Operation Sindoor: पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब, सेना और विदेश मंत्रालय ने खोली पूरी रणनीति
भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया है। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले का बदला था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके के कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा: आतंक की हर परत को बेनकाब किया गया
विदेश मंत्रालय और सेना की संयुक्त प्रेस वार्ता में इस हमले की पृष्ठभूमि, कारण और परिणाम को साफ-साफ सामने रखा गया। विदेश सचिव ने बताया कि पहलगाम हमले का मकसद देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था।
उन्होंने कहा:
“हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने मासूम पर्यटकों को उनके परिवार के सामने गोली मारी, यह घटना सिर्फ हत्या नहीं, मानसिक युद्ध था।”
सेना का जवाब: आतंक का खात्मा, नागरिकों को बख्शा
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन में कोई नागरिक या पाकिस्तानी सेना का ठिकाना निशाने पर नहीं था।
उनके शब्दों में:
“हमने पूरी तरह खुफिया सूचना के आधार पर ऑपरेशन को अंजाम दिया। सिर्फ आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर और लॉन्चपैड्स को खत्म किया गया है।”
25 मिनट की स्ट्राइक, 9 आतंकी ठिकाने तबाह
ऑपरेशन का समय भले ही कम था — केवल 25 मिनट, लेकिन इसके प्रभाव दूरगामी हैं। रात 1:05 से 1:30 बजे तक चले इस हमले में:
- 9 आतंकी अड्डे पूरी तरह खत्म किए गए
- 70 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए
- बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे पर सीधा हमला
- अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर को भी किया गया ध्वस्त
पाकिस्तान की बौखलाहट: सीमा पर फायरिंग, भारत का मुंहतोड़ जवाब
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने एलओसी के नजदीकी गांवों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें तीन लोगों की जान गई। भारतीय सेना ने इस पर भी कड़ा जवाब दिया, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
क्यों जरूरी था ऑपरेशन सिंदूर?
भारत ने यह साफ कर दिया है कि यह कार्रवाई उकसावे में नहीं की गई बल्कि आत्मरक्षा में थी। 15 दिन तक पाकिस्तान ने किसी भी जिम्मेदारी से इनकार किया, और तब भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाया।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने TRF (The Resistance Front) का नाम हटाने के लिए दबाव डाला, जिससे साफ है कि आतंकवाद में उसकी भागीदारी गहराई तक है।
सेना की चेतावनी: पाकिस्तान ने अगर फिर हिमाकत की तो मिलेगा जवाब
सेना ने स्पष्ट किया है कि अगर पाकिस्तान ने आगे कोई और गुस्ताखी की, तो उसका जवाब पहले से भी ज़्यादा सटीक और तेज़ होगा।
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