Israel आर्मी ने भारत का गलत नक्शा दिखाया, फिर मांगी माफी | जानिए पूरा विवाद
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Israel आर्मी ने भारत का गलत नक्शा दिखाया, फिर मांगी माफी | जानिए क्या है पूरा मामला?
नई दिल्ली / यरुशलम: इजरायल और भारत के बीच मजबूत होते रणनीतिक रिश्तों के बीच एक बड़ी चूक ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने अपने एक्स हैंडल पर एक ग्राफिकल पोस्ट में भारत का जो नक्शा दिखाया, उसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया। जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, भारतीय यूजर्स ने भारी आलोचना शुरू कर दी।
कहां हुई गलती और कैसे हुआ विवाद?
IDF द्वारा पोस्ट किए गए ग्राफिक का उद्देश्य ईरान की मिसाइल रेंज को दिखाना था। इस बैकग्राउंड मैप में ईरान से लेकर दक्षिण एशिया तक के क्षेत्र दिखाए गए थे। लेकिन भारत के नक्शे में बड़ी चूक कर दी गई — जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान में शामिल दिखाया गया।
जैसे ही यह पोस्ट सामने आई, भारतीय यूजर्स ने IDF को आड़े हाथों लेना शुरू किया। कई यूजर्स ने सीधे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को टैग किया और मांग की कि पोस्ट को हटाकर माफी मांगी जाए।
इजरायली आर्मी ने मांगी माफी
विवाद गहराने के बाद, इजरायल डिफेंस फोर्स ने एक आधिकारिक प्रतिक्रिया में लिखा:
“यह पोस्ट केवल एक इलस्ट्रेशन था, न कि आधिकारिक नक्शा। सीमाओं का चित्रण सटीक नहीं था और हम किसी भी तरह की ठेस के लिए माफी मांगते हैं।”
इस स्पष्टीकरण के बावजूद भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं जारी रखीं। भारत सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन IDF की सार्वजनिक माफी को भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
🇮🇳 भारत का स्पष्ट रुख: कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग
भारत कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसके अभिन्न अंग हैं। पाकिस्तान और चीन द्वारा कब्ज़ा किए गए क्षेत्रों को भारत “अवैध कब्ज़ा” मानता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि “कश्मीर को कोई अलग नहीं कर सकता।” ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद उन्होंने दोहराया कि भारत की अखंडता से कोई समझौता नहीं होगा।
भारत-इजरायल के रिश्तों पर असर?
भारत और इजरायल के बीच हाल के वर्षों में सहयोग काफी मजबूत हुआ है। वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। इसके बाद से रक्षा, कृषि, साइबर सुरक्षा, और तकनीक के क्षेत्रों में दोनों देशों का रिश्ता और गहरा हुआ है।
इजरायल भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल है। ऐसे में IDF द्वारा नक्शे में की गई यह गलती दोनों देशों के रिश्तों में असहजता ला सकती थी, लेकिन त्वरित माफी ने विवाद को शांत कर दिया।
इजरायल और ईरान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब इजरायल और ईरान के बीच तनातनी चरम पर है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद से इजरायल ने ईरान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
IDF ने हाल ही में ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया। इजरायल का दावा है कि उसने ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया है।
इसके जवाब में ईरान ने भी दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे यरुशलम और तेल अवीव के आसमान में धमाके हुए। इन हमलों के बीच IDF ने नागरिकों से बंकरों में जाने की अपील की।
क्या यह गलती इत्तेफाक थी या जानबूझकर?
IDF द्वारा किया गया स्पष्टीकरण इसे एक ‘इलस्ट्रेशन’ की गलती बता रहा है। लेकिन इस गलती को बहुत से भारतीय यूजर्स एक सावधानीपूर्वक की जाने वाली ‘सोची-समझी लापरवाही’ मान रहे हैं। क्योंकि एक सैन्य एजेंसी का नक्शा सार्वजनिक पोस्ट से पहले कई स्तर पर जांचा-परखा जाता है।
हालांकि इजरायल की मंशा भारत को नाराज करने की नहीं लगती, क्योंकि माफी बेहद जल्दी और स्पष्ट रूप में आई। इससे यह स्पष्ट संकेत भी जाता है कि इजरायल भारत को अपना करीबी सहयोगी मानता है।
सोशल मीडिया की भूमिका
इस पूरे विवाद में सोशल मीडिया ने एक बार फिर अपनी ताकत साबित की। भारत के आम नागरिकों और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्वाभिमान से जोड़कर IDF को जवाबदेह बनाया। यह एक बार फिर दिखाता है कि डिजिटल युग में आम जनता की आवाज़ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर डाल सकती है।