Operation Sindoor: से दहला जैश, मसूद अजहर के परिवार को बड़ा झटका
भारत द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवाद के गढ़ को हिला दिया है। इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए हैं। मसूद अजहर ने खुद बयान जारी कर इस दुखद क्षति की पुष्टि की है। उसका कहना है कि उसके परिवार के लोग अल्लाह को प्यारे हो गए, लेकिन वह खुद को इस ‘खुशकिस्मत कारवां’ का हिस्सा न बना पाने पर अफसोस जता रहा है।
भारत की जवाबी कार्रवाई में आतंकियों के ठिकाने तबाह
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी अड्डों पर एक निर्णायक हमला बोला। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आ चुकी है। इनमें जैश के कई शीर्ष कमांडर और मसूद अजहर के नजदीकी लोग भी शामिल थे।
मसूद अजहर के बयान ने खोली आतंकी संगठन की अंदरूनी हालत
अपने बयान में मसूद अजहर ने बताया कि उसके परिवार के 10 लोग मारे गए हैं जिनमें 5 छोटे बच्चे, उसकी बड़ी बहन और बहनोई, भांजा और उसकी पत्नी, एक भांजी और उसके चार करीबी शामिल हैं। उसने कहा, “काश मैं भी मर जाता। अल्लाह ने इन्हें मौत नहीं, जिंदगी दी है।”
मारे गए परिवार के सदस्यों की सूची
- 5 मासूम बच्चे (उम्र 3 से 7 साल के बीच)
- बड़ी बहन साहिबा और उनका पति
- भांजा और उसकी पत्नी
- भांजी
- 4 करीबी साथी
इन सभी की जनाजा-नमाज बहावलपुर में पढ़ी गई।
मसूद अजहर का इमोशनल बयान: “काश मैं भी साथ होता”
मसूद ने अपने बयान में भारत पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया। उसने यह भी कहा, “हमारे घर में चार बच्चे थे, सभी एक साथ चले गए। अब उनके माता-पिता अकेले रह गए हैं।” मसूद ने इसे ‘अल्लाह की विशेष कृपा’ बताते हुए कहा कि यह खुशी सिर्फ उन्हीं को नसीब होती है जिन्हें अल्लाह ताला प्यार करता है।
मस्जिद पर हमले से भड़का गुस्सा, धमकी भरे शब्दों में बयान
बयान में मसूद अजहर ने दावा किया कि बहावलपुर की जामा मस्जिद भी इस हमले में क्षतिग्रस्त हुई है। उसने कहा, “अब वहां किसी को रहम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। दुश्मनों के वंशज भी यह हमला याद रखेंगे।”
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की रणनीति और आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंकियों के गढ़ में घुसकर करारा जवाब दिया हो, लेकिन इस बार की कार्रवाई न केवल सैन्य दृष्टिकोण से प्रभावशाली रही, बल्कि मनोवैज्ञानिक मोर्चे पर भी जैश जैसे संगठन को हिला कर रख दिया है। मसूद का सार्वजनिक बयान इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
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Source – India tv
Written by – Pankaj Chaudhary