भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम, भारत ने दी दो टूक सफाई
ceasefire भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर हुआ संघर्ष विराम अब एक नई बहस का विषय बन गया है। हालांकि भारत ने इस पर पूरी पारदर्शिता बरतते हुए साफ किया है कि यह फैसला दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत का नतीजा है। इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही।
डीजीएमओ के बीच कॉल से बनी सहमति, शाम 5 बजे से लागू हुआ सीजफायर
शनिवार को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को कॉल कर संघर्ष विराम की बात की। यह कॉल दोपहर करीब 3:35 बजे हुआ और इसके बाद शाम 5 बजे से सीजफायर औपचारिक रूप से लागू हो गया। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि की।
🇮🇳 भारत की सख्ती – किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं
भारत ने स्पष्ट कहा कि यह फैसला उसके और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत से हुआ है। अमेरिका या किसी अन्य देश की कोई मध्यस्थता नहीं हुई। यह प्रतिक्रिया तब आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दावा किया कि अमेरिका ने मध्यस्थता की है। भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया।
मंत्रालय का बयान – “पूर्णतया द्विपक्षीय निर्णय”
शाम 6:07 बजे सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भी एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि यह सीजफायर दोनों देशों के बीच हुए संवाद का परिणाम है। यह भी कहा गया कि 12 मई को फिर दोनों देशों के DGMO बातचीत करेंगे।
ट्रंप का दावा, भारत का इनकार
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि “रातभर चली बातचीत के बाद अमेरिका की मध्यस्थता से यह संघर्ष विराम लागू हुआ।” वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं से 48 घंटे तक लगातार बातचीत हुई।
लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा कि यह फैसला भारत की शर्तों और उसकी संप्रभुता को ध्यान में रखकर लिया गया है।
आतंक पर भारत का कड़ा संदेश – ‘आगे से कोई भी आतंकी हमला, युद्ध समझा जाएगा’
सीजफायर के साथ ही भारत सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि भविष्य में अगर कोई आतंकी घटना होती है तो उसे ‘युद्ध जैसी कार्रवाई’ माना जाएगा। भारत ने यह संदेश न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि दुनिया को भी दे दिया है कि अब आतंक को सहन नहीं किया जाएगा।
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Source-indiatv
Written by -sujal