंपरा थी। यह बदलाव भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
बीएसएफ जवान हर दिन झंडा उतारने की रस्म निभाते रहेंगे, लेकिन बिना पारंपरिक स्वागत के।

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी क्या है?
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी भारत-पाकिस्तान सीमा पर रोजाना होती है। इसे भारतीय बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स मिलकर करते हैं। यह रस्म सीमा की रक्षा के साथ-साथ दोस्ताना संकेत भी मानी जाती है। इस कार्यक्रम को देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
सामान्यत: यह समारोह सर्दियों में शाम 4:15 बजे और गर्मियों में शाम 5:15 बजे शुरू होता है, लेकिन फिलहाल इसका नया समय शाम 6:00 से 6:30 बजे तक निर्धारित किया गया है।

कब बंद हुई थी सेरेमनी?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इसी के कारण बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी लगभग दो हफ्ते तक बंद रही थी। अब हालात में सुधार के साथ इसे फिर से शुरू किया जा रहा है।
क्या बदलेगा?
- हाथ मिलाने की रस्म नहीं होगी।
- झंडा उतारने के दौरान द्वार नहीं खोले जाएंगे।
- सेरेमनी का समय शाम 6:00 से 6:30 बजे तक रहेगा।
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का ये नया रूप भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा परिस्थितियों की झलक देता है। हालांकि, ये समारोह दो देशों के बीच सांस्कृतिक और सैनिक भाईचारे का प्रतीक भी है।
अब देखना होगा कि भविष्य में कब तक ये रस्म पूरी तरह से सामान्य हो पाती है।
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