Monday, July 7, 2025

Iran-israel युद्ध परमाणु ठिकानों पर इजरायली हमले में 78 की मौत, ईरान का पलटवार तेज

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iran-israel के परमाणु ठिकानों और सैन्य कमांडरों पर जबरदस्त हमला किया, जिसमें 78 की मौत हुई। जानिए ऑपरेशन राइजिंग लॉयन और ट्रू प्रॉमिस 3 की पूरी कहानी, ईरान का कड़ा जवाब और अमेरिका की भूमिका।

Iran-israel युद्ध परमाणु ठिकानों पर इजरायली हमले में 78 की मौत, ईरान का पलटवार तेज जंग के मुहाने पर मिडिल ईस्ट: ईरान-इजरायल टकराव ने बदला मोर्चा

Iran-israel युद्ध परमाणु ठिकानों पर इजरायली हमले में 78 की मौत, ईरान का पलटवार तेजपूरी दुनिया को जिस बात का डर था, वह अब सच साबित हो गया है। शुक्रवार को इजरायल और ईरान के बीच सीधा युद्ध छिड़ गया है। इस भयंकर संघर्ष में अब तक 78 लोग मारे जा चुके हैं और 320 से अधिक घायल हुए हैं। इजरायल ने इसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ और ईरान ने इसे ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ का नाम दिया है।


कैसे शुरू हुआ हमला: इजरायल ने पहले से बिछा रखा था जाल

इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया। खास बात ये रही कि इजरायल ने पहले ही ईरान के अंदर ड्रोन और फाइटर जेट्स को छुपाकर तैनात कर दिया था, जिससे रणनीतिक ठिकानों को बेहद सटीक तरीके से निशाना बनाया जा सके। इन हमलों का मुख्य मकसद था — ईरान के टॉप सैन्य जनरल और परमाणु वैज्ञानिकों को खत्म करना।


मारे गए ईरानी टॉप कमांडर और वैज्ञानिक

हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी की मौत हो गई, जो देश की सेना और आईआरजीसी के सर्वोच्च अधिकारी थे। उनके साथ-साथ हुसैन सलामी (IRGC कमांडर-इन-चीफ) और घोलमाली रशीद (खातम-अल अंबिया हेडक्वार्टर) की भी जान चली गई।

इसके अलावा, छह परमाणु वैज्ञानिक भी इन हमलों में मारे गए हैं। ये वैज्ञानिक ईरान के परमाणु कार्यक्रम के आधार स्तंभ माने जाते थे।


नतांज परमाणु ठिकाने पर बड़ा हमला

इजरायल का सबसे घातक हमला ईरान के नतांज स्थित परमाणु साइट पर हुआ, जो ईरान के यूरेनियम संवर्धन का मुख्य केंद्र है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां अंडरग्राउंड साइट्स को भी नुकसान पहुंचा है, हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि नुकसान कितना बड़ा है।


“समझौता करो, वरना कुछ नहीं बचेगा” – ट्रंप की चेतावनी

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही ईरान को चेतावनी दे चुके थे कि “अब समय है समझौते का, वरना सबकुछ नष्ट हो जाएगा।” इजरायल के ताजा हमलों के बाद उनकी यह चेतावनी और भी प्रासंगिक हो गई है।


ईरान का पलटवार: ट्रू प्रॉमिस 3 के तहत जवाबी हमला

ईरान ने भी इजरायल पर जवाबी हमले किए हैं। तस्नीम न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” के तहत मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। रमत गान (तेल अवीव के पास) में मिसाइल हमलों से भारी तबाही हुई — कई कारें जलकर राख हो गईं और तीन घर पूरी तरह नष्ट हो गए।


🇺🇸 अमेरिका की भूमिका: डिफेंस सिस्टम से की मदद

एक अमेरिकी अधिकारी ने जानकारी दी है कि अमेरिका ने इजरायल को एयर डिफेंस सिस्टम से मदद दी है, जिससे कई ईरानी मिसाइलों को रास्ते में ही मार गिराया गया। अमेरिका की यह भागीदारी इस युद्ध को और भी जटिल बना रही है।


क्या ये बन जाएगा वर्ल्ड वॉर की शुरुआत?

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे इस संघर्ष ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। लगातार हमलों और जवाबी कार्रवाइयों से आशंका है कि यह युद्ध सिर्फ दो देशों तक सीमित न रह जाए। क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों की सक्रियता इस संघर्ष को विश्व युद्ध में बदल सकती है।


ईरान-इजरायल युद्ध: ‘जहन्नुम के दरवाजे खोल देंगे’ – ईरान की ललकार के बाद परमाणु ठिकानों पर बरसे इजरायली मिसाइल, 78 की मौत, पलटवार जारी

तेल अवीव/तेहरान:
मध्य-पूर्व की धरती पर एक बार फिर जंग के साए मंडराने लगे हैं। शुक्रवार को इजरायल और ईरान के बीच जिस युद्ध की शुरुआत हुई है, उसने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे को खत्म करने की कसम खा ली है और अब युद्ध सिर्फ एक सैन्य टकराव नहीं बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बन गया है।


हमले की शुरुआत: इजरायल ने पहले से रची थी रणनीति

इजरायल ने इस हमले की तैयारी पहले से ही कर ली थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायली सेना ने ईरान की सीमा के भीतर गुप्त तरीके से ड्रोन और फाइटर जेट्स की तैनाती की थी, ताकि अचानक हमले से ईरान के अहम सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया जा सके। शुक्रवार सुबह-सुबह ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ के तहत दर्जनों ठिकानों पर मिसाइलें दागी गईं।


निशाने पर थे ईरान के टॉप जनरल और वैज्ञानिक

इजरायली हमलों में ईरान के कई बड़े सैन्य अधिकारी मारे गए। इनमें प्रमुख नाम हैं:

  • मोहम्मद बाघेरी, ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ
  • हुसैन सलामी, आईआरजीसी के कमांडर-इन-चीफ
  • घोलमाली रशीद, खातम-अल अंबिया सैन्य मुख्यालय के प्रमुख

इसके अलावा, ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े 6 प्रमुख वैज्ञानिकों की भी मौत की खबर है। इजरायल का मानना है कि यह वैज्ञानिक ईरान को परमाणु हथियार के बेहद करीब ले जा रहे थे।


नतांज न्यूक्लियर साइट पर सबसे बड़ा हमला

इजरायल का सबसे बड़ा हमला ईरान के नतांज न्यूक्लियर साइट पर हुआ, जो यूरेनियम संवर्धन का मुख्य केंद्र है। यह साइट भूमिगत है और वहां सुरक्षा के अत्याधुनिक इंतजाम हैं। हालांकि, इजरायल के हमले से कितना नुकसान हुआ है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।


ईरान की चेतावनी: “जहन्नुम के दरवाजे खोल देंगे”

हमलों के बाद ईरान ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। ईरानी रक्षा मंत्रालय ने कहा,
“इजरायल ने आग से खेला है। अब हम उसकी सीमाओं में घुसकर जवाब देंगे। वह दिन दूर नहीं जब हम उसकी सरजमीं पर जहन्नुम के दरवाजे खोल देंगे।”


ईरान का पलटवार: ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 की शुरुआत

इजरायली हमलों के जवाब में ईरान ने भी जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं। उसने इस जवाबी मिशन को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 नाम दिया है। मिसाइलें और ड्रोन हमले इजरायल के कई हिस्सों में किए गए हैं। तेल अवीव के पास रमत गान में मिसाइल हमले से तीन मकान तबाह हो गए और कई गाड़ियां जल गईं।


अमेरिका की भूमिका भी आई सामने

इस पूरी लड़ाई में अमेरिका की भूमिका भी सामने आई है। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका ने एयर डिफेंस सिस्टम से इजरायल को ईरानी मिसाइलों से सुरक्षा दी है। साथ ही खुफिया सूचनाएं भी साझा की गई हैं। इससे ईरान की प्रतिक्रिया और भी उग्र हो गई है।


डोनाल्ड ट्रंप की पुरानी चेतावनी अब हो रही सच

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ महीने पहले ही चेतावनी दी थी कि
“ईरान को अब समझौता करना होगा, वरना कुछ भी नहीं बचेगा।”
आज की स्थिति में उनकी यह बात सच होती दिख रही है।


अब तक का नुकसान: 78 की मौत, 320 घायल

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इजरायली हमलों में 78 लोगों की मौत हो चुकी है और 320 से ज्यादा घायल हुए हैं। यह संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि कई इलाकों में मलबा हटाया जाना बाकी है। इनमें कई नागरिक भी शामिल हैं।


वैश्विक चिंता: क्या तीसरे विश्व युद्ध की आहट?

अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को लेकर चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय यूनियन और रूस ने तत्काल संघर्षविराम की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर युद्ध यूं ही जारी रहा तो यह पूरे मिडिल ईस्ट को जंग के मैदान में बदल सकता है, और तीसरे विश्व युद्ध जैसी स्थिति भी बन सकती है।


निष्कर्ष: अब केवल कूटनीति ही एक रास्ता है

इस युद्ध में अगर किसी की हार तय है, तो वह है इंसानियत। दोनों देशों के पास ऐसे हथियार हैं जो हजारों-लाखों जिंदगियों को मिनटों में खत्म कर सकते हैं। अब जरूरत है कि वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली देशों को मध्यस्थता के लिए आगे आना चाहिए।

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