Pakistan के गोदाम में वो कौन से घातक हथियार, जिनका तोड़ अब भी नहीं भारत के पास, एक तो है अमेरिका से भी तेज

पाकिस्तान के सैन्य गोदामों में कुछ ऐसे अत्याधुनिक और खतरनाक हथियार मौजूद हैं, जिनका भारत के पास अब तक कोई प्रभावी जवाब नहीं है। इनमें एक हथियार तो अमेरिका की तकनीक को भी पछाड़ता बताया जा रहा है। मिसाइल तकनीक, हाइपरसोनिक क्षमता और ड्रोन वारफेयर के मामलों में पाकिस्तान कुछ खास क्षेत्रों में भारत से दो कदम आगे दिखता है। यह स्थिति भारत की सुरक्षा नीति पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या अब समय आ गया है कि भारत अपनी डिफेंस टेक्नोलॉजी में नई क्रांति लाए?
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पाकिस्तान और भारत के बीच तब से तनाव चला आ रहा है, जब से ये मुल्क अस्तित्व में आया है. आजादी के इतने सालों बाद भारत ने जहां खुद को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई, वहीं पाकिस्तान ने खुद को एक ऐसे मुल्क के तौर पर खड़ा किया है, जो अपना सारा पैसा और वक्त आतंकवाद को पालने-पोसने में खर्च करता है. वहां की जनता के पास खाने को दाने भले ही ना हों, लेकिन गोदाम में एक से बढ़कर एक हथियार मौजूद हैं.
भारत और पाकिस्तान के सैन्य और परमाणु क्षमताओं की तुलना करें तो दोनों देशों के पास आधुनिक हथियार प्रणालियां और परमाणु शस्त्रागार हैं. वैसे तो भारत की सैन्य क्षमता के आगे पाकिस्तान कहीं नहीं टिकता लेकिन कुछ ऐसे हथियार हैं, जिनका तोड़ भारत के अभी तलाश रहा है. भारत की सैन्य क्षमता, खासतौर पर पारंपरिक और परमाणु हथियारों में, पाकिस्तान से बेहतर है लेकिन कुछ मामलों में पाकिस्तान की कुछ हथियार प्रणालियां ऐसी हैं, जो भारत के लिए चुनौती पेश कर सकती हैं. चलिए जानते हैं उन्हीं हथियारों के बारे में.
सामरिक परमाणु हथियार

पाकिस्तान के पास नस्र (हत्फ-9) जैसी कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता 70 किमी है और ये सामरिक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं. ये हथियार भारत की कोल्ड स्टार्ट रणनीति यानि सीमा पार तेज़ी से हमले का जवाब देने के लिए बनाई गई हैं. भारत के पास सामरिक परमाणु हथियारों का कोई तोड़ नहीं है क्योंकि भारत की परमाणु नीति नो फर्स्ट यूज़ (NFU) और बड़े पैमाने पर जवाबी हमले पर केंद्रित है. पाकिस्तान की यह क्षमता भारत के लिए चुनौती हो सकती है, क्योंकि भारत की S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली कम दूरी की मिसाइलों को रोकने में पूरी तरह प्रभावी नहीं हो सकती.
J-10C फाइटर जेट और PL-15 मिसाइल
पाकिस्तान ने इधर कुछ सालों में चीन से J-10C फाइटर जेट्स हासिल किए हैं, जो एडवांस रडार और PL-15 हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं. PL-15 की मारक क्षमता 90 मील यानि लगभग 145 किमी या उससे भी ज्यादा है, जो भारत के पास मौजूद AIM-120 AMRAAM मिसाइलों की तुलना में लंबी दूरी प्रदान करती है. मई 2025 के भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान J-10C ने भारतीय राफेल जेट्स को निशाना बनाया था. भारत के पास राफेल और मिराज-2000 जैसे बेहतरीन फाइटर जेट हैं लेकिन PL-15 की लंबी दूरी भारत की हवाई रक्षा रणनीति को चुनौती दे सकती है.

HQ-9P और HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान ने चीन से HQ-9P और HQ-16 सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली हासिल की है. हालांकि, मई 2025 के संघर्ष में भारतीय हमलों ने इन प्रणालियों को नष्ट कर दिया, जिससे उनके प्रभाव पर सवाल उठे. बावजूद इसके ये भारत के लिए टेम्परेरी चैलेंज तो हैं ही. भारत की S-400 प्रणाली इनसे ज्यादा एडवांस है लेकिन इनकी तैनाती भारत के एयर स्ट्राइक के लिए चुनौती बन सकती है.
चीन से मिलेगा J-35A
पाकिस्तान को चीन से J-35A फिफ्थ जेनरेशन का स्टील्थ फाइटर जेट मिलने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने 40 J-35A जेट्स की खरीद को मंजूरी दी है, जिनकी डिलीवरी 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक शुरू होने की उम्मीद है. ये सौदा चीन का पहला पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट का निर्यात होगा, जो भारत के लिए चुनौती साबित होगा. भारत के पास अब तक 4.5 जेनरेशन के राफेल विमान हैं, लेकिन पांचवीं पीढ़ी का कोई फाइटर जेट नहीं है. भारत इस तकनीक पर मार्क-1 और मार्क-2 बना रहा है लेकिन इसमें अभी समय लगेगा.
बैदू नैविगेशन सिस्टम
पाकिस्तानी सेना की ‘आंख’ माना जाने वाले चीन का बैदू नेविगेशन सिस्टम है, जो दुनिया की सबसे बेहतरीन नैविगेशन टेक्नोलॉजी है. बैदू नेविगेशन सिस्टम चीन का स्वदेशी जीपीएस है, जो अमेरिका के GPS, रूस के GLONASS और यूरोप के Galileo की तरह काम करता है. यह सिस्टम 2020 में पूरी तरह चालू हुआ और कहते हैं कि 100 गुना ज्यादा सटीक जानकारी देता है. पाकिस्तान दुनिया का पहला मुल्क है, जिसे बैदू सिस्टम का मिलिट्री लेवल एक्सेस मिला हुआ है.बैदू नेविगेशन सिस्टम तीन कक्षा GEO, IGSO, MEO में काम करता है. इससे हथियारों की सटीक टारगेटिंग और इंफॉर्मेशन शेयरिंग में मदद मिलती है.यह सिस्टम पाकिस्तान की अमेरिकी GPS पर निर्भरता खत्म करता है, जिससे डेटा हेरफेर का खतरा कम होता है.
भारत की जवाबी क्षमता
पाकिस्तान के इन हथियारों के जवाब में भारत के पास अग्नि-V (8,000 किमी रेंज) जैसी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें, राफेल जेट्स, और S-400 वायु रक्षा प्रणाली हैं, जो पाकिस्तान की शाहीन-III (2750 किमी) और अन्य सिस्टम्स से बेहतर हैं. भारत की तीनों सेनाएं और 180 परमाणु हथियारों का शस्त्रागार पाकिस्तान के 170 हथियारों से बहुत बेहतर है.