Iran Israel War में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार का बड़ा कदम, कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर जारी

ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते युद्ध के खतरे के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार ने एक विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करते हुए ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके तहत कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
युद्ध के बीच भारत सरकार पूरी तरह अलर्ट

ईरान और इजरायल के बीच बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार की सतर्कता बेहद जरूरी हो गई थी। युद्ध की स्थिति के चलते ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों को लेकर चिंता बढ़ रही थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीयों को निकालने का निर्णय लिया।
24 घंटे चालू रहेगा कंट्रोल रूम
विदेश मंत्रालय ने एक कंट्रोल रूम की स्थापना की है जो 24 घंटे चालू रहेगा और लगातार सूचनाएं साझा करता रहेगा। इस कंट्रोल रूम के माध्यम से न केवल भारतीयों को निकाला जा रहा है, बल्कि उनके परिजनों को भी उनके बारे में जानकारी दी जा रही है।

हेल्पलाइन नंबर और ईमेल जारी
सरकार ने जिन हेल्पलाइन नंबरों और मेल आईडी की घोषणा की है, वह इस प्रकार हैं:
भारत स्थित हेल्पलाइन नंबर:
- 1800118797 (टोल फ्री)
- +91-11-23012113
- +91-11-23014104
- +91-11-23017905
- +91-9968291988 (व्हाट्सएप)
- ईमेल: situationroom@mea.gov.in
इन नंबरों पर कोई भी व्यक्ति संपर्क करके अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी ले सकता है या सहायता प्राप्त कर सकता है।
ईरान में भी बनाए गए हैं हेल्पलाइन नंबर

ईरान के विभिन्न हिस्सों में भी भारतीय दूतावास द्वारा स्थानीय हेल्पलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं। ईरान में फंसे नागरिक इन नंबरों पर कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं:
तेहरान में केवल कॉल के लिए:
- +98 9128109115
- +98 9128109109
व्हाट्सएप के लिए:
- +98 901044557
- +98 9015993320
- +91 8086871709
अन्य शहरों के लिए:
- बंदर अब्बास: +98 9177699036
- ज़ाहेदान: +98 9396356649
- ईमेल: cons.tehran@mea.gov.in
युद्ध के बीच कैसे चल रहा है रेस्क्यू मिशन?
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि युद्ध की वजह से एयर स्पेस में भी खतरनाक स्थितियां बनी हुई हैं, इसलिए ज्यादातर रेस्क्यू ऑपरेशन को सड़क मार्ग से संचालित किया जा रहा है।
सोमवार रात को पहला बैच, जिसमें 100 भारतीय नागरिक शामिल थे, को सड़क के माध्यम से ईरान से आर्मेनिया भेजा गया। वहां से उन्हें एयरलिफ्ट करके भारत लाने की योजना है।
यह ऑपरेशन भारत और ईरान के बीच कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के बाद संभव हो सका है। विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि युद्ध समाप्त होने तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा और ईरान में मौजूद प्रत्येक भारतीय को सुरक्षित वापस लाने का प्रयास किया जाएगा।
सरकार का प्रयास – ‘हर भारतीय सुरक्षित घर लौटे’
इस आपातकालीन परिस्थिति में भारत सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि न केवल रेस्क्यू किया जाए बल्कि नागरिकों को भोजन, दवा और जरूरी डॉक्युमेंटेशन की सहायता भी मिलती रहे। भारत सरकार का रुख स्पष्ट है – ‘हर भारतीय सुरक्षित अपने घर लौटे।’
परिजनों से अपील
विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के परिजनों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, सरकार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। यदि उनके परिजन ईरान में हैं तो वे ऊपर दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। उनकी जानकारी सुरक्षित रूप से संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी।
पहले बैच में 100 भारतीय नागरिक निकाले गए
सरकार ने जानकारी दी कि पहले बैच में 100 भारतीय नागरिकों को सड़क मार्ग से ईरान से आर्मेनिया सुरक्षित भेजा गया है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन भारत और ईरान के बीच कूटनीतिक बातचीत का परिणाम है। सरकार की योजना है कि जैसे-जैसे हालात अनुकूल होते जाएंगे, और नागरिकों को चरणबद्ध तरीके से निकाला जाएगा।
सरकार की अपील – घबराएं नहीं, सहायता उपलब्ध है
विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के परिजनों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और ऊपर दिए गए नंबरों पर संपर्क करके जरूरी जानकारी प्राप्त करें। मंत्रालय लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और हर संभव प्रयास कर रहा है कि सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित देश लौट सकें।