नेपाल में हिंसा: सेना उतारने के बावजूद हालात तनावपूर्ण, 100 से ज्यादा गिरफ्तार
नेपाल में क्यों शुरू हुई व्यापक हिंसा?
नेपाल में राजशाही समर्थकों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों और वाहनों में आग लगा दी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। हालात इतने खराब हो गए कि प्रशासन को सेना बुलानी पड़ी। अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रदर्शनकारियों की मांग क्या है?
प्रदर्शनकारी नेपाल में फिर से राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के संयोजक दुर्गा प्रसाई के सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर संसद भवन की ओर बढ़ने के बाद स्थिति और अधिक हिंसक हो गई।
हिंसा के दौरान क्या हुआ?
- 14 इमारतों में आग लगा दी गई और नौ सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया।
- कांतिपुर टेलीविजन भवन और ‘अन्नपूर्णा मीडिया हाउस’ पर भी हमला किया गया।
- सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है।
- हिंसा के चलते कर्फ्यू लगाया गया था, जिसे बाद में हटा दिया गया।
नेपाल में हिंसा की जड़ें क्या हैं?
नेपाल में 2008 में 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर इसे धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया गया था। लेकिन कुछ समूह अब भी राजशाही की बहाली की मांग कर रहे हैं। हाल ही में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने एक वीडियो संदेश में अपने समर्थकों से एकजुट होने की अपील की थी, जिसके बाद इस आंदोलन ने जोर पकड़ लिया।
पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड का शांति संदेश
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र को बनाए रखना बेहद जरूरी है।
प्रशासन की अगली रणनीति क्या?
नेपाल की पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी दुर्गा प्रसाई अब भी फरार है और उसकी तलाश की जा रही है। सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठा रही है, ताकि नेपाल में दोबारा शांति बहाल हो सके।